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लखनऊ: EOW की टीम पहुंची पावर कॉर्पोरेशन पीएफ ट्रस्ट के कार्यालय, जांच शुरू

यूपी के लखनऊ में पावर सेक्टर के कर्मचारियों की वेतन से कटौती की जा रही धनराशि को अधिकारियों ने सुरक्षित निवेश करने की जगह प्राइवेट कंपनी में निवेश कर दिया. इसके बाद यह रकम डूब गई. कार्रवाई की मांग पर ईओडब्ल्यू शक्ति भवन स्थित पावर भविष्य निधि फंड ट्रस्ट के कार्यालय पहुंच कर जांच कर रही है.

ईओडब्ल्यू की टीम ने की जांच शुरू.
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Published : Nov 4, 2019, 2:49 PM IST

लखनऊ: पावर कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों के पीएफ का पैसा डीएचएफएल में इन्वेस्ट करने के मामले में घोटाला सामने आया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए संस्तुति की है. सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा उत्तर प्रदेश पुलिस (ईओडब्ल्यू) शक्ति भवन स्थित पावर भविष्य निधि फंड ट्रस्ट के कार्यालय पहुंची है. यहां पर 11 सदस्यीय टीम पड़ताल कर रही है.

ईओडब्ल्यू की टीम ने की जांच शुरू.


ईओडब्ल्यू पहुंची पावर कॉरपोरेशन कार्यालय
कर्मचारियों की मांग के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति की है. जब तक मामले में सीबीआई जांच शुरू नहीं करती, तब तक मामले की जांच EOW करेगी. कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

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दो आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
कर्मचारियों की 2631 करोड़ की कमाई डीएचएफएल में डुबाने के मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सुधांशु द्विवेदी पूर्व डायरेक्टर फाइनेंस को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. वहीं विभाग एंप्लाइज ट्रस्ट के अधिकारी वीके गुप्ता को आगरा से गिरफ्तार किया गया था.


उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन अंशदान भविष्य निधि ट्रस्ट में जमा कर्मचारियों के जीपीएफ और सीपीएफ की धनराशि को निजी संस्था में नियम के खिलाफ जमा की गई थी. इसके बाद अब यह धनराशि लगभग डूब गई है, जिससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों का नुकसान हुआ है. इसकी शिकायत कर्मचारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से की थी. इसके बाद निजी संस्था में कर्मचारियों की धनराशि जमा करने में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.

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कर्मचारियों की 2631 करोड़ की धनराशि डूबी

पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट की 2631 करोड़ की धनराशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में लगाई गई थी. इसके बाद कंपनी घाटे में चली गई और कर्मचारियों की कमाई डूब गई. इसके बाद पावर सेक्टर के एंप्लाइज लगातार उनकी डूबी हुई रकम वापस दिलाने और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. कर्मचारियों ने मांग की है कि पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट का पुनर्गठन किया जाए. उसमें पूर्व की तरह कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए.

लखनऊ: पावर कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों के पीएफ का पैसा डीएचएफएल में इन्वेस्ट करने के मामले में घोटाला सामने आया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए संस्तुति की है. सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा उत्तर प्रदेश पुलिस (ईओडब्ल्यू) शक्ति भवन स्थित पावर भविष्य निधि फंड ट्रस्ट के कार्यालय पहुंची है. यहां पर 11 सदस्यीय टीम पड़ताल कर रही है.

ईओडब्ल्यू की टीम ने की जांच शुरू.


ईओडब्ल्यू पहुंची पावर कॉरपोरेशन कार्यालय
कर्मचारियों की मांग के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति की है. जब तक मामले में सीबीआई जांच शुरू नहीं करती, तब तक मामले की जांच EOW करेगी. कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

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दो आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
कर्मचारियों की 2631 करोड़ की कमाई डीएचएफएल में डुबाने के मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सुधांशु द्विवेदी पूर्व डायरेक्टर फाइनेंस को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. वहीं विभाग एंप्लाइज ट्रस्ट के अधिकारी वीके गुप्ता को आगरा से गिरफ्तार किया गया था.


उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन अंशदान भविष्य निधि ट्रस्ट में जमा कर्मचारियों के जीपीएफ और सीपीएफ की धनराशि को निजी संस्था में नियम के खिलाफ जमा की गई थी. इसके बाद अब यह धनराशि लगभग डूब गई है, जिससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों का नुकसान हुआ है. इसकी शिकायत कर्मचारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से की थी. इसके बाद निजी संस्था में कर्मचारियों की धनराशि जमा करने में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.

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कर्मचारियों की 2631 करोड़ की धनराशि डूबी

पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट की 2631 करोड़ की धनराशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में लगाई गई थी. इसके बाद कंपनी घाटे में चली गई और कर्मचारियों की कमाई डूब गई. इसके बाद पावर सेक्टर के एंप्लाइज लगातार उनकी डूबी हुई रकम वापस दिलाने और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. कर्मचारियों ने मांग की है कि पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट का पुनर्गठन किया जाए. उसमें पूर्व की तरह कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए.

Intro:एंकर

लखनऊ। पावर कारपोरेशन के कर्मचारियों के पीएफ का पैसा डीएलएफ में इन्वेस्ट करने के मामले में सामने आए घोटाले के बाद जहां एक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए संस्तुति की है तो वहीं दूसरी ओर आज आर्थिक अपराध शाखा उत्तर प्रदेश पुलिस (ईओडब्ल्यू) शक्ति भवन स्थित पावर भविष्य निधि फंड ट्रस्ट के कार्यालय पहुंची है जहां पर 11 सदस्य टीम पड़ताल कर रही है।


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अपडेट

कर्मचारियों की मांग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति की है जब तक इस मामले में सीबीआई जांच नहीं शुरु करती तब तक मामले की जांच dg eow करेंगे।



कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों में हजरतगंज थाने में एफ आई आर दर्ज की गई थी जिसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था।


कर्मचारियों की 2631 करोड़ की गाढ़ी कमाई डीएचएफएल में डुबाने के मामले में कार्यवाही करते हुए लखनऊ पुलिस ने सुधांशु द्विवेदी पूर्व डायरेक्टर फाइनेंस को राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया था वहीं विभाग एंप्लाइज ट्रस्ट के अधिकारी वीके गुप्ता को आगरा से गिरफ्तार किया गया था।




उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट एवं उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अंशदान भविष्य निधि ट्रस्ट में जमा कर्मचारियों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनराशि को निजी संस्था में नियम विरुद्ध जमा की गई थी जिसके बाद अब यह धनराशि लगभग डूब सी गई है जिससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों का नुकसान हुआ है जिसकी शिकायत कर्मचारियों ने योगी आदित्यनाथ से की थी जिसके बाद कार्यवाही करते हुए निजी संस्था में कर्मचारियों की धनराशि जमा करने में संलिप्त अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है


पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट की 2631 करोड़ की धनराशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में लगाई गई थी। जिसके बाद कंपनी घाटे में चली गई और कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई डूब गई है जिसके बाद पावर सेक्टर के एंप्लाइज लगातार उनकी डूबी हुई रकम वापस दिलाने व जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे थे कर्मचारियों ने योगी आदित्यनाथ से कार्यवाही की मांग की थी जिसके बाद लखनऊ से तात्कालिक वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया था वहीं आगरा से ट्रस्ट के सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इस पूरे मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ से घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग की

कर्मचारियों ने मांग की है कि पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट का पुनर्गठन किया जाए और उसमें पूर्व की तरह कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।

पावर सेक्टर के कर्मचारियों की वेतन से कटौती की जा रही धनराशि को तात्कालिक अधिकारियों ने सुरक्षित निवेश करने की जगह प्राइवेट कंपनी में निवेश कर दिया। जिसके बाद यह रकम डूबी हुई प्रतीत हो रही है ऐसे में इस नुकसान से सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं वह करोड़ों की धनराशि का नुकसान हुआ है।




Conclusion:संवाददाता प्रसाद मिश्रा 90 2639 2526
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