लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए यह राहत भरी खबर है. आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली (Electricity rates in Uttar Pradesh) का भर नहीं पड़ेगा, बल्कि उनकी बिजली सस्ती हो सकती है. वजह है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से पावर काॅरपोरेशन ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में ईंधन अधिभार यानी कि फ्यूल सरचार्ज वर्ष 2023-24 के एक क्वार्टर के लिए 35 पैसा प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणी बार उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी के लिए प्रस्ताव दाखिल कर दिया है. इसका असर यह पड़ेगा कि उपभोक्ताओं के बिजली 18 पैसे से लेकर 69 पैसे प्रति यूनिट सस्ती हो सकती है.
इससे पहले प्रदेश की बिजली कंपनियों ने जुलाई 2023 में के लिए 61 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए ईंधन अधिवास शुल्क आयोग में दाखिल किया था, जिस पर उपभोक्ता परिषद की दाखिल आपत्तियां व विरोध के बाद पावर कॉरपोरेशन पीछे हट गया था. वह पूरा मामला ठंडा बस्ते में चला गया था. अब पावर काॅरपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग में जो ईंधन अधिकार शुल्क के एवज में 35 पैसे प्रति यूनिट कमी के लिए अलग-अलग श्रेणी वार प्रस्ताव दाखिल किया है उसमें यह भी लिखा है कि पूर्व में जो बढ़ोतरी चाह रहा था, उसे ट्रू-अप के समय देखा जाए. वर्तमान में विद्युत नियामक आयोग ने जो कानून बनाया है, उसके हिसाब से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक क्वार्टर के हिसाब से ईंधन अधिभार शुल्क पर याचिका दाखिल करना है, लेकिन आने वाले समय में केंद्र सरकार ने जो कानून पारित किया है उसके हिसाब से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक माह फ्यूल सरचार्ज का कानून स्वत: लागू किए जाने का प्रावधान है, लेकिन अभी वह कानून विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के लिए लागू नहीं किया है.
श्रेणी वार उपभोक्ता | प्रस्तावित ईंधन अधिभार कमी |
घरेलू बीपीएल | 18 पैसे प्रति यूनिट |
घरेलू सामान्य | 26 से 34 पैसे प्रति यूनिट |
कामर्शियल | 34 से 48 पैसे प्रति यूनिट |
किसान | 13 से 30 पैसे प्रति यूनिट |
नॉन इंडस्ट्रील बल्कलोड | 46 से 69 पैसे प्रति यूनिट |
भारी उद्योग | 33 से 38 पैसे प्रति यूनिट |
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 'जिस राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर कुल लगभग 33,122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है, इसलिए आगे भी प्रदेश की बिजली कंपनियां चाहकर भी ईंधन अधिभार शुल्क के एवज में कोई भी बढ़ोतरी या बिजली दर में कोई इजाफा तब तक नहीं कर पाएंगे जब तक उपभोक्ताओं का हिसाब बराबर नहीं हो जाता. जब जब ईंधन अधिभार के रूप में उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकलेगा उसके एवज में बिजली दरों में कमी करना अनिवार्य होगा. पावर काॅरपोरेशन ने प्रदेश के उपभोक्ताओं को अप्रैल, मई व जून क्वार्टर के लिए लाभ दिए जाने के लिए आकलन किया है. अलग-अलग श्रेणीवार उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी के लिए प्रस्ताव दाखिल किया है, वह 18 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 69 पैसे प्रति यूनिट तक है. ग्रामीण घरेलू अनमीटर्ड जिनसे अभी 500 रुपए प्रति किलोवाट प्रति माह लिया जाता है, उनकी बिजली दरों में प्रति माह 50 रुपया 90 पैसा प्रति किलोवाट प्रति माह का फायदा होगा. किसानों को 48 रुपया 43 पैसा प्रति हॉर्स पावर का लाभ होगा.'