लखनऊ : लगभग एक लाख करोड़ के घाटे में चल रहे ऊर्जा विभाग को विद्युत नियामक आयोग ने जोरदार झटका दिया है. बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं की बिजली दरों में वृद्धि का जो प्रस्ताव दाखिल किया था उस पर नियामक आयोग ने असहमति जाहिर करते हुए उसे खारिज कर दिया है. लिहाजा पाॅवर काॅरपोरेशन को झटका लगा है, वहीं उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. उपभोक्ताओं पर अब महंगी बिजली का बोझ नहीं पड़ेगा. नियामक आयोग ने गुरुवार को प्रस्तावित बिजली दरों पर अपना फैसला सुना दिया. जहां उपभोक्ताओं की बिजली दरें न बढ़ाकर उन्हें राहत दी है, वहीं नोएडा क्षेत्र के उपभोक्ताओं के बिजली दरों में 10 फीसदी की कमी कर उन्हें सौगात दी है. इतना ही नहीं अब बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी आम जनता के समान ही हो गए हैं. अब उनके घर पर मीटर लगेगा. उनसे भी बिल वसूला जाएगा. इसके आदेश भी नियामक आयोग ने जारी कर दिया हैं.
10 प्रतिशत की छूट : नियामक आयोग ने नोएडा पावर कंपनी के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 10 प्रतिशत का रिबेट देकर आगे के लिए रास्ता साफ कर दिया है. यानी ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 10 प्रतिशत की कमी कर दी गई है. पभोक्ताओं का अगर बिजली कंपनियों पर सरप्लस निकलेगा तो पहले जैसे रेगुलेटरी सरचार्ज लगता था अब उसी आधार पर भी रेगुलेटर लाभ मिलेगा. प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे रुपया 25,133 करोड के एवज में प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में इसलिए कमी नहीं की गई क्योंकि बिजली कंपनियों ने एक शपथ पत्र दे दिया है कि बिजली कंपनियों की तरफ से अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल किया गया है.
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