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लखनऊ: 'पिछली सरकारों ने भारत को अपना देश नहीं समझा'

यूपी की राजधानी लखनऊ में ईटीवी भारत ने केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने पर लोगों से उनकी राय जानी. आईये जानते हैं क्या कहना है राजधानीवासियों का...

ईटीवी भारत ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने पर लोगों से उनकी राय जानी.
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Published : Aug 13, 2019, 7:55 AM IST

लखनऊ: जम्मू-कश्मीर में 1954 में अनुच्छेद 370 की शुरुआत हुई थी. करीब 65 वर्ष बीतने के बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया. इसमें जम्मू-कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख 2 केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया. इस पर जब ईटीवी भारत ने लोगों से बात-चीत कर उनकी राय जाननी चाही तो किसी ने पिछली सरकारों को कोसा तो किसी ने इस फैसले का स्वागत किया.

ईटीवी भारत ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने पर लोगों से उनकी राय जानी.

टड़ियन मंदिर के महंत कहते हैं कि पहले आई सरकारों ने देश को अपना देश नहीं समझा. यह मुद्दा जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है. इस सरकार ने पहले ही कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाया जाएगा और सरकार ने वह कर दिखाया. इस कार्य के लिए मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह पार्टी इस देश को शांति और अमन की ओर ले जा रही है. वहीं तालकटोरा कर्बला के सैयद फैजी का कहना है कि यह बहुत अच्छा फैसला है. पहले जब अनुच्छेद 370 नहीं था तो किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं होती थी. इस फैसले से लोगों को काफी फायदा होगा. अनुच्छेद 370 पहले ही हट जाना चाहिए था.

यह सरकार का ऐतिहासिक फैसला है, इससे काफी सुधार होगा. इससे हिंदुस्तान को लाभ होगा, साथ ही कश्मीर में बेरोजगार युवकों को रोजगार भी मिलेगा. धारा 370 हटने से टूरिज्म भी काफी बढ़ेगा. पिछली सरकारों ने कुछ भी नहीं किया, अगर चाहती तो यह फैसला ले सकती थी.
-धर्मेंद्र सिंह, बुड्ढा साहिब गुरुद्वारा के धार्मिक सचिव

अनुच्छेद 370 हटाना केंद्र सरकार का बहुत ही ऐतिहासिक फैसला है. इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं. धारा 370 हटने से जो कश्मीरी पंडित कश्मीर में मारे गए थे, उनकी आत्मा को शांति मिली होगी. सैनिकों और उनके परिवार वालों का आत्मविश्वास लौटा है.
-शैलेंद्र तिवारी, अध्यक्ष, बालाजी महासभा

लखनऊ: जम्मू-कश्मीर में 1954 में अनुच्छेद 370 की शुरुआत हुई थी. करीब 65 वर्ष बीतने के बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया. इसमें जम्मू-कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख 2 केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया. इस पर जब ईटीवी भारत ने लोगों से बात-चीत कर उनकी राय जाननी चाही तो किसी ने पिछली सरकारों को कोसा तो किसी ने इस फैसले का स्वागत किया.

ईटीवी भारत ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने पर लोगों से उनकी राय जानी.

टड़ियन मंदिर के महंत कहते हैं कि पहले आई सरकारों ने देश को अपना देश नहीं समझा. यह मुद्दा जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है. इस सरकार ने पहले ही कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाया जाएगा और सरकार ने वह कर दिखाया. इस कार्य के लिए मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह पार्टी इस देश को शांति और अमन की ओर ले जा रही है. वहीं तालकटोरा कर्बला के सैयद फैजी का कहना है कि यह बहुत अच्छा फैसला है. पहले जब अनुच्छेद 370 नहीं था तो किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं होती थी. इस फैसले से लोगों को काफी फायदा होगा. अनुच्छेद 370 पहले ही हट जाना चाहिए था.

यह सरकार का ऐतिहासिक फैसला है, इससे काफी सुधार होगा. इससे हिंदुस्तान को लाभ होगा, साथ ही कश्मीर में बेरोजगार युवकों को रोजगार भी मिलेगा. धारा 370 हटने से टूरिज्म भी काफी बढ़ेगा. पिछली सरकारों ने कुछ भी नहीं किया, अगर चाहती तो यह फैसला ले सकती थी.
-धर्मेंद्र सिंह, बुड्ढा साहिब गुरुद्वारा के धार्मिक सचिव

अनुच्छेद 370 हटाना केंद्र सरकार का बहुत ही ऐतिहासिक फैसला है. इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं. धारा 370 हटने से जो कश्मीरी पंडित कश्मीर में मारे गए थे, उनकी आत्मा को शांति मिली होगी. सैनिकों और उनके परिवार वालों का आत्मविश्वास लौटा है.
-शैलेंद्र तिवारी, अध्यक्ष, बालाजी महासभा

Intro:(15 अगस्त स्पेशल)

'पिछली सरकारों ने भारत को अपना देश नहीं समझा'

लखनऊ : जम्मू एंड कश्मीर में करीब 1954 में धारा 370 की शुरुआत हुई थी। करीब 65 वर्ष बीतने के बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया। जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के 2 केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया। इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने जब लोगों से बातचीत की तो किसी ने पिछली सरकारों को कोसा तो किसी ने इस फैसले का स्वागत किया। आइए जानते हैं लोगों की राय...


Body:बाइट वन- शास्त्री व महंत, टड़ियन मंदिर
पहले आई सरकारों ने अपने देश को अपना देश नहीं समझा। यह मुद्दा जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है। इस सरकार ने पहले ही कहा था की धारा 370 हटाई जाएगी और इस सरकार ने वह कर दिखाया। इस कार्य के लिए मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह पार्टी इस देश को शांति और अमन की ओर ले जा रही है।

बाइट दो- सैयद फैजी, मुतावल्ली, तालकटोरा कर्बला
यह बहुत अच्छा फैसला है। पहले जब धारा 370 नहीं थी तो किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं होती थी। इस फैसले से लोगों को काफी फायदा होगा। धारा 370 35 से पहले ही हट जानी चाहिए थी।

बाइट तीन- धर्मेंद्र सिंह, बुड्ढा साहिब गुरुद्वारा, धार्मिक सचिव
यह सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। इससे काफी सुधार होगा। इससे हिंदुस्तान को लाभ होगा। साथ ही कश्मीर में बेरोजगार युवकों को रोजगार भी मिलेगा। धारा 370 हटने से टूरिज्म भी काफी बढ़ेगा। पिछली सरकारों ने कुछ भी नहीं किया, अगर चाहती तो यह फैसला ले सकती थी।

बाइट चार- शैलेंद्र तिवारी, अध्यक्ष, बालाजी महासभा

धारा 370 हटाना केंद्र सरकार का बहुत ही ऐतिहासिक फैसला है। इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। धारा 370 हटना से जो कश्मीरी पंडित कश्मीर में मारे गए थे उनकी आत्मा को शांति मिली होगी। योगी सैनिक वहां पत्थर खा रहे थे उनका व उनके परिवार वालों का आत्मविश्वास लौटा है।



Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
8318787082
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