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ब्राह्मण जाति नहीं एक विशाल संस्कृति है, तमाम प्रबुद्ध सम्मेलन सिर्फ स्वार्थ सिद्धि के लिएः कलराज मिश्र

कलराज मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण एक जाति नहीं है, बल्कि ब्राह्मण एक संस्कृति है. लोगों ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि व्यापकता आत्मीयता की विशालता वाले को ही सही मायने में ब्राह्मण कहा जा सकता है.

सम्मेलन में बोलते राज्यपाल कलराज मिश्र
सम्मेलन में बोलते राज्यपाल कलराज मिश्र
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Published : Aug 29, 2021, 10:34 PM IST

Updated : Aug 30, 2021, 2:05 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के सहकारिता भवन सभागार में आयोजित विद्वत समाज सम्मेलन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा सहित प्रदेश के कई बड़े प्रबुद्ध वर्ग के लोग शामिल हुए. भारतीय संस्कृतिक एवं समाज के उत्थान में विद्वतजनों की भूमिका विषय पर सभी ने अपने विचार रखे. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि इस विद्वत समाज सम्मेलन में सभी वर्ग के लोग आए हैं. सभी क्षेत्रों के विद्वत जन आये हैं. सही मायनों में यह शुद्ध रूप से गैर राजनीतिक कार्यक्रम है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने (बिना किसी दल का नाम लिए) कहा कि बहुत सारे लोगों ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन, ब्राह्मण वर्ग सम्मेलन के नाम पर एक जाति विशेष के नाम पर सम्मेलन रखा है. ऐसे सम्मेलन ब्राह्मण समाज को संकुचित करने की कोशिश है.

कलराज मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण एक जाति नहीं है, बल्कि ब्राह्मण एक संस्कृति है. लोगों ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि व्यापकता आत्मीयता की विशालता वाले को ब्राह्मण सही मायने में कहा जा सकता है. यहां सभी वर्ग के लोग इस सम्मेलन में आए हुए हैं.

सम्मेलन में बोलते राज्यपाल कलराज मिश्र


राज्यपाल ने कहा कि सब के प्रति भाईचारा का नाता है हमारे यह पेड़ नदी पशु पूजे जाते हैं. भारत अकेला देश है जिसने विश्व बंधुत्व की परिकल्पना की, जिसकी उदात्त सोच होगी वही ब्राम्हण होगा. विद्वत समाज शब्दों के आडंबर में ढलकर चलने वाला समाज नहीं है. भगवान परशुराम ने दक्षिण में सबसे ज्यादा भ्रमण किया. पूर्व से पश्चिम उत्तर से दक्षिण तक भगवान परशुराम ने भ्रमण किया और लोगों को एकजुट करने का संदेश दिया. समाज को कुछ अलग करने की दिशा में काम करने की जरूरत है. इस समय नैतिकता का ह्रास हुआ है. धार्मिक प्रवृत्ति का क्षरण हुआ है. लोग अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए तमाम तरह के सम्मेलन कर रहे हैं. ब्राह्मण समाज समाज को दिशा देने वाला है, वह विश्व बंधुत्व की बात करता रहा है.


विद्वत सम्मेलन में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि काल चक्र के अनुसार समय-समय पर सब लोग इस विद्वत समाज के लोगों को याद करने का काम करते हैं. समय काल के हिसाब से लोग याद आते हैं. 5 साल बाद ही एक विद्वत वर्ग याद आने लगता है. तमाम लोगों को जो ब्राह्मणों ने वेद ऋचाएं लिखी. आज उन्हीं का उच्चारण हो रहा है. उन्होंने कहा कि इतिहास के कालखंड में इस विद्वत समाज के सामने चुनौतियां हैं और चुनौतियां हमेशा आती रही हैं. यह समाज नरेशन बदल देता है. समाज को नई दिशा देता है नई ताकत देता है.


उन्होंने कहा कि यह विद्वत समाज की ताकत है कि जो लोग कल तक राम मंदिर से पहले तरह-तरह की बातें करते थे, राम के अस्तित्व को नकारते थे, आज वह राम की बात करने लगे हैं. वे कहते हैं कि हम मंदिर जल्दी बना देंगे. यह सब भी सबको ध्यान रखना होगा.


भारतीय संस्कृतिक एवं समाज के उत्थान में विद्वतजनों की भूमिका विषय पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि विद्वत जनों ने समाज एवं संस्कृति को जिंदा रखने का काम किया और पूरे विश्व को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देने का काम किया. इसी प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय संस्कृति और समाज को बचाने के लिए बेहतर काम किया. जनसेवा से जुड़े सरोकार वाले काम किये, लोगों को जोड़ने का काम किया.

उन्होंने कहा कि ये राजनीति की बात नहीं है, लेकिन राष्ट्र के वैभव और गौरवशाली इतिहास को पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है. हम देश के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए काम कर रहे हैं. हमारे राष्ट्र का गौरव वापस आए इसके लिए विद्वत जनों की बड़ी भूमिका है. विद्वत समाज भविष्य की रूपरेखा बनाता है. राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए हम सब काम करें.


सम्मेलन में राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, अजय मिश्र को भगवान परशुराम की प्रतिमा और चांदी के मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया. सम्मान से पहले विशिष्ट अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि यह गैर राजनीतिक कार्यक्रम है यह विद्वत जनों का कार्यक्रम है. विद्वत सम्मेलन में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध जनों का सम्मान राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे अजय मिश्रा दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री वीरेंद्र कुमार तिवारी ने किया.


इनमें मुख्य रूप से हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज, उदासीन अखाड़ा के महंत ब्रजानंद महाराज, प्रकाश तिवारी, गोपाल शर्मा, धीरज मिश्रा, मेजर वीरेंद्र मिश्रा, सूर्य कुमार शुक्ला, अनूप मिश्रा, विजयकांत बाजपेई अनूप मिश्रा, सुनील कुमार दुबे, अखिलेश अवस्थी, राजीव मिश्रा, दयाशंकर पांडेय, अनिल अस्थाना, प्रमोद श्रीवास्तव, हरेंद्र मिश्रा, दिनेश तिवारी, विजय कुमार दुबे, जय प्रकाश पांडेय, नीलेन्द्र मिश्रा, दिनेश अवस्थी, माला द्विवेदी, ओम प्रकाश शुक्ला, विनय वर्मा, महेंद्र यादव सहित तमाम विद्वत जनों का सम्मान किया गया.

पढ़ें- चुनाव में कमर्चारियों की नाराजगी दूर करने का मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला

लखनऊः उत्तर प्रदेश के सहकारिता भवन सभागार में आयोजित विद्वत समाज सम्मेलन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा सहित प्रदेश के कई बड़े प्रबुद्ध वर्ग के लोग शामिल हुए. भारतीय संस्कृतिक एवं समाज के उत्थान में विद्वतजनों की भूमिका विषय पर सभी ने अपने विचार रखे. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि इस विद्वत समाज सम्मेलन में सभी वर्ग के लोग आए हैं. सभी क्षेत्रों के विद्वत जन आये हैं. सही मायनों में यह शुद्ध रूप से गैर राजनीतिक कार्यक्रम है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने (बिना किसी दल का नाम लिए) कहा कि बहुत सारे लोगों ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन, ब्राह्मण वर्ग सम्मेलन के नाम पर एक जाति विशेष के नाम पर सम्मेलन रखा है. ऐसे सम्मेलन ब्राह्मण समाज को संकुचित करने की कोशिश है.

कलराज मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण एक जाति नहीं है, बल्कि ब्राह्मण एक संस्कृति है. लोगों ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि व्यापकता आत्मीयता की विशालता वाले को ब्राह्मण सही मायने में कहा जा सकता है. यहां सभी वर्ग के लोग इस सम्मेलन में आए हुए हैं.

सम्मेलन में बोलते राज्यपाल कलराज मिश्र


राज्यपाल ने कहा कि सब के प्रति भाईचारा का नाता है हमारे यह पेड़ नदी पशु पूजे जाते हैं. भारत अकेला देश है जिसने विश्व बंधुत्व की परिकल्पना की, जिसकी उदात्त सोच होगी वही ब्राम्हण होगा. विद्वत समाज शब्दों के आडंबर में ढलकर चलने वाला समाज नहीं है. भगवान परशुराम ने दक्षिण में सबसे ज्यादा भ्रमण किया. पूर्व से पश्चिम उत्तर से दक्षिण तक भगवान परशुराम ने भ्रमण किया और लोगों को एकजुट करने का संदेश दिया. समाज को कुछ अलग करने की दिशा में काम करने की जरूरत है. इस समय नैतिकता का ह्रास हुआ है. धार्मिक प्रवृत्ति का क्षरण हुआ है. लोग अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए तमाम तरह के सम्मेलन कर रहे हैं. ब्राह्मण समाज समाज को दिशा देने वाला है, वह विश्व बंधुत्व की बात करता रहा है.


विद्वत सम्मेलन में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि काल चक्र के अनुसार समय-समय पर सब लोग इस विद्वत समाज के लोगों को याद करने का काम करते हैं. समय काल के हिसाब से लोग याद आते हैं. 5 साल बाद ही एक विद्वत वर्ग याद आने लगता है. तमाम लोगों को जो ब्राह्मणों ने वेद ऋचाएं लिखी. आज उन्हीं का उच्चारण हो रहा है. उन्होंने कहा कि इतिहास के कालखंड में इस विद्वत समाज के सामने चुनौतियां हैं और चुनौतियां हमेशा आती रही हैं. यह समाज नरेशन बदल देता है. समाज को नई दिशा देता है नई ताकत देता है.


उन्होंने कहा कि यह विद्वत समाज की ताकत है कि जो लोग कल तक राम मंदिर से पहले तरह-तरह की बातें करते थे, राम के अस्तित्व को नकारते थे, आज वह राम की बात करने लगे हैं. वे कहते हैं कि हम मंदिर जल्दी बना देंगे. यह सब भी सबको ध्यान रखना होगा.


भारतीय संस्कृतिक एवं समाज के उत्थान में विद्वतजनों की भूमिका विषय पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि विद्वत जनों ने समाज एवं संस्कृति को जिंदा रखने का काम किया और पूरे विश्व को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देने का काम किया. इसी प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय संस्कृति और समाज को बचाने के लिए बेहतर काम किया. जनसेवा से जुड़े सरोकार वाले काम किये, लोगों को जोड़ने का काम किया.

उन्होंने कहा कि ये राजनीति की बात नहीं है, लेकिन राष्ट्र के वैभव और गौरवशाली इतिहास को पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है. हम देश के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए काम कर रहे हैं. हमारे राष्ट्र का गौरव वापस आए इसके लिए विद्वत जनों की बड़ी भूमिका है. विद्वत समाज भविष्य की रूपरेखा बनाता है. राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए हम सब काम करें.


सम्मेलन में राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, अजय मिश्र को भगवान परशुराम की प्रतिमा और चांदी के मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया. सम्मान से पहले विशिष्ट अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि यह गैर राजनीतिक कार्यक्रम है यह विद्वत जनों का कार्यक्रम है. विद्वत सम्मेलन में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध जनों का सम्मान राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे अजय मिश्रा दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री वीरेंद्र कुमार तिवारी ने किया.


इनमें मुख्य रूप से हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज, उदासीन अखाड़ा के महंत ब्रजानंद महाराज, प्रकाश तिवारी, गोपाल शर्मा, धीरज मिश्रा, मेजर वीरेंद्र मिश्रा, सूर्य कुमार शुक्ला, अनूप मिश्रा, विजयकांत बाजपेई अनूप मिश्रा, सुनील कुमार दुबे, अखिलेश अवस्थी, राजीव मिश्रा, दयाशंकर पांडेय, अनिल अस्थाना, प्रमोद श्रीवास्तव, हरेंद्र मिश्रा, दिनेश तिवारी, विजय कुमार दुबे, जय प्रकाश पांडेय, नीलेन्द्र मिश्रा, दिनेश अवस्थी, माला द्विवेदी, ओम प्रकाश शुक्ला, विनय वर्मा, महेंद्र यादव सहित तमाम विद्वत जनों का सम्मान किया गया.

पढ़ें- चुनाव में कमर्चारियों की नाराजगी दूर करने का मास्टरस्ट्रोक है महंगाई भत्ता देने का फैसला

Last Updated : Aug 30, 2021, 2:05 AM IST
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