लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि बिजली विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने के नाम पर जमकर वसूली कर रहे हैं. निर्धारित रेट से 30 फीसद ज्यादा कीमत पर इंजीनियर सामान बेच रहे हैं. उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग में प्रत्यावेदन सौंपते हुए जानकारी दी है कि ट्रांसफार्मर से लेकर बिजली के हर इंस्ट्रूमेंट में उपभोक्ताओं से विभागीय अधिकारियों ने जमकर वसूली की है.
अवधेश वर्मा ने बताया कि चिनहट में एक उपभोक्ता को कनेक्शन देने के नाम पर 25 केवीए ट्रांसफॉर्मर 74,198 रुपए का एस्टीमेट बनाकर इंजीनियरों की तरफ से दे दिया गया. कास्ट डाटा बुक के मुताबिक, 56,780 रुपए ही होना चाहिए. नियामक आयोग ने इस बुक में सामान पर अधिकतम रेट पहले से ही तय कर रखा है. बावजूद इसके विभागीय इंजीनियर उपभोक्ताओं से 20 से लेकर 30 प्रतिशत तक के ज्यादा वसूली कर रहे हैं. अवधेश वर्मा ने जानकारी दी है कि अंबेडकरनगर में कई काॅलोनियों में इसी तरह के कनेक्शन देने के नाम पर इंजीनियरों ने खूब वसूली की है. जिन उपभोक्ताओं ने कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया तो जो एस्टीमेट बनाकर दिया गया वह कास्ट डाटा बुक के हिसाब से न देकर इंटरनल स्टॉक इश्यू रेट पर बनाया गया. बाद में सामने आया कि जो एस्टीमेट उपभोक्ताओं को दिया गया वह कास्ट डाटा बुक से 25% ज्यादा है.
अवधेश वर्मा ने बताया कि बिजली विभाग के इंजीनियरों की शिकायत दर्ज कराई है. अब आयोग की तरफ से साफ तौर पर बिजली विभाग के इंजीनियरों को निर्देशित किया गया है कि कास्ट डाटा बुक के हिसाब से ही एस्टीमेट जारी किया जाए. बिजली कंपनियां अगर उल्लंघन करती हैं तो विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही बिजली कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि 25 केवीए ट्रांसफॉर्मर की कीमत ₹56,780 निर्धारित है, जबकि इंटरनल स्टॉक इश्यू रेट में इसकी कीमत 74,198 रख दी गई है. वहीं बात 63 केवीए ट्रांसफार्मर की करें तो इसकी कीमत ₹1,04,596 कास्ट डाटा बुक में है, वहीं बिजली विभाग के अधिकारी ₹1,40,801 वसूल रहे हैं. यह उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ है. उन्हें ठगा जा रहा है. उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग से मांग की है कि जिन उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की गई है उनको पैसा वापस किया जाए और इस मामले की स्पेशल ऑडिट कराई जाए.
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