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ईटीवी भारत की टीम ने की मदद, 21 प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ से यूपी रवाना - चंडीगढ़ से यूपी भेजे गए प्रवासी मजदूर

ईटीवी भारत की टीम ने 21 प्रवासी मजदूरों को उनके घर उत्तर प्रदेश के हरदोई जाने में उनकी मदद की. गुरुवार को मजदूर रात के अंधेरे में सड़क पर भटक रहे थे. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने उनकी मदद का बीड़ा उठाया और शुक्रवार शाम को मजदूरों को ट्रेन से उनके घर उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले रवाना कर दिया गया.

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ईटीवी भारत की टीम से 21 प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ से यूपी रवाना.
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Published : May 16, 2020, 8:26 PM IST

चंडीगढ़ः कोरोना संकट के दौरान चंडीगढ़ में फंसे 21 प्रवासी मजदूरों को ईटीवी भारत की टीम ने उनके घर उत्तर प्रदेश के हरदोई भेजने में बड़ी भूमिका अदा की. प्रशासन की ओर से मैसेज आने के बाद प्रवासी मजदूर अपने परिवार और बच्चों के साथ सेक्टर 43 के बस स्टैंड पर पहुंचे थे, लेकिन वहां पर न तो उनका मेडिकल चेकअप हुआ और न ही उन्हें घर भेजा गया. उसके बाद मजदूर पैदल ही चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे, लेकिन वहां से भी उनको भगा दिया गया. जिसके चलते प्रवासी मजदूर अपने परिवार और समान के साथ सड़कों पर भटकने को मजबूर थे. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने प्रवासी मजदूरों की मदद की और आखिरकार शुक्रवार शाम को वो लोग अपने घर जाने के लिए ट्रेन से रवाना हुए.

ईटीवी भारत की टीम ने की प्रवासी मजदूरों की मदद.

दर-दर भटक रहे थे प्रवासी मजदूर
प्रशासन का मैसेज मिलने के बाद मजदूरों ने गुरुवार को चंडीगढ़ में अपना किराए का घर छोड़ दिया था. जिसके बाद रात के अंधेरे में वो सड़क पर भटक रहे थे. बच्चे को गोद में लेकर चल रही महिला बेहाल हो चुकी थी. पैदल चल रहे बच्चों के पैरों में छाले पड़ गए थे. इसी बीच जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम उनके पास पहुंची और प्रशासनिक अधिकारियों तक मामले को पहुंचाया और उन्हें उनकी चूक और जिम्मेदारियां का एहसास कराया, जिसके बाद मजदूरों को मदद मिली.

ईटीवी भारत की टीम ने कैसे की मजदूरों की मदद ?

  • गुरुवार रात 8.30 बजे किसी शख्स ने चंडीगढ़ में ईटीवी भारत के न्यूज कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र सिंह जिष्टू को प्रवासी मजदूरों की परेशानियों के बारे में जानकारी दी.
  • करीब 9.15 बजे रात को ईटीवी भारत की टीम प्रवासी मजदूरों के पास पहुंची, ईटीवी भारत की टीम को प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ में सेक्टर 28 के पेट्रोल पंप से कुछ दूरी पर मिले.
  • 9:30 बजे रात को ईटीवी भारत की टीम ने हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल कर प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
  • 9.50 बजे रात को प्रशासन की बस मौके पहुंची और रात गुजारने के लिए प्रवासी लोगों को सेक्टर - 45 बड़ैल भेजा गया.
  • करीब 10.15 बजे रात को बस प्रवासियों को लेकर बड़ैल पहुंची.
  • 10.45 बजे रात को प्रवासी लोगों को प्रशासन ने खाना मुहैया कराया.
  • शुक्रवार सुबह 9.00 बजे ईटीवी भारत की टीम को प्रवासी लोगों का फोन आया. उन्होंने बताया कि आज उन्हें ट्रेन से जाना है. क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें घर भेजने का भरोसा दिया था. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों को कॉल किया.
  • शुक्रवार दोपहर 12:00 बजे ईटीवी भारत की टीम ने प्रवासियों के लिए बस का इंतजाम कराया. जहां से उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए सेक्टर- 43 के बस स्टैंड ले जाया गया.
  • मेडिकल के बाद शुक्रवार शाम 5.00 बजे प्रवासियों को बस से रेलवे स्टेशन लाया गया.
  • शाम करीब 7.30 बजे ट्रेन प्रवासी लोगों को लेकर हरदोई के लिए रवाना हुई.

ये भी पढ़ेंः- चंडीगढ़ः प्रशासन की लापरवाही बढ़ा रही प्रवासियों की मुसीबतें

प्रशासन ने की ईटीवी भारत की कोशिशों की तारीफ
प्रवासी मजदूरों के बारे में जानकारी मिलने के बाद से ट्रेन में बैठकर उनके हरदोई रवाना होने तक ईटीवी भारत की टीम प्रवासी लोगों के साथ संपर्क में बनी रही और प्रशासन से उन्हें मदद दिलाती रही. इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने भी ईटीवी भारत की जमकर तारीफ की.

प्रशासन की लापरवाही, प्रवासियों के लिए मुसीबत
पूरे मामले ने प्रशासनिक लेवल पर कम्युनिकेशन गैप और कोऑर्डिनेशन की कमी को भी भी उजागर कर दिया और ये भी साफ कर दिया कि प्रशासनिक अधिकारियों की एक छोटी सी लापरवाही किसी आम आदमी के लिए कितनी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है.

आपको बता दें कि चंडीगढ़ से रोज दो ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश और बिहार भेजा जा रहा है. शुक्रवार तक तेरह हजार से ज्यादा मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजा जा चुका है.

ये भी पढ़ेंः- चंडीगढ़ः रात में भटक रहे थे प्रवासी मजदूर, ईटीवी भारत ने बुलाई बस, दिया खाना

चंडीगढ़ः कोरोना संकट के दौरान चंडीगढ़ में फंसे 21 प्रवासी मजदूरों को ईटीवी भारत की टीम ने उनके घर उत्तर प्रदेश के हरदोई भेजने में बड़ी भूमिका अदा की. प्रशासन की ओर से मैसेज आने के बाद प्रवासी मजदूर अपने परिवार और बच्चों के साथ सेक्टर 43 के बस स्टैंड पर पहुंचे थे, लेकिन वहां पर न तो उनका मेडिकल चेकअप हुआ और न ही उन्हें घर भेजा गया. उसके बाद मजदूर पैदल ही चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे, लेकिन वहां से भी उनको भगा दिया गया. जिसके चलते प्रवासी मजदूर अपने परिवार और समान के साथ सड़कों पर भटकने को मजबूर थे. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने प्रवासी मजदूरों की मदद की और आखिरकार शुक्रवार शाम को वो लोग अपने घर जाने के लिए ट्रेन से रवाना हुए.

ईटीवी भारत की टीम ने की प्रवासी मजदूरों की मदद.

दर-दर भटक रहे थे प्रवासी मजदूर
प्रशासन का मैसेज मिलने के बाद मजदूरों ने गुरुवार को चंडीगढ़ में अपना किराए का घर छोड़ दिया था. जिसके बाद रात के अंधेरे में वो सड़क पर भटक रहे थे. बच्चे को गोद में लेकर चल रही महिला बेहाल हो चुकी थी. पैदल चल रहे बच्चों के पैरों में छाले पड़ गए थे. इसी बीच जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम उनके पास पहुंची और प्रशासनिक अधिकारियों तक मामले को पहुंचाया और उन्हें उनकी चूक और जिम्मेदारियां का एहसास कराया, जिसके बाद मजदूरों को मदद मिली.

ईटीवी भारत की टीम ने कैसे की मजदूरों की मदद ?

  • गुरुवार रात 8.30 बजे किसी शख्स ने चंडीगढ़ में ईटीवी भारत के न्यूज कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र सिंह जिष्टू को प्रवासी मजदूरों की परेशानियों के बारे में जानकारी दी.
  • करीब 9.15 बजे रात को ईटीवी भारत की टीम प्रवासी मजदूरों के पास पहुंची, ईटीवी भारत की टीम को प्रवासी मजदूर चंडीगढ़ में सेक्टर 28 के पेट्रोल पंप से कुछ दूरी पर मिले.
  • 9:30 बजे रात को ईटीवी भारत की टीम ने हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल कर प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
  • 9.50 बजे रात को प्रशासन की बस मौके पहुंची और रात गुजारने के लिए प्रवासी लोगों को सेक्टर - 45 बड़ैल भेजा गया.
  • करीब 10.15 बजे रात को बस प्रवासियों को लेकर बड़ैल पहुंची.
  • 10.45 बजे रात को प्रवासी लोगों को प्रशासन ने खाना मुहैया कराया.
  • शुक्रवार सुबह 9.00 बजे ईटीवी भारत की टीम को प्रवासी लोगों का फोन आया. उन्होंने बताया कि आज उन्हें ट्रेन से जाना है. क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें घर भेजने का भरोसा दिया था. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों को कॉल किया.
  • शुक्रवार दोपहर 12:00 बजे ईटीवी भारत की टीम ने प्रवासियों के लिए बस का इंतजाम कराया. जहां से उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए सेक्टर- 43 के बस स्टैंड ले जाया गया.
  • मेडिकल के बाद शुक्रवार शाम 5.00 बजे प्रवासियों को बस से रेलवे स्टेशन लाया गया.
  • शाम करीब 7.30 बजे ट्रेन प्रवासी लोगों को लेकर हरदोई के लिए रवाना हुई.

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प्रशासन ने की ईटीवी भारत की कोशिशों की तारीफ
प्रवासी मजदूरों के बारे में जानकारी मिलने के बाद से ट्रेन में बैठकर उनके हरदोई रवाना होने तक ईटीवी भारत की टीम प्रवासी लोगों के साथ संपर्क में बनी रही और प्रशासन से उन्हें मदद दिलाती रही. इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने भी ईटीवी भारत की जमकर तारीफ की.

प्रशासन की लापरवाही, प्रवासियों के लिए मुसीबत
पूरे मामले ने प्रशासनिक लेवल पर कम्युनिकेशन गैप और कोऑर्डिनेशन की कमी को भी भी उजागर कर दिया और ये भी साफ कर दिया कि प्रशासनिक अधिकारियों की एक छोटी सी लापरवाही किसी आम आदमी के लिए कितनी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है.

आपको बता दें कि चंडीगढ़ से रोज दो ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश और बिहार भेजा जा रहा है. शुक्रवार तक तेरह हजार से ज्यादा मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजा जा चुका है.

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