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बिजली कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल कल, बिजली संशोधन बिल का कर रहे हैं विरोध

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Published : Aug 9, 2021, 11:22 AM IST

बिजली संशोधन बिल-2021 के खिलाफ करीब 15 लाख बिजली कर्मचारी मंगलवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे. हड़ताल में हरियाणा के बिजली कर्मचारी, इंजीनियर भी हिस्सा लेंगे.

बिजली कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल कल
बिजली कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल कल

लखनऊ: नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर के आह्वान पर मंगलवार को विद्युत संशोधन बिल 2021 के विरोध में बिजली कर्मचारी और इंजीनियरों ने हड़ताल की घोषणा की है. देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर इस बिल के विरोध में एक दिन की हड़ताल करेंगे. ऑल इंडिया पावर फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे बताते हैं कि तीन से छह अगस्त तक विभिन्न राज्यों के बिजली कर्मियों ने देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह कर विरोध जताया था. अब 10 अगस्त को बिजली कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर जाने को तैयार हैं.

बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के पास बिल भेजने की मांग
उन्होंने बताया कि अगर केंद्र सरकार इस बिल को 10 अगस्त के पहले संसद में रखेगी तो बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे. दुबे ने कहा कि इस बिल को संसद से पारित करने के बजाय बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजिनियर्स और फेडरेशन ने सभी राजनीतिक दलों को इस बाबत पत्र भेजा है. उनसे अनुरोध किया है कि इस बिल का संसद में पुरजोर विरोध करें. इस पर कई राजनीतिक दलों की सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली है. उन्होंने बताया कि केरल विधानसभा ने इस बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है.

इसे भी पढ़ें-इंस्टिट्यूट के मालिक के खिलाफ छात्रा ने दर्ज कराई FIR, ठगी का आरोप

कई राज्यों के मुख्यमंत्री जता चुके हैं विरोध
फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि केरल विधानसभा ने बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस विधेयक पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली, झारखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस बिल का विरोध कर चुके हैं.

लखनऊ: नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर के आह्वान पर मंगलवार को विद्युत संशोधन बिल 2021 के विरोध में बिजली कर्मचारी और इंजीनियरों ने हड़ताल की घोषणा की है. देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर इस बिल के विरोध में एक दिन की हड़ताल करेंगे. ऑल इंडिया पावर फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे बताते हैं कि तीन से छह अगस्त तक विभिन्न राज्यों के बिजली कर्मियों ने देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह कर विरोध जताया था. अब 10 अगस्त को बिजली कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर जाने को तैयार हैं.

बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के पास बिल भेजने की मांग
उन्होंने बताया कि अगर केंद्र सरकार इस बिल को 10 अगस्त के पहले संसद में रखेगी तो बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे. दुबे ने कहा कि इस बिल को संसद से पारित करने के बजाय बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजिनियर्स और फेडरेशन ने सभी राजनीतिक दलों को इस बाबत पत्र भेजा है. उनसे अनुरोध किया है कि इस बिल का संसद में पुरजोर विरोध करें. इस पर कई राजनीतिक दलों की सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली है. उन्होंने बताया कि केरल विधानसभा ने इस बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है.

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कई राज्यों के मुख्यमंत्री जता चुके हैं विरोध
फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि केरल विधानसभा ने बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस विधेयक पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली, झारखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस बिल का विरोध कर चुके हैं.

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