लखनऊ : बिजली कंपनियों ने नए साल में बिजली दरों (Electricity prices will increase in UP) को महंगा करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. नियामक आयोग भी बिजली दरों में संशोधन को लेकर इस बार तैयार नजर आ रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने सभी बिजली कंपनियों को तत्काल बिजली दरें और एआरआर का प्रस्ताव मल्टी इयर टैरिफ टैरिफ वितरण ट्रांसमिशन रेगुलेशन 2019 के तहत दाखिल करने का आदेश दिया है. पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रबंध निदेशक को भी विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) की तरफ से बनाए गए इस प्रस्ताव के तहत बिजली दरों का प्रस्ताव दाखिल करने को कहा गया है.
उत्तर प्रदेश के विद्युत वितरण कंपनियों की तरफ से वर्ष 2021-22 एपीआर वर्ष 2022-23 और वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) साल 2023-24 को 30 नवंबर 2022 तक नियामक आयोग की तरफ से तय रेगुलेशन के तहत दाखिल किया जाना था, लेकिन बिजली कंपनियों की ओर से पाॅवर काॅरपोरेशन (Power Corporation of UP) ने एआरआर और बिजली दर प्रस्ताव दाखिल करने के लिए 29 नवंबर 2022 को नियामक आयोग से दो माह का अतिरिक्त वक्त मांगा था. आयोग ने अस्वीकार करते हुए जल्द से जल्द एआरआर और बिजली दरों का प्रस्ताव दाखिल करने का आदेश दिया है. विद्युत नियामक आयोग के सख्त रवैए के बाद बिजली कंपनियों को वार्षिक राजस्व आवशकता और बिजली दर प्रस्ताव जल्द से जल्द दाखिल करना होगा.
विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) की तरफ से बिजली कंपनियों को दिए गए आदेश के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने भी बिजली दरें बढ़ने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. उनका कहना है कि बिजली कंपनियों पहले उपभोक्ताओं का जो 25,133 करोड़ रुपये निकल रहा है, पहले उसका भुगतान बिजली कंपनियां करें. उसके बाद बिजली दरों का प्रस्ताव लागू करने के बारे में विचार करें.
यह भी पढ़ें : यूपी में 10 जनवरी तक भीषण कोहरे व कोल्ड डे का अलर्ट, जानें ठंड से बचाव के उपाय
यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को लगेगा बढ़ी दरों का झटका, विद्युत कंपनियां कर रहीं ये तैयारी
विद्युत वितरण कंपनियां उत्तर प्रदेश की बिजली दरें बढ़ाने की ओर कदम बढ़ा रही हैं. विद्युत नियामक आयोग ने भी संशोधित दरों के बाबत जल्द प्रस्ताव लाने का आदेश दिया है. ऐसे में नए साल में विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली की बढ़ी दरों का झटका लग सकता है.
लखनऊ : बिजली कंपनियों ने नए साल में बिजली दरों (Electricity prices will increase in UP) को महंगा करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. नियामक आयोग भी बिजली दरों में संशोधन को लेकर इस बार तैयार नजर आ रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने सभी बिजली कंपनियों को तत्काल बिजली दरें और एआरआर का प्रस्ताव मल्टी इयर टैरिफ टैरिफ वितरण ट्रांसमिशन रेगुलेशन 2019 के तहत दाखिल करने का आदेश दिया है. पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रबंध निदेशक को भी विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) की तरफ से बनाए गए इस प्रस्ताव के तहत बिजली दरों का प्रस्ताव दाखिल करने को कहा गया है.
उत्तर प्रदेश के विद्युत वितरण कंपनियों की तरफ से वर्ष 2021-22 एपीआर वर्ष 2022-23 और वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) साल 2023-24 को 30 नवंबर 2022 तक नियामक आयोग की तरफ से तय रेगुलेशन के तहत दाखिल किया जाना था, लेकिन बिजली कंपनियों की ओर से पाॅवर काॅरपोरेशन (Power Corporation of UP) ने एआरआर और बिजली दर प्रस्ताव दाखिल करने के लिए 29 नवंबर 2022 को नियामक आयोग से दो माह का अतिरिक्त वक्त मांगा था. आयोग ने अस्वीकार करते हुए जल्द से जल्द एआरआर और बिजली दरों का प्रस्ताव दाखिल करने का आदेश दिया है. विद्युत नियामक आयोग के सख्त रवैए के बाद बिजली कंपनियों को वार्षिक राजस्व आवशकता और बिजली दर प्रस्ताव जल्द से जल्द दाखिल करना होगा.
विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) की तरफ से बिजली कंपनियों को दिए गए आदेश के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने भी बिजली दरें बढ़ने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. उनका कहना है कि बिजली कंपनियों पहले उपभोक्ताओं का जो 25,133 करोड़ रुपये निकल रहा है, पहले उसका भुगतान बिजली कंपनियां करें. उसके बाद बिजली दरों का प्रस्ताव लागू करने के बारे में विचार करें.
यह भी पढ़ें : यूपी में 10 जनवरी तक भीषण कोहरे व कोल्ड डे का अलर्ट, जानें ठंड से बचाव के उपाय