लखनऊ: यूं तो चुनावी दौर में राजनेता जनता से लाखों वादे और दावे करते हैं, लेकिन उनकी सच्चाई क्या है यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम निकली चुनावी दौर में जनता से किए गए वादों की सच्चाई जानने.
चुनावी वादे कितने सच
आमतौर पर बड़े नेता हर जगह नहीं पहुंच पाते हैं, लेकिन उनके नाम के बोर्ड लगा दिए जाते हैं. चुनावी दौर में लोगों से लोक लुभावने वादे भी खूब किए जाते हैं और चुनाव खत्म होते ही नेता उन वादों की फेहरिस्त को भूल जाते हैं. ऐसे ही एक चुनावी दौर में किए गए शिलान्यास की सच्चाई से हम आपको रूबरू कराएंगे.
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कागजों पर हो रहा विकास
चुनावी दौर में किए गए वादों की सच्चाई को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम जब राजधानी लखनऊ के सीमावर्ती इलाकों में पहुंची. यहां जनता ने राजनेताओं के वादों कि सच्चाई को बताया. जनता ने कहा कि विकास सिर्फ कागजों पर ही हो रहा है. चुनावी माहौल के वादों की इमारत धराशाई होती नजर आ रही है.
डिप्टी सीएम के नाम का लगा शिलापट्ट
राजधानी लखनऊ को रायबरेली से जोड़ने वाले मार्ग पर एक कस्बा है, जहां उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का शिलापट्ट लगा हुआ है. यहां सड़क का निर्माण होना था और 1 मार्च 2019 को शिलापट्ट भी लगा दिया गया. हमने जब इस बोर्ड को देखा तो सोचा कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने खुद वहां आकर सड़क निर्माण का शिलान्यास किया होगा लेकिन सच्चाई जानकर हम भी हैरान रह गए.
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गलत जगह लगाया बोर्ड
स्थानीय लोगों का कहना है कि न तो वहां पर कोई सरकारी अधिकारी आया और न कर्मचारी. बस भाजपा के कुछ कार्यकर्ता आए थे जो उस बोर्ड को लगा कर चले गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि जो बोर्ड लगाया गया है वह भी गलत है. इस सड़क का निर्माण बोर्ड लगाने की जगह से 1 किलोमीटर दूर होना है और बोर्ड को गलत जगह पर लगाया गया है.
कोई नहीं लेता हमारी सुध
उन्होंने बताया कि हमने इसकी शिकायत जिला प्रशासन को भी की, लेकिन आज तक कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी हमारी सुध लेने नहीं आया. स्थानीय लोगों का कहना है सड़क का निर्माण बस एक चुनावी जुमला ही रह गया. आज तक किसी ने भी उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को क्षेत्र में नहीं देखा, क्योंकि वह कभी आए ही नहीं. बताते चलें कि यह मार्ग एक ऐतिहासिक मंदिर भवरेश्वर को लखनऊ से जोड़ता है. इस मंदिर का जिक्र भारतीय इतिहास और पुराणों में भी है, लेकिन आज भी यह मार्ग पूरी तरह से जर्जर है.