लखनऊ : आशनाई में पूर्व प्रेमी की हत्याकर उसकी लाश इंदिरा नहर में फेंकने की आरोपी नजमा को अपर सत्र न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 15 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है.
भाई ने ठाकुरगंज थाने में दर्ज कराई थी रिपोर्ट
अभियोजन की ओर से एडीजीसी दुष्यंत मिश्रा ने अदालत को बताया कि इस मामले की रिपोर्ट वादी गंगाराम ने 0 9 जुलाई 2007 को थाना ठाकुरगंज में दर्ज कराई थी. जिसमें वादी ने कहा कि उसका भाई राजेंद्र उर्फ सुट्टू टेंपो चलाता है. वह अभियुक्त नजमा के साथ संबंध रखता था और लगभग तीन-चार साल से किराए का मकान लेकर कनक सिटी ठाकुरगंज में रहता था. अदालत को बताया गया कि 06 जुलाई को राजू मौर्य से वादी ने सुत्तू के बारे में पूछा. जिस पर पता लगा कि 0 4 जुलाई की रात 12 बजे कुछ लोगों के साथ दुबग्गा गया था लेकिन लौटा नहीं.
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पुलिस ने नजमा को हत्यारोपी बना आरोप पत्र दाखिल किया
अदालत को बताया गया कि कनक सिटी में जानकारी करने पर नजमा ने बताया कि रात करीब 12 बजे दो अज्ञात लोग घर पर आए और सुट्टू को टेंपो से लेकर चले गए. कहा गया कि रिश्तेदारों में जानकारी की गई लेकिन पता न चलने पर सुट्टू के गायब होने की रिपोर्ट ठाकुरगंज थाने में दर्ज कराई गई. विवेचना के दौरान पुलिस ने नजमा को हत्यारोपी बनाते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया.
अदालत ने नजमा को हत्या का दोषी पाया
अदालत ने नजमा को हत्या का दोषी पाते हुई अपने निर्णय में कहा कि नजमा ने अपने साथ रह रहे राजेंद्र उर्फ सुट्टू की अपने ही घर में सिलबट्टे से गला दबाकर हत्या कर और लाश गायब कर दी. कहा गया है कि हत्या करने के बाद नजमा ने राजेंद्र की लाश इंदिरा नहर में बहा दी. जिससे उसके विरुद्ध कोई साक्ष्य न मिल सके. अदालत ने कहा है कि अभियुक्ता के इस कृत्य से स्पष्ट है कि वह चालाक एवं अपराधिक प्रवृत्ति की महिला है. इसके कारण उसके प्रति नरमी बरता जाना उचित नहीं है.
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