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UP Assembly Election 2022:  एग्जिट पोल पर रोक, उल्लंघन पर होगी जेल...

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Published : Jan 29, 2022, 8:19 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 9:09 PM IST

निर्वाचन आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के प्रसारण और प्रकाशन पर दस फरवरी से सात मार्च तक रोक लगा दी है. आयोग के आदेश के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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UP Assembly Election 2022: किसी भी तरह के एग्जिट पोल पर सात मार्च तक रोक, पढ़िए पूरी खबर...

लखनऊ: निर्वाचन आयोग ने 10 फरवरी से 7 मार्च शाम 6:30 बजे तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल के प्रसारण और प्रकाशन पर रोक लगा दी है. निर्वाचन आयोग की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

प्रदेश में 10 फरवरी (पूर्वाह्न 7ः00 बजे) से सात मार्च, 2022 (अपराह्न 06ः30 बजे) तक सामान्य निर्वाचन से सम्बंधित एग्जिट पोल का आयोजन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार प्रतिबंधित कर दिया गया है. उल्लंघन करने वाले को दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकेगा.

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के तहत प्रदेश में 10 फरवरी (गुरुवार) को पूर्वाह्न 7ः00 बजे से दिनांक सात मार्च (सोमवार) को अपराह्न 06ः30 बजे तक साधारण निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रचार-प्रसार करना प्रतिबंधित रहेगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (संक्षेप में आरपी अधिनियम, 1951) की धारा 126क में यह निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा.

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इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति को दो वर्ष की कैद या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकेगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त ये भी निर्देश दिए गए हैं कि साधारण निर्वाचन के संबद्ध मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध रहेगा.

सपा ने पत्र लिखकर जताई थी आपत्ति
न्यूज़ चैनल व प्रिंट मीडिया में एग्जिट पोल पर रोक लगाने के लिए समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. इस पर आयोग ने 10 फरवरी से 7 मार्च तक रोक लगा दी. अब सपा ने चुनाव आयोग से मुरादाबाद कमिश्रर व एसपी रामपुर को हटाने के लिए पत्र लिखा है. सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि मुरादाबाद कमिश्नर अजय कुमार व पुलिस अधीक्षक रामपुर बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं, सपा ने कहा कि ये लोग मतदाताओं को डरा-धमका रहे हैं, जिससे चुनाव प्रभावित हो रहा है.
गौरतलब है कि सपा ने स्वार सीट से आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह खान को उम्मीदवार बनाया है. अबदुल्लाह कई बार अधिकारियों की शिकायत कर चुके है कि उन्हें चुनाव आयोग की निर्धारित गाइडलाइन के तहत भी प्रचार नही करने दिया जा रहा है. पार्टी ने इसी मामले में चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कार्यवाही करने की मांग की थी. इससे पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यूपी के कई अधिकारियों पर बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया था.

ये भी पढ़ेंः यूपी के सियासी मंगल उत्सव से इस बार ये धुरंधर दूर...पढ़िए पूरी खबर


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लखनऊ: निर्वाचन आयोग ने 10 फरवरी से 7 मार्च शाम 6:30 बजे तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल के प्रसारण और प्रकाशन पर रोक लगा दी है. निर्वाचन आयोग की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

प्रदेश में 10 फरवरी (पूर्वाह्न 7ः00 बजे) से सात मार्च, 2022 (अपराह्न 06ः30 बजे) तक सामान्य निर्वाचन से सम्बंधित एग्जिट पोल का आयोजन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार प्रतिबंधित कर दिया गया है. उल्लंघन करने वाले को दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकेगा.

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के तहत प्रदेश में 10 फरवरी (गुरुवार) को पूर्वाह्न 7ः00 बजे से दिनांक सात मार्च (सोमवार) को अपराह्न 06ः30 बजे तक साधारण निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रचार-प्रसार करना प्रतिबंधित रहेगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (संक्षेप में आरपी अधिनियम, 1951) की धारा 126क में यह निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा.

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इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति को दो वर्ष की कैद या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकेगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त ये भी निर्देश दिए गए हैं कि साधारण निर्वाचन के संबद्ध मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध रहेगा.

सपा ने पत्र लिखकर जताई थी आपत्ति
न्यूज़ चैनल व प्रिंट मीडिया में एग्जिट पोल पर रोक लगाने के लिए समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. इस पर आयोग ने 10 फरवरी से 7 मार्च तक रोक लगा दी. अब सपा ने चुनाव आयोग से मुरादाबाद कमिश्रर व एसपी रामपुर को हटाने के लिए पत्र लिखा है. सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि मुरादाबाद कमिश्नर अजय कुमार व पुलिस अधीक्षक रामपुर बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं, सपा ने कहा कि ये लोग मतदाताओं को डरा-धमका रहे हैं, जिससे चुनाव प्रभावित हो रहा है.
गौरतलब है कि सपा ने स्वार सीट से आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह खान को उम्मीदवार बनाया है. अबदुल्लाह कई बार अधिकारियों की शिकायत कर चुके है कि उन्हें चुनाव आयोग की निर्धारित गाइडलाइन के तहत भी प्रचार नही करने दिया जा रहा है. पार्टी ने इसी मामले में चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कार्यवाही करने की मांग की थी. इससे पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यूपी के कई अधिकारियों पर बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया था.

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Last Updated : Jan 29, 2022, 9:09 PM IST
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