लखनऊ: तमाम रेलकर्मी ऐसे हैं जिन्हें रेलवे आवास की आवश्यकता है, लेकिन उन्हें आवास नहीं मिल पा रहा है. वजह है कि कॉलोनियों पर लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है और वे इसे खाली नहीं कर रहे हैं. अब हर हाल में अवैध कब्जेदारों को मकान से कब्जा हटाया (Encroachment in Lucknow Railway Colonies) जाएगा. इसके लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है.
रेलवे कॉलोनियों में अवैध कब्जा (Railway colonies in Lucknow) हटाने के लिए ऑडिट कराया जाएगा. अवैध तरीके से इन आवासों में रह रहे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. इससे जरूरतमंद रेल कर्मियों को आवास उपलब्ध कराया जा सकेगा. लखनऊ की रेलवे कॉलोनियों की ऑडिटिंग जल्द होगी. इसके लिए दिल्ली से रेलवे अधिकारियों की टीम आएगी.
लखनऊ में उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे की कॉलोनियां हैं. इनमें पंजाबनगर, शांतिनगर, बरहा और सीपीएच प्रमुख कॉलोनियां हैं. रेलवे की इन कॉलोनियों में अवैध रूप से कब्जों की भरमार है, जो समय-समय पर आरपीएफ की तरफ से हटाए जाते हैं, लेकिन अब उन्हें स्थायी रूप से हटाने की तैयारी हो गई है. रेलवे कॉलोनियों के 700 से अधिक आवास जर्जर हैं और इन्हें ढहाने के निर्देश दिए जा चुके हैं.
इन आवासों को किराए पर उठा दिया जाता है. ऐसे में हादसा होने की गुंजाइश बनी रहती है, जिसे समाप्त किया जाएगा. इन जर्जर आवासों को गिराकर उनकी जगह मल्टीस्टोरी भवर बनाए जाएंगे. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कॉलोनियों की ऑडिटिंग होने के बाद कार्ययोजना तैयार करने में भी सहायता मिलेगी. रेलवे के सूत्र बताते हैं कि कई रेलवे कॉलोनियों में रेलवे यूनियनों ने दफ्तर के नाम पर कब्जा कर रखा है.
इन स्थानों पर तबेले, कबाड़खाने बनाए गए हैं. इन भवनों का ऑडिटिंग टीम ऑडिट करेगी और अवैध कब्जेदारों को हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई भी कराएगी. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक किसी भी कॉलोनी पर अवैध तरीके से किसी भी कब्जेदार को रहने नहीं दिया जाएगा.
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