लखनऊ : परिवहन विभाग ने अब गवर्नमेंट सीरीज की गाड़ियों को लेकर योजना तैयार कर ली है. अब सरकारी गाड़ियों की नीलामी नहीं हो सकेगी. अब कबाड़ी गवर्नमेंट सीरीज की गाड़ियां नहीं खरीद सकेंगे. इन गाड़ियों को एमएसटीसी पोर्टल पर स्क्रैप किया जाएगा. परिवहन विभाग ने समिति की संस्तुति के बाद शासन को मुहर लगाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. "ईटीवी भारत" ने गवर्नमेंट सीरीज के नंबरों को लेकर खबरों की सीरीज प्रकाशित और प्रसारित की थी. इन्हीं खबरों का संज्ञान लेते हुए परिवहन विभाग के अधिकारियों ने समिति गठित कर नए नियम बनाए और शासन को इन सुझावों पर मुहर लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा है. अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि हर हाल में शासन इस प्रस्ताव पर मुहर लगाएगा.
सरकारी वाहनों की नीलामी होने पर कोई भी यह गाड़ी खरीद सकता है. गाड़ी की जो "G" सीरीज का नंबर है वह भी वाहन स्वामी को ही दे दिया जाता है. इसी वीआईपी सीरीज की गाड़ी को अपराधी भी सेटिंग करके खरीद लेते हैं और फिर इसी गाड़ी से भौकाल टाइट करते हैं. यही नहीं इन वाहनों से शराब की तस्करी भी की जा रही थी. अब ऐसा कुछ भी नहीं हो सकेगा. परिवहन विभाग ने गवर्नमेंट सीरीज (G) की गाड़ियों को लेकर अपने नियमों में कई परिवर्तन करने की तैयारी कर ली है. इनमें अब गवर्नमेंट सीरीज की गाड़ियां कबाड़ी नहीं खरीद सकेंगे, बल्कि सीधे एमएसटीसी पोर्टल पर इनकी बिक्री होगी और स्क्रैप कर दिया जाएगा. गवर्नमेंट सीरीज की गाड़ी के साथ ही नंबर भी खत्म हो जाएगा. यानी अब नंबर की पोर्टेबिलिटी भी नहीं हो सकेगी. अभी तक वाहन स्वामी जी सीरीज की गाड़ी खरीद कर उसके बाद अपनी नई गाड़ी पर यह नंबर पोर्ट करा लेते थे. अब इस पर रोक लगा दी गई है.
विभाग ही अलॉट करेगा जी सीरीज के नंबर : अब जी सीरीज का नंबर धोखे से भी किसी प्राइवेट कार मलिक को अलॉट न होने पाए इसके लिए भी परिवहन विभाग में प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव में जी नंबर की सीरीज डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन पर ओपन ही नहीं होगी. इसे लॉक कर दिया जाएगा. परिवहन विभाग ही गवर्नमेंट नंबरों की सीरीज ओपन करेगा और अलॉट करेगा.
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