लखनऊ: आपातकालीन चिकित्सा को एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है. इसे बेसिक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाया जाएगा. देश के कुछ संस्थानों में एमडी और डीएनबी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम मेडिकल द्वारा चलाए जाते हैं.
मनाया गया आपातकालीन चिकित्सा दिवस
गुरुवार को राजधानी के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में विश्व आपातकालीन चिकित्सा दिवस मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित वेबिनार में आपातकालीन चिकित्सा के सफर पर चर्चा की गई. बताया गया कि भारतीय चिकित्सा आयोग ने अक्टूबर 2020 में आपातकालीन विभाग का निर्माण किया है. अब यह बेसिक सब्जेक्ट के तौर पर एमबीबीएस में पढ़ाया जाएगा.
यूरोप से शुरू हुई आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था
वेबिनार में विशेषज्ञों ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा की परंपरा यूरोप से प्रारंभ हुई. अब इसके महत्व और आवश्यकता को देखते हुए इसे विश्व स्तर पर मनाया जाता है. विश्वविद्यालय के आपातकालीन मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार आपातकालीन चिकित्सा के विकास और महत्व के बारे में बताया गया.
केजीएमयू में 6 बिस्तरों वाला आपातकालीन आईसीयू भी
विभाग प्रमुख प्रो. हैदर अब्बास ने बताया कि विश्वविद्यालय में आपातकालीन चिकित्सा विभाग की स्थापना 2016 में हुई, तब से विभाग खुद को पूर्ण रूप से स्थापित कर चुका है. वेबिनार में डॉ. लोकेंद्र गुप्ता, प्रमुख, आपातकालीन चिकित्सा विभाग, मेदांता, लखनऊ ने भी भाग लिया. कार्यक्रम की प्रस्तुति डॉ. उत्सव मणि ने की.
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