लखनऊ: यूपी के चार हजार से ज्यादा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. फर्जी पाए जाने पर 1,300 से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों को बर्खास्त भी किया जा चुका है और उनसे वेतन भुगतान की वसूली भी कराई जा रही है.
भर्ती प्रक्रिया को लेकर खड़े हुए सवाल
प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में 4,000 से ज्यादा फर्जी शिक्षक प्रवेश पा चुके हैं. सरकार एक ओर जहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को त्रुटिहीन बनाने के लिए प्रयासरत है. वहीं शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. शिक्षामित्रों की भर्ती का विवाद अदालत में लंबित है, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग में 4,000 से ज्यादा ऐसे शिक्षक भी भर्ती होने में कामयाब हो गए, जिनके पास अपेक्षित योग्यता नहीं है.
1,300 शिक्षकों को विभाग ने बाहर का रास्ता दिखाया
फर्जी दस्तावेज को आधार बनाकर कई सालों से शिक्षा विभाग में डटे ऐसे 1,300 शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षा विभाग ने बाहर का रास्ता दिखाया है. बर्खास्त शिक्षकों में कई शिक्षक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक की भूमिका में भी कार्य कर रहे थे. बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी के अनुसार 4,000 से ज्यादा फर्जी शिक्षकों की शिकायत विभाग को मिली है. ऐसे लोगों के बारे में मिली सभी सूचनाओं की जांच कराई जा रही है. 1,300 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है और उनसे वेतन भुगतान की वसूली भी कराई जा रही है.