लखनऊ. उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को सख्त निर्देश जारी किए है. कहा है कि किसी भी दशा में इंजीनियरों को सामूहिक अवकाश की इजाजत न दी जाए. अगर इंजीनियर अवकाश लेते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बताया जाता है कि बिजली विभाग के इंजीनियरों ने शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ आगामी चार से छह अप्रैल तक सामूहिक अवकाश पर रहने का एलान किया था.
जानकारी के मुताबिक यूपी पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र भेजा है. इसमें बिजली आपूर्ति का कार्य जरूरी सेवा में आने का जिक्र किया गया है. उन्होंने साफ कहा है कि बिजली निगमों में हड़ताल पर आगे छह माह तक रोक लगी है. ऐसे में किसी तरह का कार्य बहिष्कार या सामूहिक अवकाश पर जाने का अगर इंजीनियर प्लान बना रहे हैं तो यह आवश्यक सेवाओं के अनुरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के दायरे में आएगा.
सभी कंपनियों के एमडी किसी भी दशा में बिजली कर्मियों के चार से छह अप्रैल तक के अवकाश को स्वीकृत न करें जबकि स्वास्थ्य या अपरिहार्य कारणों से किसी कर्मचारी को अवकाश लेना है तो केस 2 के आधार पर सक्षम अधिकारी संबंधित निगम के एमडी के पूर्व अनुमोदन पर ही अवकाश स्वीकृत करने पर अपनी सहमति दे सकता है.
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वहीं, पावर कॉर्पोरेशन के निदेशक एके पुरवार की तरफ से राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव प्रभात सिंह को एक पत्र भेजा गया है. इसमें उन्होंने चार से छह अप्रैल तक सामूहिक अवकाश का आह्वान वापस लेने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर इसके बावजूद कोई संगठन के सदस्य अवकाश लेते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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