लखनऊ: पुलिस महकमे में आए दिन वसूली भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी (corruption commissioning) के आरोप लगते हैं. इस तरह के आरोपों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर भ्रष्टाचार का आरोप लखनऊ पुलिस लाइन के परिसर तक जा पहुंचा है. अवैध वसूली व धन उगाही के आरोप प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) पर व उसके चालक पर लगा है. तमाम संगीन आरोपों के साथ पुलिस लाइन के कर्मचारियों ने प्रतिसार निरीक्षक व उसके चालक के खिलाफ डीसीपी मुख्यालय (dgp headquarters) को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है. शिकायत संबंधी पत्र के वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
संयुक्त रूप से पुलिस लाइन के कर्मचारियों की ओर से डीजीपी मुख्यालय को दिए गए इस पत्र ने एक बार फिर पुलिस को अवैध वसूली, धन उगाही व कमीशन खोरी जैसे आरोपों से घेर लिया है. हालांकि, पुलिस लाइन (आरआई) का कहना है की यह सभी आरोप निराधार हैं. वहीं डीसीपी मुख्यालय से बताया गया है कि मामले की जांच की जा रही है. इसके साथ ही चालक सतीश यादव को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.
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शिकायती पत्र में कर्मचारियों ने लिखा कि पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक प्रथम राकेश शर्मा का भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. मुख्य आरक्षी सतीश कुमार यादव जोकि, राकेश शर्मा का चालक है. उसकी ठेकेदारों से अच्छी पहचान है, जिसके माध्यम से वह राकेश शर्मा को मोटा कमीशन दिलवाता है. इतना ही नहीं आरआई राकेश शर्मा के संरक्षण में ही चालक सतीश यादव पुलिस लाइन के सभी मदों से अवैध वसूली भी करता है. पत्र में कर्मचारियों ने आगे लिखा कि जीपी स्टोर में एक ही फॉलोवर शर्मा जो कि 10 से 15 सालों से जमा हुआ है. आरोप है कि वह भी चालक सतीश यादव के साथ मिलकर सामानों की खरीदारी और वितरण में दलाली करता है. पत्र में आगे लिखा गया है कि आयुक्त महोदय के पहले से निर्देश हैं कि कोई भी फॉलोवर मद में काम नहीं करेगा. इसके बावजूद आरआई राकेश शर्मा के संरक्षण में फॉलोवर शर्मा और चालक सतीश धड़ल्ले से दलाली कर रहा है. इसके अलावा गणना कार्यालय में तैनात कांस्टेबल भानु पटेल व मुकेश कुमार भी अवैध वसूली कर यह वसूली की रकम सतीश यादव तक पहुंचाते हैं.
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लखनऊ पुलिस लाइन के कर्मचारियों का आरोप है कि उन्होंने वसूली का विरोध किया तो कर्मचारियों को आवंटित हुए मकान भी खाली करा लिए गए. विदित हो कि पूर्व में जब राकेश शर्मा आरआई सेकंड थे, तब भी सतीश ही उनका चालक था. उस वक्त भी ये दोनों मिलकर वसूली के मामले में लूट मचाए थे. मामला संज्ञान में आने के बाद एसीपी लाइन रही प्राची सिंह ने आरआई सेकंड से सतीश को अलग कर दिया था और राकेश शर्मा को भी हटा दिया था. इसके बाद जब आरआई राकेश शर्मा आरआई फर्स्ट बने तो फिर जुगाड़ से सतीश को अपना चालक नियुक्त करा लिया. आरोप है कि पूर्व में भी इनकी वसूली की शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इनका वसूली का न खेल रुक रहा है और न ही भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई हो रही है. वहीं कर्मचारियों की माने तो आरआई फर्स्ट का चालक सतीश यादव सस्पेंड चल रहा है उसके बावजूद भी उनकी गाड़ी का चालक बना हुआ है.