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प्रियंका की सक्रियता भी थाम नहीं पा रही पुराने कांग्रेसियों का साथ, लगातार पार्टी से दूर हो रहे बड़े नेता

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी लगातार उत्तर प्रदेश की सियासत में सक्रिय हैं. यूपी में पार्टी को संजीवनी दिलाने के लिए उनकी कोशिशें लगातार जारी हैं.

लगातार पार्टी से दूर हो रहे बड़े नेता
लगातार पार्टी से दूर हो रहे बड़े नेता
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Published : Oct 12, 2021, 4:10 PM IST

लखनऊः संगठन को मजबूती देने के लिए प्रियंका गांधी लगातार पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं. वे लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रही है. इसके बावजूद इसके वे अपने ही नेताओं को पार्टी में रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है. लगातार पार्टी के नेता कांग्रेस का हाथ छोड़कर दूसरी पार्टियों के साथ खड़े हो रहे हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी की रणनीति पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. आखिर ऐसी क्या वजह है कि पार्टी के नेता हाथ पकड़े रहने के बजाय हाथ झटक रहे हैं.

उत्तर प्रदेश की सियासत में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर रेस में आने के लिए जद्दोजहद कर रही है. 32 सालों से पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता से दूर है. इस बार राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने हाथ में कमान ले रखी है और वे लगातार कोशिशें भी कर रही हैं कि कांग्रेस को यूपी में जीत की संजीवनी मिल जाए. लेकिन प्रियंका गांधी के अरमानों पर उनके अपने ही नेता पानी भी फेर सकते हैं. लगातार जिस तरह से प्रियंका गांधी का साथ छोड़कर बड़े नेता दूसरी पार्टियों के साथ जा रहे हैं. उससे प्रियंका गांधी की उम्मीदों पर पानी भी फिर सकता है. कांग्रेस के पूर्व सांसद राजा रामपाल ने पार्टी को अलविदा कह दिया है और वे हाथ का साथ छोड़कर अखिलेश के साथ साइकिल पर सवार हो गए हैं. इससे पहले हाल ही में औरंगाबाद घराने के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने भी हाथ का साथ छोड़ दिया था. इतना ही नहीं पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी भी कांग्रेस से अलविदा कह चुके हैं. विनोद चतुर्वेदी भी कांग्रेस का हाथ छोड़ सपा के साथ हो लिए हैं. यह सिलसिला लगातार जारी है. अभी कुछ और नेताओं के दूसरी पार्टी में जाने की तैयारी है.

प्रियंका की सक्रियता भी थाम नहीं पा रही पुराने कांग्रेसियों का साथ
इन नामों पर पार्टी में हो रही चर्चाएं

पूर्व सांसद राजाराम पाल के बाद अब कुछ और नेताओं के कांग्रेस छोड़कर जाने की चर्चाएं पार्टी के बीच आम हो रही हैं. हालांकि ये नेता कब कांग्रेस छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामेंगे, यह कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन जैसे ही किसी पार्टी में इनका काम बनेगा उनके कदम उस ओर बढ़ जाएंगे. इन नेताओं में पश्चिम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए मजबूत माने जाने वाले इमरान मसूद पहला नाम है. इसके बाद पार्टी के वर्तमान विधायक नरेश सैनी, पूर्व विधायक बंसीलाल पहाड़िया, पंकज मलिक और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर तक का नाम चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है.

कांग्रेसी थाम रहे एसपी का हाथ
कांग्रेसी थाम रहे एसपी का हाथ
लगभग हर रोज हो रही रुखसती शायद ही कोई दिन या सप्ताह गुजरता हो जब कांग्रेस का कोई नेता पार्टी से रुखसत न होता हो. यह तब हो रहा है जब प्रियंका गांधी खुद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं. कांग्रेस पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि नेताओं के लगातार रूठने की वजह यही है कि उन्हें प्रियंका गांधी से मिलने तक का समय नहीं दिया जा रहा है. कई कोशिशों के बावजूद पार्टी के बड़े नेता प्रियंका के आसपास तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे नाराज होकर ही वे पार्टी से दूर जा रहे हैं.
जावेद अहमद, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
जावेद अहमद, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

इसे भी पढ़ें- भाजपा का सफाया करने के लिए निकाल रहे हैं 'विजय रथ यात्रा': अखिलेश यादव

क्या कहते हैं कांग्रेस के नेता

कांग्रेस के नेताओं के लगातार हाथ छोड़ने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जावेद अहमद कहते हैं कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं. अभी हाल ही में बनारस की सफल रैली संपन्न हुई है, तो लगातार कांग्रेस पार्टी मजबूत हो रही है. जनता कांग्रेस पार्टी के साथ है. जहां तक नेताओं के कांग्रेस पार्टी छोड़ने का सवाल है तो जिनकी विचारधारा कांग्रेस की नहीं है. जिनका कोई वैचारिक आधार नहीं है, जो लोभ और लालच के चलते कांग्रेस पार्टी के साथ आए थे वहीं दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं. जिनकी विचारधारा कांग्रेस की है वह कभी कांग्रेस पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगे. आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में आएंगे.

लखनऊः संगठन को मजबूती देने के लिए प्रियंका गांधी लगातार पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं. वे लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रही है. इसके बावजूद इसके वे अपने ही नेताओं को पार्टी में रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है. लगातार पार्टी के नेता कांग्रेस का हाथ छोड़कर दूसरी पार्टियों के साथ खड़े हो रहे हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी की रणनीति पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. आखिर ऐसी क्या वजह है कि पार्टी के नेता हाथ पकड़े रहने के बजाय हाथ झटक रहे हैं.

उत्तर प्रदेश की सियासत में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर रेस में आने के लिए जद्दोजहद कर रही है. 32 सालों से पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता से दूर है. इस बार राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने हाथ में कमान ले रखी है और वे लगातार कोशिशें भी कर रही हैं कि कांग्रेस को यूपी में जीत की संजीवनी मिल जाए. लेकिन प्रियंका गांधी के अरमानों पर उनके अपने ही नेता पानी भी फेर सकते हैं. लगातार जिस तरह से प्रियंका गांधी का साथ छोड़कर बड़े नेता दूसरी पार्टियों के साथ जा रहे हैं. उससे प्रियंका गांधी की उम्मीदों पर पानी भी फिर सकता है. कांग्रेस के पूर्व सांसद राजा रामपाल ने पार्टी को अलविदा कह दिया है और वे हाथ का साथ छोड़कर अखिलेश के साथ साइकिल पर सवार हो गए हैं. इससे पहले हाल ही में औरंगाबाद घराने के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने भी हाथ का साथ छोड़ दिया था. इतना ही नहीं पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी भी कांग्रेस से अलविदा कह चुके हैं. विनोद चतुर्वेदी भी कांग्रेस का हाथ छोड़ सपा के साथ हो लिए हैं. यह सिलसिला लगातार जारी है. अभी कुछ और नेताओं के दूसरी पार्टी में जाने की तैयारी है.

प्रियंका की सक्रियता भी थाम नहीं पा रही पुराने कांग्रेसियों का साथ
इन नामों पर पार्टी में हो रही चर्चाएं

पूर्व सांसद राजाराम पाल के बाद अब कुछ और नेताओं के कांग्रेस छोड़कर जाने की चर्चाएं पार्टी के बीच आम हो रही हैं. हालांकि ये नेता कब कांग्रेस छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामेंगे, यह कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन जैसे ही किसी पार्टी में इनका काम बनेगा उनके कदम उस ओर बढ़ जाएंगे. इन नेताओं में पश्चिम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए मजबूत माने जाने वाले इमरान मसूद पहला नाम है. इसके बाद पार्टी के वर्तमान विधायक नरेश सैनी, पूर्व विधायक बंसीलाल पहाड़िया, पंकज मलिक और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर तक का नाम चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है.

कांग्रेसी थाम रहे एसपी का हाथ
कांग्रेसी थाम रहे एसपी का हाथ
लगभग हर रोज हो रही रुखसती शायद ही कोई दिन या सप्ताह गुजरता हो जब कांग्रेस का कोई नेता पार्टी से रुखसत न होता हो. यह तब हो रहा है जब प्रियंका गांधी खुद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं. कांग्रेस पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि नेताओं के लगातार रूठने की वजह यही है कि उन्हें प्रियंका गांधी से मिलने तक का समय नहीं दिया जा रहा है. कई कोशिशों के बावजूद पार्टी के बड़े नेता प्रियंका के आसपास तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे नाराज होकर ही वे पार्टी से दूर जा रहे हैं.
जावेद अहमद, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
जावेद अहमद, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

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क्या कहते हैं कांग्रेस के नेता

कांग्रेस के नेताओं के लगातार हाथ छोड़ने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जावेद अहमद कहते हैं कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं. अभी हाल ही में बनारस की सफल रैली संपन्न हुई है, तो लगातार कांग्रेस पार्टी मजबूत हो रही है. जनता कांग्रेस पार्टी के साथ है. जहां तक नेताओं के कांग्रेस पार्टी छोड़ने का सवाल है तो जिनकी विचारधारा कांग्रेस की नहीं है. जिनका कोई वैचारिक आधार नहीं है, जो लोभ और लालच के चलते कांग्रेस पार्टी के साथ आए थे वहीं दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं. जिनकी विचारधारा कांग्रेस की है वह कभी कांग्रेस पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगे. आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में आएंगे.

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