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छ: माह से नहीं किया एक भी मरीज भर्ती, 8 अस्पताल आयुष्मान योजना पैनल से बाहर

राजधानी लखनऊ में 8 अस्पतालों को आयुष्मान योजना पैनल से बाहर कर दिया है. दरअसल लखनऊ के करीब 8 अस्पतालों ने बीते 6 महीनों में एक भी मरीज का इलाज इस योजना में नही किया. जिसको देखते हुए ये कार्रवाई की गई है.

डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी.
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Published : Oct 6, 2019, 1:01 PM IST

लखनऊ: निजी अस्पतालों की लापरवाही आयुष्मान योजना के प्रति एक बार फिर से उजागर हुई है. दरअसल लखनऊ के करीब 8 अस्पतालों ने बीते 6 महीनों में एक भी मरीज का इलाज इस योजना में नहीं किया. इसके बाद सीएमओ कार्यालय ने इस पूरे मामले पर सख्ती दिखाते हुए 8 अस्पतालों को इस योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

8 अस्पताल आयुष्मान योजना पैनल से बाहर.

आठ अस्पताल पैनल से बाहर
आयुष्मान योजना साल भर बाद भी पटरी पर आती नजर नहीं आ रही है. एक ओर मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पतालों के बीच तलवारें खिंची हुई हैं. दरअसल स्वास्थ विभाग ने 6 माह तक एक भी मरीज भर्ती न करने वाले राजधानी के 8 अस्पतालों को पैनल से बाहर कर दिया है.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: प्रशासन ने मांगी तीन मांगे, 30 घंटे बाद पानी की टंकी से नीचे उतरा परिवार

आयुष्मान योजना के तहत पंजीयन कराने वाले अस्पतालों को ओपीडी के साथ मरीज भर्ती भी करना है. उन्हें आयुष्मान मित्र कंप्यूटर आदि भी खुद से लगाना है. व्यवस्थाओं को पूरा करने में छोटे अस्पताल को वक्त लग रहा है. ऐसे में पंजीयन कराने के बाद भी मरीजों को भर्ती करने से अस्पताल कतराते हैं. इसके पीछे तर्क होता है कि उनके यहां सामान्य किस्म के मरीज आ रहे हैं. सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता. विभाग ने अस्पतालों के इस तर्क को खारिज कर दिया और छह माह से मरीजों को भर्ती न करने वाले अस्पतालों की सूची तैयार की. फिलहाल 129 निजी अस्पताल आयुष्मान के पैनल में हैं. जो राजधानी लखनऊ के आयुष्मान के अंतर्गत आने वाले मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

लखनऊ: निजी अस्पतालों की लापरवाही आयुष्मान योजना के प्रति एक बार फिर से उजागर हुई है. दरअसल लखनऊ के करीब 8 अस्पतालों ने बीते 6 महीनों में एक भी मरीज का इलाज इस योजना में नहीं किया. इसके बाद सीएमओ कार्यालय ने इस पूरे मामले पर सख्ती दिखाते हुए 8 अस्पतालों को इस योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

8 अस्पताल आयुष्मान योजना पैनल से बाहर.

आठ अस्पताल पैनल से बाहर
आयुष्मान योजना साल भर बाद भी पटरी पर आती नजर नहीं आ रही है. एक ओर मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पतालों के बीच तलवारें खिंची हुई हैं. दरअसल स्वास्थ विभाग ने 6 माह तक एक भी मरीज भर्ती न करने वाले राजधानी के 8 अस्पतालों को पैनल से बाहर कर दिया है.

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आयुष्मान योजना के तहत पंजीयन कराने वाले अस्पतालों को ओपीडी के साथ मरीज भर्ती भी करना है. उन्हें आयुष्मान मित्र कंप्यूटर आदि भी खुद से लगाना है. व्यवस्थाओं को पूरा करने में छोटे अस्पताल को वक्त लग रहा है. ऐसे में पंजीयन कराने के बाद भी मरीजों को भर्ती करने से अस्पताल कतराते हैं. इसके पीछे तर्क होता है कि उनके यहां सामान्य किस्म के मरीज आ रहे हैं. सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता. विभाग ने अस्पतालों के इस तर्क को खारिज कर दिया और छह माह से मरीजों को भर्ती न करने वाले अस्पतालों की सूची तैयार की. फिलहाल 129 निजी अस्पताल आयुष्मान के पैनल में हैं. जो राजधानी लखनऊ के आयुष्मान के अंतर्गत आने वाले मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

Intro:

लखनऊ के निजी अस्पतालों की लापरवाही आयुष्मान योजना के प्रति एक बार फिर से उजागर हुई है दरअसल लखनऊ के करीब 8 अस्पतालों ने बीते 6 महीनों में एक भी मरीज का इलाज में किया। इसके बाद सीएमओ कार्यालय ने इस पूरे मामले पर सख्ती दिखाते हुए 8 अस्पतालों इस योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया।




Body:आधी अधूरी तैयारी की भी शुरू की गई।आयुष्मान योजना साल भर बाद भी पटरी पर आती नजर नहीं आ रही है। एक ओर मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं।तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग व निजी अस्पतालों के बीच तलवारें खिंची हुई है। दरअसल स्वास्थ विभाग ने 6 माह तक एक भी मरीज भर्ती न करने वाले राजधानी के 8 अस्पतालों को पैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। दरअसल आयुष्मान योजना के तहत पंजीयन कराने वाले अस्पतालों को ओपीडी के साथ मरीज भर्ती भी करना है। उन्हें आयुष्मान मित्रों कंप्यूटर वगैरा भी खुद से लगाना है।व्यवस्थाओं को पूरा करने में छोटे अस्पताल को वक्त लग रहा है।ऐसे में पंजीयन कराने के बाद भी मरीजों को भर्ती करने से अस्पताल कतराते हैं। इसके पीछे तर्क होता है कि उनके यहां सामान्य किस्म के मरीज आ रहे हैं।सर्दी जुकाम बुखार के मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य विभाग ने इस तर्क को खारिज कर दिया है और छह माह तक मरीजों को भर्ती न करने वाले अस्पतालों की सूची तैयार की है। इसके तहत आठ अस्पतालों को आयुष्मान पैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। फिलहाल 129 निजी अस्पताल आयुष्मान के पैनल में है। जो कि राजधानी लखनऊ के आयुष्मान के अंतर्गत आने वाले मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

बाइट- डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी,लखनऊ





Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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