लखनऊ: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत निजी कंपनियों के कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद पैथोलॉजी में खून की जांच का संकट उबर आया है. यहां आने वाले तमाम मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
राजधानी लखनऊ में मुख्यतः तीन जिला अस्पताल हैं. यहां पर खून से संबंधित जांच हो जाने से लोगों को निजी अस्पतालों में महंगी दरों पर जांचें नहीं करानी पड़ती हैं. अब शासन के आदेश के बाद राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों की पैथोलॉजी में तैनात कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद पैथोलॉजी की व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गई हैं. मरीजों को भी अपनी जांच अधिक दर पर निजी अस्पतालों से करनी पड़ रही है.
हालांकि जब राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल व सिविल अस्पताल के जिम्मेदारों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि, अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की गई है जिससे सेवाएं बाधित न हो और सुचारू रूप से लोगों को मिल पाए. हालांकि उत्तर प्रदेश में इन कर्मचारियों की संख्या लगभग 300 के आस-पास है, जिनके हटाए जाने के बाद इन्हें सेवाएं में रुकावट आई है.