लखनऊ: कर्मचारी भविष्य निधि के पैसे के लिए सरकार से बिजली विभाग के संगठनों ने 7 दिन के अंदर नोटिफिकेशन जारी करने की मांग की थी, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हुआ. मंगलवार को 7 दिन की मियाद पूरी हो गई. उसके बाद पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आगामी 14 नवंबर को प्रदेशभर के अभियंताओं को सरकार के खिलाफ आंदोलन के लिए जुटने का फरमान सुना दिया है. अब अभियंता आंदोलन करके सरकार पर दबाव डालेंगे कि सरकार कर्मचारियों की भविष्य निधि के पैसे के लिए नोटिफिकेशन जारी करें.
क्या है पूरा मामला
- उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले के उजागर होने पर सरकार के सामने तीन मांगे रखी थीं.
- पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने, बिजली विभाग के अधिकारियों को तत्काल हटाने और कर्मचारियों की भविष्य निधि की गारंटी सरकार को लेने की मांग की थी.
- सरकार ने अभी तक पीएफ के लिए कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया, जिसके चलते अब 14 नवंबर को तमाम कर्मचारी आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं.
- मंगलवार को इसके लिए पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें आंदोलन की रणनीति बनी.
पावस ऑफिसर्स एसोसिएशन की तीन मांग थीं. पहली सीबीआई जांच की डिमांड जो सरकार ने मान ली, सभी को हटाने की मांग भी मान ली. तीसरी मांग थी कि कर्मचारियों का 2267 करोड़ रुपये है. इसकी गारंटी सरकार ले, क्योंकि 51 परसेंट शेयर उत्तर प्रदेश सरकार के पास है. हमने सरकार को 7 दिन का समय दिया था, लेकिन सरकार और पावर कारपोरेशन ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की. आज हमारी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 14 नवंबर को पूरे प्रदेश भर के अभियंता लखनऊ में जुट रहे हैं और रैली करेंगे. सरकार से मांग उठाएंगे की अविलंब 2267 करोड़ रुपये जो डीएचएफएल में फंसा है, सरकार यह गारंटी दे कि कर्मचारियों को उनका पैसा मिलेगा. इसके बाद कर्मचारी पहले की तरह कार्य करेंगे.
- अवधेश कुमार वर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष, पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन