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वादा तेरा वादा: फाइलों से बाहर नहीं निकल रहा कोविड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का इन्सेंटिव

कोरोना काल में कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों, स्टाफ नर्स, एलटी कर्मचारियों, वार्ड ब्वाय और सफाईकर्मियों को उनके मूल वेतन का 25 प्रतिशत इन्सेंटिव देने की घोषणा की गई थी. लेकिन अभी तक ये घोषणा मात्र फाइलों तक ही सीमित है, कर्मचारियों के खाते में इसका पैसा नहीं आया है.

महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज
महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज
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Published : Aug 10, 2021, 6:42 PM IST

अम्बेडकर नगर: कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले कर्मियों को मूल वेतन का 25% इंसेंटिव देने का शासन का निर्देश फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहा है. सरकार ने इन कर्मचारियों को 3 माह का प्रोहत्साहन राशि देने का फैसला किया था लेकिन, जिले के महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज सहित जिले के किसी भी कोविड हॉस्पिटल में कार्य कर चुके कर्मियों को अभी तक यह प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. इसके लिए कर्मचारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं.

कोरोना की दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी तो सरकार ने कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों, स्टाफ नर्स, एलटी कर्मचारियों, वार्ड ब्वाय और सफाईकर्मियों को उनके मूल वेतन का 25 प्रतिशत इन्सेंटिव देने की घोषणा की थी. इसके लिए सरकार ने बाकायदा शासनादेश भी जारी कर दिया था. कोविड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को अप्रैल, मई और जून तीन महीने का इन्सेंटिव मिलना था लेकिन, अभी तक इन कर्मचारियों को एक भी माह का भी इन्सेंटिव नहीं मिला है.

कोविड की दूसरी लहर के दौरान जिले में 3 अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था. महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज, एमसीएच विंग टांडा और महिला चिकित्सालय जलालपुर को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था. कोविड के दौरान पूरे जिले के अधिकांश चिकित्सकों और स्वास्थ कर्मियों की ड्यूटी यहीं लगाई थी, जहां पर कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल और इलाज करते थे लेकिन, अब ये कर्मचारी प्रोत्साहन राशि के लिए भटक रहे हैं.

कोविड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को इन्सेंटिव न मिलने पर राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक का कहना है कि हमारे यहां तकरीबन 180 कर्मचारियों ने कोरोना में ड्यूटी की है. शासनादेश के अनुरूप जिन कर्मचारियों ने महीने में 14 दिन की ड्यूटी की है उनको इन्सेंटिव मिलना था लेकिन, अभी बजट नहीं आया है. बजट मिलते ही कर्मचारियों के खाते में पैसा भेज दिया जाएगा.

इस संबंध में एमसीएच विंग टांडा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ए के रॉय का कहना है कि यहां तकरीबन 103 कर्मचारियों ने काम किया है. इन्सेंटिव देने के लिए शासन से दिशा-निर्देश मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि इन्सेंटिव देने का शासनादेश तो आया था, लेकिन अभी तक किसी को मिला नहीं है.

अम्बेडकर नगर: कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले कर्मियों को मूल वेतन का 25% इंसेंटिव देने का शासन का निर्देश फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहा है. सरकार ने इन कर्मचारियों को 3 माह का प्रोहत्साहन राशि देने का फैसला किया था लेकिन, जिले के महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज सहित जिले के किसी भी कोविड हॉस्पिटल में कार्य कर चुके कर्मियों को अभी तक यह प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. इसके लिए कर्मचारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं.

कोरोना की दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी तो सरकार ने कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों, स्टाफ नर्स, एलटी कर्मचारियों, वार्ड ब्वाय और सफाईकर्मियों को उनके मूल वेतन का 25 प्रतिशत इन्सेंटिव देने की घोषणा की थी. इसके लिए सरकार ने बाकायदा शासनादेश भी जारी कर दिया था. कोविड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को अप्रैल, मई और जून तीन महीने का इन्सेंटिव मिलना था लेकिन, अभी तक इन कर्मचारियों को एक भी माह का भी इन्सेंटिव नहीं मिला है.

कोविड की दूसरी लहर के दौरान जिले में 3 अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था. महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज, एमसीएच विंग टांडा और महिला चिकित्सालय जलालपुर को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था. कोविड के दौरान पूरे जिले के अधिकांश चिकित्सकों और स्वास्थ कर्मियों की ड्यूटी यहीं लगाई थी, जहां पर कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल और इलाज करते थे लेकिन, अब ये कर्मचारी प्रोत्साहन राशि के लिए भटक रहे हैं.

कोविड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को इन्सेंटिव न मिलने पर राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सन्दीप कौशिक का कहना है कि हमारे यहां तकरीबन 180 कर्मचारियों ने कोरोना में ड्यूटी की है. शासनादेश के अनुरूप जिन कर्मचारियों ने महीने में 14 दिन की ड्यूटी की है उनको इन्सेंटिव मिलना था लेकिन, अभी बजट नहीं आया है. बजट मिलते ही कर्मचारियों के खाते में पैसा भेज दिया जाएगा.

इस संबंध में एमसीएच विंग टांडा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ए के रॉय का कहना है कि यहां तकरीबन 103 कर्मचारियों ने काम किया है. इन्सेंटिव देने के लिए शासन से दिशा-निर्देश मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि इन्सेंटिव देने का शासनादेश तो आया था, लेकिन अभी तक किसी को मिला नहीं है.

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