लखनऊ: राजधानी में सरोजनी नगर ईएसआईएस हॉस्पिटल लखनऊ के कर्मचारियों के साथ-साथ जनता की स्वास्थ्य सेवा कर रहा है. राज्य कर्मचारी बीमा योजना से लाभान्वित होने वाले कर्मचारी यहां पर अपना इलाज कराने दूर-दूर से आते हैं. आधुनिक मशीनों से लैस इस अस्पताल में मेडिसिन सर्जरी के साथ-साथ कैंसर स्क्रीनिंग तक कराई जाती है और हर तरह के ऑपरेशन भी किए जाते हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. पी एल पटेल ने बताया कि ईएसआईएस दुनिया की सबसे बड़ी सोशल सिक्योरिटी स्कीम है. इस अस्पताल में 21,000 का बेसिक वेतन पाने वाले कवर किए जाते हैं और साथ ही जिन कर्मचारियों को 3,000 का वेतन मिलता है. उनके वेतन से कटौती नहीं की जाती हैं.
मिनिमम.75 प्रतिशत तो अधिकतम 3.25 प्रतिशत होती है कटौती
हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. पी एल पटेल ने बताया कि इस अस्पताल में मिनिमम कंट्रीब्यूशन .75 प्रतिशत वर्कर देता है जबकि एम्पलाई 3.25 प्रतिशत देता है. उन्होंने बताया कि देश भर में 147 हॉस्पिटल व 15,100 डिस्पेंसरी काम कर रहे हैं. जहां पर मेडिकल बेनिफिट दिया जा रहा है.
सर्जरी से लेकर होती है कैंसर स्क्रीनिंग
हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. पटेल ने बताया कि इस हॉस्पिटल में सिजेरियन सर्जरी के साथ-साथ कैंसर की भी स्क्रीनिंग की जाती है. इसके साथ ही यहां पर 3 माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं. जहां पर हर तरह के ऑपरेशन भी किए जाते हैं और जल्द ही यहां पर आईसीयू भी शुरू किया जाएगा.
सरकार की योजनाओं का मिलता है लाभ
हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि यहां पर सरकार द्वारा चलाई जा रही मातृत्व योजना के लाभार्थियों को लाभ दिया जाता है. इसके साथ ही कामगार की मौत व विकलांगता की स्थिति पर मजदूरी का 70% मजदूरी उसके परिवार को दी जाती है और इसके साथ ही हर 6 माह पर डीए भी बढ़ाया जाता है. इसके साथ ही एयरपोर्ट के करीब होने के कारण बहुत सी एक्सीडेंटल केस आते हैं. जिन्हें यहां से एंबुलेंस उपलब्ध कराया जाता है और उन्हें मेडिकल कॉलेज भेज कर उनका इलाज भी कराया जाता है.
10 रुपये के पर्चे पर होता है इलाज
हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. पी एल पटेल ने बताया कि योजना से लाभान्वित न होने वाले लोग भी यहां पर 10 का पर्चा बनवा कर अपना इलाज करवा सकते हैं.
हाई रिस्क प्रेगनेंसी की होती है मॉनिटरिंग
इस अस्पताल में आने वाले मंदिर की मॉनिटरिंग अच्छे से की जाती है. इसके साथ ही नॉर्मल डिलीवरी फ्री कैंसर स्क्रीनिंग के साथ-साथ हाई रिस्क प्रेगनेंसी की भी मानिटरिंग की जाती है, जिससे यहां आने वाले मरीजों को समस्या न हो.
क्या कहते हैं तीमारदार ?
इस हॉस्पिटल में अपने मरीज का इलाज कराने आए तीमारदार प्रवेश कुमार राय का कहना है कि 2 वर्ष से उनकी पत्नी को दिक्कत थी. जिसका इलाज यहां कराया जा रहा है. यहां के डॉक्टरों का व्यवहार अच्छा है और इलाज भी अच्छी तरह से किया जा रहा है.
क्या कहते हैं मरीज ?
अपने पेट दर्द का इलाज कराने आई रेखा मिश्रा का कहना है कि यहां पर मरीजों के खाने-पीने की व्यवस्था अच्छी होने के साथ-साथ यहां के डॉक्टर और नर्स मरीजों का ख्याल रखते हैं. बताते चलें की राजधानी के कानपुर रोड स्थित ईएसआई हॉस्पिटल मैं आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है और यही कारण है कि दूर-दूर से यहां मरीज अपना इलाज कराने आते हैं.
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