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यूपी में एक रुपये प्रति यूनिट महंगी हो सकती है बिजली?

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Published : May 6, 2022, 7:43 AM IST

यूपी के लोगों को बिजलीघरों के लिए विदेशी कोयले की खरीद महंगी पड़ सकती है. केंद्र सरकार के इस फैसले से यूपी में बिजली की दर एक रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ने की उम्मीद है.

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यूपी में महंगी बिजली

लखनऊ: यूपी के बिजलीघरों के लिए विदेशी कोयले की खरीद उपभोक्ताओं को महंगी पड़ सकती है. केंद्र सरकार के इस फैसले से यूपी में बिजली की दरें एक रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ सकती हैं.

निजी उत्पादकों ने जहां विदेशी कोयले की खरीद के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं दूसरी तरफ राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने सरकार को हालात की जानकारी देकर इसके लिए मंजूरी मांगी है.

उत्पादन निगम की ओर से शासन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 10 प्रतिशत विदेशी कोयले की खरीद से प्रदेश के सभी बिजलीघरों पर लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इस वजह से दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी. वहीं निजी उत्पादकों ने विदेशी कोयले के इस्तेमाल की आड़ में दरें बढ़ाने के लिए लामबंद होना शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें- स्मार्ट बनाए जाएंगे यूपी के सभी गांव, मिलेगा हाईस्पीड इंटरनेट और फ़्री वाई-फाई

कोयला संकट के नाम पर भारत सरकार ने यूपी समेत सभी राज्यों पर विदेशी कोयले की खरीदने का दबाव बढ़ा दिया है. इसके टेंडर के लिए 31 मई तक की समयसीमा तय कर दी गई है. खास बात यह है कि विदेशी कोयले की खरीद सीमित अवधि के लिए नहीं बल्कि पूरे एक वर्ष के लिए करने के निर्देश दिए गए हैं. मौजूदा समय में ढुलाई के साथ राज्य विद्युत उत्पादन निगम को कोल इंडिया से 3,000 रुपये प्रति टन की दर से कोयला मिल रहा है. वहीं विदेशी कोयला कम से कम 17,000 रुपये टन की दर से मिलेगा.

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लखनऊ: यूपी के बिजलीघरों के लिए विदेशी कोयले की खरीद उपभोक्ताओं को महंगी पड़ सकती है. केंद्र सरकार के इस फैसले से यूपी में बिजली की दरें एक रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ सकती हैं.

निजी उत्पादकों ने जहां विदेशी कोयले की खरीद के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं दूसरी तरफ राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने सरकार को हालात की जानकारी देकर इसके लिए मंजूरी मांगी है.

उत्पादन निगम की ओर से शासन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 10 प्रतिशत विदेशी कोयले की खरीद से प्रदेश के सभी बिजलीघरों पर लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इस वजह से दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी. वहीं निजी उत्पादकों ने विदेशी कोयले के इस्तेमाल की आड़ में दरें बढ़ाने के लिए लामबंद होना शुरू कर दिया है.

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कोयला संकट के नाम पर भारत सरकार ने यूपी समेत सभी राज्यों पर विदेशी कोयले की खरीदने का दबाव बढ़ा दिया है. इसके टेंडर के लिए 31 मई तक की समयसीमा तय कर दी गई है. खास बात यह है कि विदेशी कोयले की खरीद सीमित अवधि के लिए नहीं बल्कि पूरे एक वर्ष के लिए करने के निर्देश दिए गए हैं. मौजूदा समय में ढुलाई के साथ राज्य विद्युत उत्पादन निगम को कोल इंडिया से 3,000 रुपये प्रति टन की दर से कोयला मिल रहा है. वहीं विदेशी कोयला कम से कम 17,000 रुपये टन की दर से मिलेगा.

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