लखनऊ: समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा पर अधिकारी और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप है. इसको लेकर मामला जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ तक पहुंच गया. प्रमुख सचिव के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर बुधवार को कर्मचारी महासंघ ने जोरदार प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर मीणा को हटाकर कार्रवाई नहीं की गई तो यह आंदोलन सरकार को सबक सिखाने वाला साबित होगा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख सचिव के खिलाफ मुर्दाबाद के भी नारे लगाए.
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जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ ने किया प्रदर्शन
समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा के खिलाफ समय से समाज कल्याण के निदेशक आरके त्रिपाठी अन्य अधिकारी कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा को लेकर कार्य बहिष्कार जारी है. बुधवार को जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ ने कार्य बहिष्कार करते हुए पैदल मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई. कर्मचारी मुख्य सचिव से मिलने और उन्हें ज्ञापन देकर प्रमुख सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े हैं.
'प्रमुख सचिव बीएल मीणा को हटाने तक जारी रहेगा आंदोलन'
जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडे ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा काफी समय से अधिकारियों कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा में बातचीत करते रहे हैं. सरकार द्वारा तैनात किए गए समाज कल्याण विभाग के निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी को वह जमूरा बता रहे हैं.
'मान-सम्मान से समझौता बर्दाश्त नहीं'
सतीश पांडे ने कहा कि प्रमुख सचिव अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. यह न तो कर्मचारियों के हित में है और न सरकार के हित में है. उन्होंने कहा कि मान-सम्मान और स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते. जब तक सरकार बीएल मीणा को हटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. सरकार के खिलाफ तमाम समस्याओं को लेकर जो आंदोलन 4 महीने बाद होना था, वह आंदोलन अब जल्द शुरू कर सकते हैं. सरकार चाहती है कि सब कुछ ठीक रहे और प्रदेश में आंदोलन न हो तो प्रमुख सचिव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे.
'आंदोलन को कई संगठनों का है समर्थन'
जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय ने कहा कि हमारे इस आंदोलन को राज्य कर्मचारी महासंघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सहित अन्य कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है. सरकार अगर जल्द कार्रवाई नहीं करती है तो आंदोलन और तेज होगा. प्रदेश भर के कर्मचारियों को भी लखनऊ बुलाने पर बाध्य होंगे.