लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव का आज (10 फरवरी) पहला चरण (up election 2022 1st charan) है. पहले चरण में ही यूपी के कई जिलों में मतदान का बहिष्कार (election boycott in up) किया जा रहा है. किसी गांव में सड़क नहीं है तो कहीं पुल का अभाव है. वहीं मथुरा में आरक्षण को लेकर युवा वोट का बहिष्कार कर रहे हैं. आइए एक नजर डालते हैं यूपी के उन जिलों पर, जहां लोग वोट का बहिष्कार कर रहे हैं...
चुनाव में ज्यादा से ज्यादा वोटिंग को लेकर अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन मेरठ का एक गांव ऐसा भी है जो वोट का बहिष्कार कर रहा है. मेरठ के कैंट विधानसभा (meerut cantt vidhan sabha) क्षेत्र के दायमपुर गांव में लोगों ने वोट डालने से इनकार कर दिया है. गांव का पोलिंग बूथ सूना पड़ा है. यहां सड़कों का बुरा हाल है और गांव में विकास कार्य ना होने और हाईवे पर कट बंद होने को लेकर लोगों ने वोट बहिष्कार कर दिया है.
वोट बहिष्कार को लेकर दायमपुर के ग्रामीणों ने जगह-जगह पर पोस्टर लगाकर मतदान का बहिष्कार किया है. जो लोग वोट डालने की कोशिश भी कर रहे हैं, उन्हें भी रोका जा रहा है. दिन में करीब 12:00 बजे तक पोलिंग बूथ में केवल 3 ही लोगों ने मतदान किया है.
वही गांव के लोगों को समझाने और मनाने के लिए ना तो अभी तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचा है और ना ही कोई नेता. ग्रामीणों में पुलिस प्रशासन और नेताओं के खिलाफ भारी आक्रोश है. फिलहाल पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी ने जिले के आला अधिकारियों को चुनाव बहिष्कार की सूचना दे दी है.
गांव में वर्षों से पुल की मांग कर रहे ग्रामीण
मेरठ के अलावा अलीगढ़ के अतरौली विधानसभा (atrauli vidhan sabha) क्षेत्र के गांव कल्याणपुर-हिम्मतपुर में लंबे समय से गांव में पुल बनाने की मांग कर रहे लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया. ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग पुल की मांग कर रहे थे, लेकिन मौजूदा सरकार में हमारी एक न सुनी, इसलिए पूरा गांव मिलकर वोट का बहिष्कार कर रहा है. हालांकि कुछ ग्रामीणों द्वारा वोट डाल भी दिया गया है, लेकिन अभी तक पुल न बनने से नाराज कुछ लोग वोटों का बहिष्कार करते हुए नजर आ रहे हैं.
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ग्रामीण सोहनलाल ने बताया हमारे गांव में पुल की समस्या है. करीब 30 साल से हर विधायक- एमपी हम को बेवकूफ बनाकर वोट ले जाते हैं, लेकिन आज तक हमारी पुल की समस्या को दूर नहीं कर पा रहे हैं. इसकी हम सब लोग करीब 40 साल से मांग कर रहे हैं. इसकी शिकायत हर जगह की है, लेकिन पुल आज तक नहीं बना.
अलीगढ़ में विकास कार्य न होने पर मतदान का बहिष्कार
वहीं इगलास विधानसभा (iglas vidhan sabha) के हीरपुर हुसैनपुर गांव में सड़क निर्माण न होने से स्थानीय लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया है. इस इलाके में ज्यादातर वोटर बघेल, पंडित, जाट, जाटव के हैं. यहां करीब 750 मतदाता है. इगलास विधानसभा के नवलपुर गांव में भी सड़क निर्माण न होने पर ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया. यहां करीब 540 मतदाता है इस गांव भी ब्राह्मण पासी वोटरों की संख्या ज्यादा है.
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उधर, खैर विधानसभा के गांव कुराना में ग्रामीणों ने भी चुनाव बहिष्कार किया. मतदान बहिष्कार की सूचना मिलते ही बहुजन समाज पार्टी के मुख्य सेक्टर प्रभारी सूरज सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर गुड्डू, जिलाध्यक्ष रतन दीप सिंह, मुख्य सैक्टर प्रभारी अशोक सिंह, जिला पंचायत सदस्य योगेश प्रधान, लवकुश शर्मा, ललिता प्रधान सहित कई जिम्मेदार साथी ग्राम वासियों को समझाने पहुंचे है और समझा-बुझाकर मतदान करने के लिए तैयार किया है. इस दौरान जिला प्रशासन के लोग भी मौके पर है.
अलीगढ़ और मेरठ के अलावा मथुरा में भी वोट का बहिष्कार किया जा रहा है. यहां के युवा वोटर्स आरक्षण को लेकर वोट का बहिष्कार कर रहे हैं. मथुरा के नगला-सपेरा गांव के युवाओं ने आरक्षण नहीं तो वोट नहीं का नारा देते हुए मतदान का बहिष्कार किया है.
आगरा में ग्रामीणों ने किया बहिष्कार
ताज नगरी आगरा के आगरा ग्रामीण विधानसभा के मेहरा नाहरगंज सहित लगभग 5 गांव के ग्रामीणों ने यमुना जी के ऊपर पुल बनाने की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार किया है. दोपहर 12:00 बजे तक मतदान शुरू न होने पर प्रत्याशी और अधिकारी भी मौके पर पहुंचें और ग्रामीणों को मनाने लग गए. 12:00 बजे के बाद मतदान भाजपा प्रत्याशी के आश्वासन पर शुरू हो सका.
ग्रामीणों की मांग थी कि पिछले 10 वर्षों से मेहरा नाहरगंज में यमुना जी के ऊपर बना पुल अधूरा पड़ा हुआ है. ग्रामीणों का कहना था कि अगर पुल बन जाता है, तो उन्हें 5 किलोमीटर के दूरी तय करके टूंडला पहुंच सकते हैं और वहां मंडी में किसान अपनी फसलों को भी बेच सकते हैं.
ललितपुर में चुनाव बहिष्कार का ऐलान
जनपद ललितपुर के तहसील मड़ावरा के ग्रामीणों ने धवा जाने वाली सड़क की स्थिति को लेकर वोट का बहिष्कार किया है. जब भाजपा उम्मीदवार मनोहर लाल पंथ गांव में प्रचार के गए, तब लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए और 'रोड नहीं, वोट नहीं' का नारा लगाते हुए चुनाव बहिस्कार का एलान कर दिया.
लोगों का कहना है कि मनोहर लाल पंथ 227 विधानसभा से विधायक बने और मंत्री भी, लेकिन महरौनी विधानसभा क्षेत्र का विकास नहीं किया. ग्राम धवा में कई सालों से रोड नहीं है और जो गांवों से जुड़े संपर्क मार्गों की स्थिति है , वो बहुत ही दयनीय है. रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिससे राहगीरों को चलना तकलीफदेह साबित हो रहा है. ग्रामीणों ने कई बार सड़क को दुरुस्त करने की मांग की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है, जिसकी वजह से ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार किया है.
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