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राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज में इमरजेंसी वार्ड तैयार, स्टाफ की कमी

राजधानी के गोमती नगर स्थित राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज (Government Homeopathic College in lucknow) में साल भर से इमरजेंसी वार्ड का भवन बनकर तैयार है, लेकिन स्टाॅफ न होने से अभी तक इसका ताला नहीं खुल सका है. कॉलेज में इमरजेंसी के संचालन के लिए अन्य विधाओं के डॉक्टरों की जरूरत है. भवन के निर्माण के बाद सर्जरी, गाइनी, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और नर्स के पद भी स्वीकृत हो गए थे. अभी तक इन पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी है.

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Published : Dec 6, 2022, 6:35 PM IST

लखनऊ : राजधानी के गोमती नगर स्थित राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज (Government Homeopathic College in lucknow) में साल भर से इमरजेंसी वार्ड का भवन बनकर तैयार है, लेकिन स्टाॅफ न होने से अभी तक इसका ताला नहीं खुल सका है. कॉलेज में इमरजेंसी के संचालन के लिए अन्य विधाओं के डॉक्टरों की जरूरत है. भवन के निर्माण के बाद सर्जरी, गाइनी, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और नर्स के पद भी स्वीकृत हो गए थे. अभी तक इन पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी है. प्रदेश में करीब 1584 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं. यहां हर साल करीब 1.78 करोड़ मरीज इलाज कराते हैं.

होम्योपैथिक कॉलेज में ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवा भी शुरू होनी है. इमरजेंसी में विभिन्न बीमारियों के साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले भी पहुंचते हैं. इसे देखते हुए अस्पताल की इमरजेंसी की योजना इस तरह से तैयार की गई जिसमें हर प्रकार के मरीजों को लाभ मिल सके. इसलिए यहां एलोपैथिक विधा के सर्जन, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञों की तैनाती का प्रस्ताव पास किया गया. शासन से इसके पद भी स्वीकृत हो गए, लेकिन इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई. इस वजह से लाखों रुपये की लागत से बना भवन बिना उपयोग के ही खड़ा है.

राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आनंद वर्मा ने कहा कि इमरजेंसी का संचालन शुरू करने के लिए जिन पदों पर नियुक्ति की जरूरत है, उनके बारे में शासन को पत्र भेजा जा चुका है. भर्ती होते ही इमरजेंसी वार्ड का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें : विधान परिषद में सरकार का दावा, जहरीली शराब से एक भी मौत नहीं हुई

लखनऊ : राजधानी के गोमती नगर स्थित राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज (Government Homeopathic College in lucknow) में साल भर से इमरजेंसी वार्ड का भवन बनकर तैयार है, लेकिन स्टाॅफ न होने से अभी तक इसका ताला नहीं खुल सका है. कॉलेज में इमरजेंसी के संचालन के लिए अन्य विधाओं के डॉक्टरों की जरूरत है. भवन के निर्माण के बाद सर्जरी, गाइनी, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और नर्स के पद भी स्वीकृत हो गए थे. अभी तक इन पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी है. प्रदेश में करीब 1584 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं. यहां हर साल करीब 1.78 करोड़ मरीज इलाज कराते हैं.

होम्योपैथिक कॉलेज में ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवा भी शुरू होनी है. इमरजेंसी में विभिन्न बीमारियों के साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले भी पहुंचते हैं. इसे देखते हुए अस्पताल की इमरजेंसी की योजना इस तरह से तैयार की गई जिसमें हर प्रकार के मरीजों को लाभ मिल सके. इसलिए यहां एलोपैथिक विधा के सर्जन, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञों की तैनाती का प्रस्ताव पास किया गया. शासन से इसके पद भी स्वीकृत हो गए, लेकिन इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई. इस वजह से लाखों रुपये की लागत से बना भवन बिना उपयोग के ही खड़ा है.

राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आनंद वर्मा ने कहा कि इमरजेंसी का संचालन शुरू करने के लिए जिन पदों पर नियुक्ति की जरूरत है, उनके बारे में शासन को पत्र भेजा जा चुका है. भर्ती होते ही इमरजेंसी वार्ड का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

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