लखनऊ : जिला प्रशासन के अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों के मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का डेमो दे रहे हैं. डेमो के जरिए वोटरों को इन मशीनों के प्रयोग के तरीके बताए जा रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार सभी ईवीएम मशीनों के साथ विविपैट भी होगी. इसके जरिए मतदाता यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनके दिए वोट सही प्रत्याशी को गए हैं भी या नहीं.
मतदान करने के 7 सेकंड बाद तक वीवीपैट पर वह चुनाव चिन्ह प्रदर्शित होगा, जिसे वोट दिया गया है. मतदाता इसे देखकर निश्चिंत हो सकते हैं, कि उन्होंने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है, वह उसी को मिला है. वीवीपैट पर प्रदर्शित होने के साथ ही एक पर्ची पर भी वोट दिए गए उम्मीदवार का चिन्ह प्रदर्शित होता है. इससे वोटिंग में हेरफेर की संभावनाएं नहीं रह जाती हैं. अभी तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दो मशीनें हुआ करती थीं. एक मशीन को बैलेटिंग मशीन या बैलट यूनिट और दूसरी को कंट्रोल यूनिट कहा जाता है. बैलट यूनिट वह मशीन होती है जिस पर उम्मीदवारों व पार्टी के चिन्ह सहित बटन दिए होते हैं. मतदाता इसी मशीन पर बटन दबाकर अपने उम्मीदवार को वोट देता है. कंट्रोल यूनिट में यह मतदान सुरक्षित रिकॉर्ड किए जाते हैं. यह दोनों मशीनें 5 मीटर के वायर से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं.
क्या ईवीएम को किसी भी तरीके से हैक किया जा सकता है?
इस बार के चुनाव में वीवीपैट को भी ईवीएम मशीन में जोड़ दिया गया है. कंट्रोल यूनिट दोनों मशीनों के बीच में जुड़ा होता है. ऐसे में जब मतदाता बैलट यूनिट पर बटन दबाता है, उसके बाद वह मतदान वीवीपैट पर प्रदर्शित हो कर कंट्रोल यूनिट में कलेक्ट हो जाता है. ईवीएम मशीन को सुरक्षित बनाने के लिए इसे कई चरणों की सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ता है. ईवीएम मशीन में जो चिप लगाई जाती है वह वन टाइम प्रोग्रामिंग चिप होती है, जिस के प्रोग्राम को बदला नहीं जा सकता है. वहीं ईवीएम मशीन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी वायर या वायरलेस से कनेक्ट नहीं किया जा सकता है. इंटरनेट की मदद से भी ईवीएम मशीन को प्रभावित नहीं किया जा सकता है.
मतदाताओं ने कुछ यूं सीखा मतदान करना
डेमोंस्ट्रेशन में मतदाताओं को ईवीएम मशीन के प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है. पहले उन्हें ईवीएम के बारे में बताया जाता है, उसके बाद उन्हें ईवीएम पर वोट डलवा कर वोट डालने की प्रक्रिया सिखाई जाती है. अधिकारी मतदाताओं को पहले बैलट यूनिट पर वोट करने के लिए बटन दबवाते हैं. उसके बाद वीवीपैट पर चेक करने को कहते हैं कि देखिए आपने जिस को वोट दिया था उसी को मिला है कि नहीं. इस डेमोंस्ट्रेशन के दौरान अधिकारी मतदाताओं को ईवीएम के सुरक्षित होने के बारे में जानकारी भी दे रहे हैं.