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अब अवैध निर्माण की शिकायत पर सस्पेंड होंगे इंजीनियर: एलडीए वीसी - lda meeting

एलडीए की बैठक में उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश कहा कि वह अब खुद अवैध निर्माण की समीक्षा करेंगे और शिकायत मिलने पर संबंधित इंजीनियर सस्पेंड किए जायेंगे.

लखनऊ विकास प्रधिकरण
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Published : Dec 23, 2020, 6:37 PM IST

लखनऊ: शहर में अवैध निर्माणों के खिलाफ लखनऊ विकास प्रधिकरण सख्त कार्रवाई करेगा. अब अवैध निर्माण न रोकने वाले इंजीनियरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होगी. एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने एलडीए की बैठक में ये बात कही. सोमवार को कमिश्नर रंजन कुमार ने रात 11 बजे समीक्षा बैठक में अवैध निर्माणों को लेकर सख्त नाराजगी जताई थी.

अवैध निर्माण पर कार्रवाई न होने पर LDA वीसी ने नाराजगी

बैठक के दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने अवैध निमार्णों को रोकने की प्रभावी कार्रवाई न करने पर रोष जताया. उन्होंने बैठक में कहा कि उनके द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में शाम 6 बजे से 7 बजे तक समीक्षा बैठक की जायेगी. समीक्षा बैठक से पहले क्षेत्रीय जन सामान्य से शाम 5 से 6 बजे तक अवैध निर्माणों के संबंध में जानकारी, फीडबैक लिया जायेगा. सोमवार को जोन-1, मंगलवार को जोन-2, बुधवार को जोन-3, बृहस्पतिवार को जोन-4, शुक्रवार को जोन-5 तथा शनिवार को जोन-6 व 7 की समीक्षा बैठक होगी.

भू-माफिया के खिलाफ चले सख्त अभियान

सोमवार रात हुई बैठक इस दौरान कमिश्नर ने निर्देश दिए थे कि अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण व अतिक्रमण, निवारण किए जाए. इसके लिए सबसे पहले भूमाफियाओं की सूची तैयार की जाए. इसमें उनके नाम शामिल हो, जिनके विरूद्ध क्रिमिनल केस अथवा एफआईआर दर्ज है. 30 दिसंबर तक सूची बन जाए. इसके साथ ही एक जनवरी 2017 से अब तक जिनके ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए गए हैं, उनके विरूद्ध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में खर्च की गयी धनराशि की भू-राजस्व की भांति वसूली करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिशासी अभियंता प्रवर्तन व विहित प्राधिकारी की ओर से आरसी जारी कराने की कार्रवाई की जाए.

अधिकारियों को लगाई फटकार

मंडलायुक्त रंजन कुमार ने लीडा के क्षेत्र में अवैध निर्माण के संबंध में नोटिस जारी करने पर विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास व प्रवर्तन इंजीनियरों को फटकार लगाई. उन्होंने उप्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के अंतर्गत अब तक दी गई नोटिसों की सूची तलब की. उन्होंने निर्देश दिए कि परीक्षण किया जाए कि लीडा के क्षेत्र में प्राधिकरण ने नोटिस क्यों जारी की गई हैं? उन्होंने इंजीनियरों की मंशा पर सवाल उठाए. इसके लिये दोषी अधिकारियों व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित करने के निर्देश दिए. इस संबंध में संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने कहा कि लीडा के कुछ गांवों को प्राधिकरण में शामिल करने का प्रस्ताव बोर्ड में पास किया गया था, हालांकि बाद में वापस ले लिया गया. इसके अलावा सीमा कहां तक है, इसकी जानकारी नहीं हो पाती है.

ध्वस्तीकरण के लिये खरीदी जायेंगी मशीनें

ध्वस्तीकरण के बाद मलबा हटाने तथा ध्वस्तीकरण में उपयोग के लिये आधुनिक मशीनें खरीदी जायेंगी. कमिश्नर ने कहा है कि इन मशीनों के खरीदे जाने के लिए अलग से फंड सृजित किया जाए. इसके खर्च के लिये वित्त नियंत्रक परीक्षण कर समुचित गाइडलाइंस तैयार करा लें. इसी फंड में ध्वस्तीकरण के विरूद्ध वसूली की गई धनराशि भी जमा कराई जाए.

सीलिंग व अर्जित जमीनों का तैयार होगा ब्यौरा

कमिश्नर ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि तहसीलदार अर्जन प्राधिकरण की अर्जित भूमि पर कितने क्षेत्रफल में, कितने व्यक्तियों ने अवैध निर्माण अथवा कब्जा किया है. कमिश्नर ने अधूरी जानकारी दिये जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने संबंधित अधिशासी अभियंता व मुख्य नगर नियोजक से समन्वय कर पूरा विवरण सात दिनों में तैयार कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह को निर्देश दिये कि शहरी क्षेत्र में प्राधिकरण की योजनाओं के अंतर्गत रिक्त जमीनों को ले आउट पर चिन्हित करा लें, इसके बाद संपत्ति अनुभाग से जांच कराई जाए कि चिन्हित जमीन रिक्त है अथवा आवंटित. 15 दिनों में पूरा विवरण दिए जाए. इसके अलावा संयुक्त सचिव ऋतु सुहास व तहसीलदार राजेश शुक्ला को सीलिंग की भूमि के संबंध में कार्रवाई कराते हुए 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करने को कहा.

ओटीएस की सुस्त रफ्तार पर भी जताई नाराजगी

विशेष कार्याधिकारी डीके सिंह ने अवगत कराया कि एलडीए की विभिन्न योजनाओं में कुल 2706 डिफाल्टर हैं, मगर एक मुश्त समाधान योजना में सिर्फ 400 लोगों ने ही आवेदन किया है. कमिश्नर ने इस पर नाराजगी जताई. वहीं कमिश्नर द्वारा सही आंकड़ों की जानकारी पूछने पर कोई जवाब नहीं दे सका. उन्होंने प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त डिफाल्टरों का योजनावार विवरण तैयार किया जाए, जिन लोगों ने ओटीएस आवेदन नहीं किया है उनसे फीड बैक प्राप्त किया जाए. 31 दिसंबर तक योजना समाप्त हो रही है. इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि ओटीएस योजना में प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों का समय में शत प्रतिशत निस्तारण किया जाए. साथ ही ओटीएस के अंतर्गत 4192 डिफाल्टर आवंटियों का अलग-अलग विवरण तैयार कर 7 दिनों में आवेदन लिए जाने के निर्देश दिए. उपाध्यक्ष ने बताया कि आंकड़ों का सही विवरण न होने पर कमिश्नर ने लेखा कर्मचारी विनोद श्रीवास्तव से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

ट्रस्ट व रेंट की संपत्तियों का मांगा विवरण

वर्ष 1990 के बाद प्राधिकरण से ट्रस्ट व रेंट की आवंटित संपत्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है, जिसमें आवंटी का नाम व अन्य विवरण होंगे. इसके साथ ही ऐसे विवादित आवंटनों जिनका निस्तारण की कार्रवाई नहीं हुई का विवरण तैयार करने को कहा गया है. एग्जीक्यूटिव सिस्टम से आईजीआरएस की शिकायतों का विवरण 26 सितंबर तक मांगा गया है. तहसीलदार मो. असलम से न्यायालय में विचाराधीन वादों का विषयवार विवरण मांगा गया है. जिन मामलों में भू अर्जन की विधिक कार्यवाही होने के बाद कब्जे से बेदखली के विरूद्ध स्थगन पारित किया गया है, उसकी सूची मांगी गई है.

नहीं बिक पा रहीं अलोकप्रिय संपत्तियां

शहर में प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में व्यवसायिक संपत्ति जर्जर हो रही हैं. करीब 19 बार नीलामी लगाए जाने के बाद भी 132 संपत्तियों के लिये ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. ऐसी अलोकप्रिय संपत्तियों के संबंध में कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि किसी विशेषज्ञ से मदद लेकर 45 सेकंड का वीडियो तैयार कराया जाय. लोगों को आकर्षित करने के लिये प्रचार-प्रसार कराया जा सके.

ऋुतु सुहास से स्पष्टीकरण तलब

नजूल अफसर पंकज कुमार के ट्रांसफर के बाद उनकी जिम्मेदारी संयुक्त सचिव ऋतु सुहास को दी गई थी, इस दौरान नजूल की जिम्मेदारी निर्वहन में कुछ कमियां पाए जाने पर वीसी ने स्पष्टीकरण तलब कर लिया. हालांकि स्पष्टीकरण मौखिक ही था. लिखित में संयुक्त सचिव को कोई स्पष्टीकरण नहीं प्राप्त हुआ है.

सस्पेंशन की भी रही चर्चा

बैठक में यह भी चर्चा रही कि लेखाधिकारी विनोद श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है, जबकि चीफ इंजीनियर इंदुशेखर सिंह से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ-साथ उनके पीए को भी निलंबित कर दिया गया है. नायब तहसीलदार राजेश शुक्ला से भी स्पष्टीकरण लेने की चर्चा थी, लेकिन शाम तक लिखापढ़ी में कुछ नहीं पहुंचा.

लखनऊ: शहर में अवैध निर्माणों के खिलाफ लखनऊ विकास प्रधिकरण सख्त कार्रवाई करेगा. अब अवैध निर्माण न रोकने वाले इंजीनियरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होगी. एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने एलडीए की बैठक में ये बात कही. सोमवार को कमिश्नर रंजन कुमार ने रात 11 बजे समीक्षा बैठक में अवैध निर्माणों को लेकर सख्त नाराजगी जताई थी.

अवैध निर्माण पर कार्रवाई न होने पर LDA वीसी ने नाराजगी

बैठक के दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने अवैध निमार्णों को रोकने की प्रभावी कार्रवाई न करने पर रोष जताया. उन्होंने बैठक में कहा कि उनके द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में शाम 6 बजे से 7 बजे तक समीक्षा बैठक की जायेगी. समीक्षा बैठक से पहले क्षेत्रीय जन सामान्य से शाम 5 से 6 बजे तक अवैध निर्माणों के संबंध में जानकारी, फीडबैक लिया जायेगा. सोमवार को जोन-1, मंगलवार को जोन-2, बुधवार को जोन-3, बृहस्पतिवार को जोन-4, शुक्रवार को जोन-5 तथा शनिवार को जोन-6 व 7 की समीक्षा बैठक होगी.

भू-माफिया के खिलाफ चले सख्त अभियान

सोमवार रात हुई बैठक इस दौरान कमिश्नर ने निर्देश दिए थे कि अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण व अतिक्रमण, निवारण किए जाए. इसके लिए सबसे पहले भूमाफियाओं की सूची तैयार की जाए. इसमें उनके नाम शामिल हो, जिनके विरूद्ध क्रिमिनल केस अथवा एफआईआर दर्ज है. 30 दिसंबर तक सूची बन जाए. इसके साथ ही एक जनवरी 2017 से अब तक जिनके ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए गए हैं, उनके विरूद्ध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में खर्च की गयी धनराशि की भू-राजस्व की भांति वसूली करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिशासी अभियंता प्रवर्तन व विहित प्राधिकारी की ओर से आरसी जारी कराने की कार्रवाई की जाए.

अधिकारियों को लगाई फटकार

मंडलायुक्त रंजन कुमार ने लीडा के क्षेत्र में अवैध निर्माण के संबंध में नोटिस जारी करने पर विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास व प्रवर्तन इंजीनियरों को फटकार लगाई. उन्होंने उप्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के अंतर्गत अब तक दी गई नोटिसों की सूची तलब की. उन्होंने निर्देश दिए कि परीक्षण किया जाए कि लीडा के क्षेत्र में प्राधिकरण ने नोटिस क्यों जारी की गई हैं? उन्होंने इंजीनियरों की मंशा पर सवाल उठाए. इसके लिये दोषी अधिकारियों व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित करने के निर्देश दिए. इस संबंध में संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने कहा कि लीडा के कुछ गांवों को प्राधिकरण में शामिल करने का प्रस्ताव बोर्ड में पास किया गया था, हालांकि बाद में वापस ले लिया गया. इसके अलावा सीमा कहां तक है, इसकी जानकारी नहीं हो पाती है.

ध्वस्तीकरण के लिये खरीदी जायेंगी मशीनें

ध्वस्तीकरण के बाद मलबा हटाने तथा ध्वस्तीकरण में उपयोग के लिये आधुनिक मशीनें खरीदी जायेंगी. कमिश्नर ने कहा है कि इन मशीनों के खरीदे जाने के लिए अलग से फंड सृजित किया जाए. इसके खर्च के लिये वित्त नियंत्रक परीक्षण कर समुचित गाइडलाइंस तैयार करा लें. इसी फंड में ध्वस्तीकरण के विरूद्ध वसूली की गई धनराशि भी जमा कराई जाए.

सीलिंग व अर्जित जमीनों का तैयार होगा ब्यौरा

कमिश्नर ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि तहसीलदार अर्जन प्राधिकरण की अर्जित भूमि पर कितने क्षेत्रफल में, कितने व्यक्तियों ने अवैध निर्माण अथवा कब्जा किया है. कमिश्नर ने अधूरी जानकारी दिये जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने संबंधित अधिशासी अभियंता व मुख्य नगर नियोजक से समन्वय कर पूरा विवरण सात दिनों में तैयार कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह को निर्देश दिये कि शहरी क्षेत्र में प्राधिकरण की योजनाओं के अंतर्गत रिक्त जमीनों को ले आउट पर चिन्हित करा लें, इसके बाद संपत्ति अनुभाग से जांच कराई जाए कि चिन्हित जमीन रिक्त है अथवा आवंटित. 15 दिनों में पूरा विवरण दिए जाए. इसके अलावा संयुक्त सचिव ऋतु सुहास व तहसीलदार राजेश शुक्ला को सीलिंग की भूमि के संबंध में कार्रवाई कराते हुए 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करने को कहा.

ओटीएस की सुस्त रफ्तार पर भी जताई नाराजगी

विशेष कार्याधिकारी डीके सिंह ने अवगत कराया कि एलडीए की विभिन्न योजनाओं में कुल 2706 डिफाल्टर हैं, मगर एक मुश्त समाधान योजना में सिर्फ 400 लोगों ने ही आवेदन किया है. कमिश्नर ने इस पर नाराजगी जताई. वहीं कमिश्नर द्वारा सही आंकड़ों की जानकारी पूछने पर कोई जवाब नहीं दे सका. उन्होंने प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त डिफाल्टरों का योजनावार विवरण तैयार किया जाए, जिन लोगों ने ओटीएस आवेदन नहीं किया है उनसे फीड बैक प्राप्त किया जाए. 31 दिसंबर तक योजना समाप्त हो रही है. इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि ओटीएस योजना में प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों का समय में शत प्रतिशत निस्तारण किया जाए. साथ ही ओटीएस के अंतर्गत 4192 डिफाल्टर आवंटियों का अलग-अलग विवरण तैयार कर 7 दिनों में आवेदन लिए जाने के निर्देश दिए. उपाध्यक्ष ने बताया कि आंकड़ों का सही विवरण न होने पर कमिश्नर ने लेखा कर्मचारी विनोद श्रीवास्तव से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

ट्रस्ट व रेंट की संपत्तियों का मांगा विवरण

वर्ष 1990 के बाद प्राधिकरण से ट्रस्ट व रेंट की आवंटित संपत्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है, जिसमें आवंटी का नाम व अन्य विवरण होंगे. इसके साथ ही ऐसे विवादित आवंटनों जिनका निस्तारण की कार्रवाई नहीं हुई का विवरण तैयार करने को कहा गया है. एग्जीक्यूटिव सिस्टम से आईजीआरएस की शिकायतों का विवरण 26 सितंबर तक मांगा गया है. तहसीलदार मो. असलम से न्यायालय में विचाराधीन वादों का विषयवार विवरण मांगा गया है. जिन मामलों में भू अर्जन की विधिक कार्यवाही होने के बाद कब्जे से बेदखली के विरूद्ध स्थगन पारित किया गया है, उसकी सूची मांगी गई है.

नहीं बिक पा रहीं अलोकप्रिय संपत्तियां

शहर में प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में व्यवसायिक संपत्ति जर्जर हो रही हैं. करीब 19 बार नीलामी लगाए जाने के बाद भी 132 संपत्तियों के लिये ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. ऐसी अलोकप्रिय संपत्तियों के संबंध में कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि किसी विशेषज्ञ से मदद लेकर 45 सेकंड का वीडियो तैयार कराया जाय. लोगों को आकर्षित करने के लिये प्रचार-प्रसार कराया जा सके.

ऋुतु सुहास से स्पष्टीकरण तलब

नजूल अफसर पंकज कुमार के ट्रांसफर के बाद उनकी जिम्मेदारी संयुक्त सचिव ऋतु सुहास को दी गई थी, इस दौरान नजूल की जिम्मेदारी निर्वहन में कुछ कमियां पाए जाने पर वीसी ने स्पष्टीकरण तलब कर लिया. हालांकि स्पष्टीकरण मौखिक ही था. लिखित में संयुक्त सचिव को कोई स्पष्टीकरण नहीं प्राप्त हुआ है.

सस्पेंशन की भी रही चर्चा

बैठक में यह भी चर्चा रही कि लेखाधिकारी विनोद श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है, जबकि चीफ इंजीनियर इंदुशेखर सिंह से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ-साथ उनके पीए को भी निलंबित कर दिया गया है. नायब तहसीलदार राजेश शुक्ला से भी स्पष्टीकरण लेने की चर्चा थी, लेकिन शाम तक लिखापढ़ी में कुछ नहीं पहुंचा.

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