लखनऊ. बिजली विभाग के लिए इस बार अप्रैल महीना ही दर्द देने वाला साबित होने लगा है. पहले जहां गर्मी की शुरुआत अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई से होती थी लेकिन इस बार अप्रैल के शुरू में ही भीषण गर्मी पड़ने लगी है. बिजली विभाग के सामने बिजली आपूर्ति कर पाने की चुनौती खड़ी होने लगी है. प्रदेश में विद्युत मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जिससे जिम्मेदारों के माथे पर पसीना आने लगा है.
पिछले वर्ष मार्च में 18 हजार 593 मेगावाट व अप्रैल में 19 हजार 837 मेगावाट की मांग के सापेक्ष इस वर्ष मार्च-अप्रैल माह में यह अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 20 हजार 479 मेगावाट और वर्तमान में 21 हजार 483 मेगावाट तक पहुंच गई है. बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन रिकॉर्ड विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है. अप्रैल में इतनी विद्युत आपूर्ति इससे पहले कभी नही हुई. एक अप्रैल को 19 हजार 328 मेगावाट विद्युत मांग थी, जिसमें 10 अप्रैल तक लगभग 2 हजार मेगावाट की बढ़ोत्तरी हो गई है.
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प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि प्रदेश सरकार निर्बाध विद्युत आपूर्ति को लेकर गंभीर है. इसके लिए सभी वितरण अधिकारी अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में पूरी सजगता बरतें और सभी डिस्काम के एमडी प्रतिदिन नजर रखें. साथ ही पावर कारपोरेशन स्तर से भी बिजली आपूर्ति के शेड्यूल के अनुपालन की निगरानी की जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता पर्याप्त बनी रहे, इसके लिये पूरी सावधानी बरतें. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी रात्रि पेट्रोंलिंग करें. अपना मोबाइल 24 घंटे चालू रखें, जिससे विद्युत व्यवधान की सूचनाएं उन्हें समय से प्राप्त हो सकें.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश में गर्मी के कारण विद्युत मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. स्थानीय दोषों और दुर्घटनाओं की संभावना भी ज्यादा रहती है. ऐसी स्थिति में यदि किसी कार्मिक का मोबाइल बन्द होने या न उठाने की शिकायत प्राप्त होती है तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी.
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