लखनऊ: राशिद नसीम और उनकी कंपनी शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के ऊपर 5000 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. राशिद नसीम की कंपनी शाइन सिटी में काम करने वाले विजलेस केसरवानी ने कुछ महीना पहले 60,000 करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में एक रिट दायर की थी, जिसमें उन्होंने राशिद नसीम उनकी पत्नी शगुफ्ता समेत 50 से अधिक कर्मचारियों को आरोपी ठहराया था.
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मिली जानकारी के मुताबिक, राशिद नसीम प्रयागराज के करेली के जीटीबी नगर का रहने वाला है. 20 साल पहले उसने स्पीक एशिया मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी में एजेंट के तौर पर नौकरी की थी. जहां पर उसने लोगों को ठगने का तरीका सीखा था. जिसके बाद 2013 में उसने खुद की कंपनी शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खोली. जिसके बाद ही उसने 50 से अधिक इसी नाम से कंपनियां खोल डाली, जिसके माध्यम से लोगों को निवेश के नाम पर उनसे ठगी किया करता था. राशिद नाशीम के ऊपर लखनऊ समेत अन्य जनपदों में 5000 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे. राशिद नसीम साल 2019 में नेपाल के काठमांडू से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद जमानत मंजूर होने के बाद ही वह दुबई भाग गया. रशीद दुबई से ही ठगी का पूरा नेटवर्क चला रहा था. इतना ही नहीं आरोपी रशीद नसीम दुबई के जॉर्जिया की नागरिकता लेने की तैयारी में भी था.
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इंस्पेक्टर गोमती नगर केशव कुमार तिवारी की माने तो राशिद नसीम उसकी पत्नी शगुफ्ता और उसकी कंपनी की एक महिला कर्मचारी सबा फातिमा को गिरफ्तार किया गया है. इन आरोपियों को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) की ओर से गिरफ्तार कर गोमती नगर थाने में दाखिल किया गया है. इंस्पेक्टर ने बताया कि यह शातिर ठग भोले भाले लोगों से प्लाट और हीरे व्यवसाय में निवेश कराने के नाम पर रुपए जमा कराते थे. इन आरोपियों द्वारा लोगों से निवेश कराए जाने के बाद न तो उन्हें ब्याज देते थे और न ही उनको प्लाट की रजिस्ट्री की जाती थी. ठगी का शिकार हुए लोगों ने जब इसका विरोध करते हुए मुकदमा दर्ज कराया तभी आरोपी लखनऊ छोड़कर दुबई में शिफ्ट हो गया था. इंस्पेक्टर ने कहा कुछ माह पहले ही गोमती नगर थाने में दर्ज मुकदमें को ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दिया गया था.
बता दें कि राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में बनी शाइन सिटी कंपनी में तमाम लोगों से प्लॉट के नाम पर करोड़ों रुपए लिए गए थे. लोगों से यह वादा किया था कि उनको प्लॉट दिया जाएगा, लेकिन उनको प्लॉट को नहीं दिया गया. फिर इसके बाद उन्होंने चेक के माध्यम से पैसा वापस दिया. जब यह चेक बैंक में लगाया गया तो चैक बाउंस हो गया. वहीं अयोध्या निवासी नीरज दुबे ने शाइन सिटी के एक प्लान में 10 लाख रुपये इन्वेस्टमेंट किया था. तब कंपनी ने अपने प्लान के तहत डबल पैसा देने की बात कही थी, लेकिन उनको कोई पैसा नहीं दिया गया. बता दें कि राशिद नाशीम के ऊपर लखनऊ समेत अन्य जनपदों में 5000 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे.
अगर इसके उपर दर्ज मुकदमों के ब्योरे को खंगाले तो राजधानी लखनऊ में तकरीबन 3000 मुकदमे, ठगी के शिकार 10 लाख से अधिक लोग तो देश के विभिन्न जनपदों में दर्ज मुकदमे लगभग पांच हजार करीब हैं.