नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों हाइपरटेंशन के मामले में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही हैं. जिससे एक ओर लोगों को परेशानी हो रही है वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों के सामने भी हाइपरटेंशन का मामला एक चुनौती के रूप में बनता जा रहा है.
दिल्ली-एनसीआर की भागदौड़ भरी जिंदगी और देर रात तक सोशल मीडिया का उपयोग करना हाइपरटेंशन का मुख्य कारण बनता जा रहा है. आखिर दिल्ली-एनसीआर में हाइपरटेंशन यानी ब्लड प्रेशर के मरीज किस तरीके से बढ़ रहे हैं और इसका क्या असर पड़ रहा है.
इस विषय को लेकर ईटीवी भारत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर करण मदान से बातचीत की.
25-30 फीसदी लोग प्रभावित
असिस्टेंट प्रोफेसर करण मदान ने बताया कि हाइपरटेंशन के मरीजों की बात की जाए तो भारत में यह 25-30 प्रतिशत लोगों को है. भागदौड़ भरी जिंदगी, समयानुसार खानपान और उचित स्वास्थ्य के लिए अपने आप को समय न दे पाना मुख्य वजह होती है.
उन्होंने बताया कि कई बार यह जेनेटिक भी होती है, लेकिन जिस तरीके से आज दिल्ली- एनसीआर में लोग समय का ध्यान न रखकर काम करते हैं. जिस कारण ये समस्याएं उत्पन्न होती हैं.
युवाओं में भी है इसका असर
प्रोफेसर मदान ने बताया कि 25 साल से ऊपर की उम्र वालों में ब्लड प्रेशर की शिकायत होने लगी है. जिस कारण से लोगों की नींद तक अब उड़ने लगी है.
जिसकी वजह से स्लीप एपनिया (नींद न आना) जैसी बीमारी भी हो रही है. इसलिए बेहतर होगा कि आप मानसिक चिंता और अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से समय निकालकर थोड़ा वक्त शरीर पर भी दें.
उन्होंने बताया कि आज खानपान और टेंशन की वजह से ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है. जोकि युवाओं में भी काफी बढ़ रही है इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य के प्रति सजगता बरतें.
शरीर के इन हिस्सों में होता है असर
प्रोफेसर मदान ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी ब्लड प्रेशर के चलते शरीर के कई हिस्सों में इसका असर देखने को मिलता है.
उन्होंने बताया कि इसमें आंखें, किडनी और ह्रदय पर खासा असर पड़ता है. उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में जंक फूड एक बड़ा हिस्सा बन गया है. इसलिए तली हुई चीजें, कम नमक मीठा न खाने पर गौर दें.
जिससे कि ब्लड प्रेशर पर शिकंजा कसा जा सके और समय रहते डॉक्टर के पास जाकर मेडिसन लें जिससे कि इस बीमारी से आप बच सकें.