लखनऊ: राज्य सरकार ने बीते दिनों प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा विद्यालयों में शिक्षा अधिगम परीक्षण कराया था, जिसके परिणाम के हिसाब से 59.42 फीसदी बच्चे प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं. जिन जिलों में बच्चों का शैक्षिक स्तर कमजोर पाया गया है, वहां सरकार विशेषज्ञ शिक्षकों की मदद से शिक्षा स्तर उन्नयन की योजना बना रही है.
शिक्षा अधिगम परीक्षण
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि शिक्षा अधिगम परीक्षण कराने का फैसला इसलिए लिया गया था कि पिछले सालों में सरकारों ने आठवीं तक शिक्षा पाने वाले विद्यार्थियों की सालाना परीक्षा पर रोक लगा दी थी. ऐसे में बच्चों के शैक्षिक स्तर की पहचान करना मुश्किल हो रहा था.
59.42 फीसदी बच्चे प्रथम श्रेणी में
शिक्षा अधिगम की परीक्षा में कक्षा 5 से 8 तक के 4855341 बच्चे शामिल हुए. कक्षा 5 से 8 के विद्यार्थियों में 59.42 फीसदी बच्चे प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं, जबकि 27.04 बच्चे अनुत्तीर्ण घोषित हुए हैं. देवरिया जिले के बच्चों का शैक्षिक स्तर सबसे अच्छा पाया गया है.
बच्चों का शैक्षिक उन्नयन
बदायूं जिले में बच्चों का शैक्षिक ज्ञान बेहद खराब रहा है. ऐसे में सरकार ने तय किया है कि जिन जिलों में बच्चों का शैक्षिक उन्नयन नहीं हो रहा है. वहां विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती की जाएगी और विशेष कक्षाओं के जरिए ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाया जाएगा.
31 प्रतिशत बच्चे स्पेलिंग में फेल
उन्होंने बताया कि इस परीक्षा से यह भी पता चला कि गणित विषय में पांचवीं और छठवीं के बच्चों को ज्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. अंग्रेजी भाषा के व्याकरण की जानकारी होने के बावजूद 31 प्रतिशत बच्चे स्पेलिंग में फेल हो रहे हैं.
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