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ऊर्जा मंत्री बोले, साल भर में 86,425 किसानों को मिले निजी नलकूप कनेक्शन

ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि साल भर में 86,425 किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन दिए गए हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Aug 9, 2023, 8:35 AM IST

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसानों की तरफ से लगातार यह समस्याएं उठाई जा रही हैं कि उन्हें निजी नलकूप का कनेक्शन देने में विभाग कोताही कर रहा है. सही समय पर स्टोर रूम से सामान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. किसानों की इस तरह की शिकायतों को लेकर विपक्षी दल के नेता की तरफ से उठाए गए सवालों का ऊर्जा विभाग की तरफ से जवाब दिया गया है. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि डार्क जोन में भी किसानों को निजी नलकूप के कनेक्शन दिए गए हैं. अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक एक साल में 86,425 निजी नलकूप कनेक्शन दिए गए. अप्रैल 2023 से पिछले चार माह में 14,000 निजी नलकूप कनेक्शन दिए गए हैं. ऊर्जा मंत्री ने समाजवादी पार्टी के सदस्य लालजी वर्मा की तरफ से निजी नलकूप के लिए किसानों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन देने को लेकर पूछे गये सवाल का सदन में ये जवाब दिया.


उन्होंने कहा है कि विभिन्न प्रकार के उपभोक्ताओं को पिछले चार माह में झटपट पोर्टल के माध्यम से 4,44,434 नये कनेक्शन दिये गये हैं. किसी भी व्यक्ति को अब विद्युत कनेक्शन लेने में कोई व्यवधान नहीं आता. ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कनेक्शन दिये जा रहे हैं. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस वर्ष की भीषण गर्मी में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी. यहां तक कि अभी जुलाई में 28,824 मेगावाट पीक डिमांड रही है. इसके पहले वर्ष 2012 से 2017 तक 12000 से 13000 मेगावाट पीक डिमांड रही. वर्ष 2016-17 में ही अधिकतम पीक डिमांड 16000 मेगावाट थी. इसी प्रकार एक अप्रैल 2017 में विद्युत ट्रांसफार्मर की कुल संख्या 12,07,541 थी, जबकि आज दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 26,36,333 ट्रांसफार्मर हो गयी है.


उन्होंने कहा कि बिजली की ज्यादा मांग के कारण ट्रांसफार्मर व तारों में लोड बढ़ गया है, जिससे विद्युत आपूर्ति में व्यवधान हो रहा है. जर्जर तारों को बदलने और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का काम लगातार चल रहा है. पिछले चार माह में 5,288 ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गई. 801 नये सब स्टेशन बनाए गए हैं. 6845 किलोमीटर एबी केबल लगाई गई. पिछले साल की अपेक्षा ट्रांसफार्मर जलने में भी कमी आई है. अभी तक 0.55 प्रतिशत ही ट्रांसफार्मर जले हैं.

जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने का कार्य लगातार चल रहा है. अभी तक 94,847 ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं. अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि उपभोक्ताओं को कहीं पर भी समस्या न हो इसके लिए शहरों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे में ट्रांसफार्मर को बदलने का कार्य निश्चित रूप से किया जाए. उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान और जन-प्रतिनिधियों के सुझाव जानने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 31 जुलाई से छह अगस्त तक जन-प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किए गए जिसमें जन-प्रतिनिधियों के बहुमूल्य सुझाव आये हैं जिन पर विभाग अमल करेगा.





ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की पीएम कुसुम सी-1 योजना के तहत निजी नलकूप पम्पों को सोलराइजेशन किया जा रहा है. अनुसूचित जाति/जनजाति, वनटांगिया मुसहर जातियों के लिए 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. पीएम कुसुम सी-2 योजना के तहत कृषि फीडरों का सोलराइजेशन किया जा रहा है. इसमें 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसानों की तरफ से लगातार यह समस्याएं उठाई जा रही हैं कि उन्हें निजी नलकूप का कनेक्शन देने में विभाग कोताही कर रहा है. सही समय पर स्टोर रूम से सामान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. किसानों की इस तरह की शिकायतों को लेकर विपक्षी दल के नेता की तरफ से उठाए गए सवालों का ऊर्जा विभाग की तरफ से जवाब दिया गया है. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि डार्क जोन में भी किसानों को निजी नलकूप के कनेक्शन दिए गए हैं. अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक एक साल में 86,425 निजी नलकूप कनेक्शन दिए गए. अप्रैल 2023 से पिछले चार माह में 14,000 निजी नलकूप कनेक्शन दिए गए हैं. ऊर्जा मंत्री ने समाजवादी पार्टी के सदस्य लालजी वर्मा की तरफ से निजी नलकूप के लिए किसानों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन देने को लेकर पूछे गये सवाल का सदन में ये जवाब दिया.


उन्होंने कहा है कि विभिन्न प्रकार के उपभोक्ताओं को पिछले चार माह में झटपट पोर्टल के माध्यम से 4,44,434 नये कनेक्शन दिये गये हैं. किसी भी व्यक्ति को अब विद्युत कनेक्शन लेने में कोई व्यवधान नहीं आता. ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कनेक्शन दिये जा रहे हैं. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस वर्ष की भीषण गर्मी में बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी. यहां तक कि अभी जुलाई में 28,824 मेगावाट पीक डिमांड रही है. इसके पहले वर्ष 2012 से 2017 तक 12000 से 13000 मेगावाट पीक डिमांड रही. वर्ष 2016-17 में ही अधिकतम पीक डिमांड 16000 मेगावाट थी. इसी प्रकार एक अप्रैल 2017 में विद्युत ट्रांसफार्मर की कुल संख्या 12,07,541 थी, जबकि आज दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 26,36,333 ट्रांसफार्मर हो गयी है.


उन्होंने कहा कि बिजली की ज्यादा मांग के कारण ट्रांसफार्मर व तारों में लोड बढ़ गया है, जिससे विद्युत आपूर्ति में व्यवधान हो रहा है. जर्जर तारों को बदलने और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का काम लगातार चल रहा है. पिछले चार माह में 5,288 ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गई. 801 नये सब स्टेशन बनाए गए हैं. 6845 किलोमीटर एबी केबल लगाई गई. पिछले साल की अपेक्षा ट्रांसफार्मर जलने में भी कमी आई है. अभी तक 0.55 प्रतिशत ही ट्रांसफार्मर जले हैं.

जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने का कार्य लगातार चल रहा है. अभी तक 94,847 ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं. अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि उपभोक्ताओं को कहीं पर भी समस्या न हो इसके लिए शहरों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे में ट्रांसफार्मर को बदलने का कार्य निश्चित रूप से किया जाए. उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान और जन-प्रतिनिधियों के सुझाव जानने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 31 जुलाई से छह अगस्त तक जन-प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किए गए जिसमें जन-प्रतिनिधियों के बहुमूल्य सुझाव आये हैं जिन पर विभाग अमल करेगा.





ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की पीएम कुसुम सी-1 योजना के तहत निजी नलकूप पम्पों को सोलराइजेशन किया जा रहा है. अनुसूचित जाति/जनजाति, वनटांगिया मुसहर जातियों के लिए 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. पीएम कुसुम सी-2 योजना के तहत कृषि फीडरों का सोलराइजेशन किया जा रहा है. इसमें 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.

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