लखनऊ : सीतापुर रोड स्थित फल व सब्जी मंडी लखनऊ की बड़ी मंडियों में से एक है. यहां बाराबंकी, उन्नाव व सीतापुर सहित आसपास के कई जिलों से किसान अपनी सब्जियों और फलों को बेचने पहुंचते हैं. गंदगी के चलते मंडी की दशा बेहद खराब है. मंडी प्रशासन को साफ सफाई बनाए रखने के लिए काफी मेहनत भी करनी पड़ रही है.
इसके चलते मंडी प्रशासन की तरफ से अब एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. मंडी प्रशासन ईकोवोट वेस्ट कनवर्टर मशीन लगाने की तैयारी कर रहा है जो मंडी में फैली हुई गंदगी को साफ करने में मदद करेगा. इसके जरिए सड़े हुए फल व सब्जियों से ऑर्गेनिक खाद बनेगी.
बताते हैं कि मंडी में गंदगी की बदहाली को देखते हुए 15 जुलाई 2020 को मंडी प्रशासन की तरफ से मुंबई की मैसर्स आई सोक्लीन फिनकेम नाम की कंपनी को एक प्रस्ताव भेजा गया था. इस प्रस्ताव में एक इकोवोट ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर को मंडी परिसर में लगाने की मांग की गई थी.
इसके बाद इस मशीन को मुंबई से लाकर सीतापुर रोड स्थित मंडी लगाया गया. इस इकोवोट मशीन की लागत करीब 45 लाख है. इस मशीन के जरिए गंदगी से निपटने में मंडी प्रशासन को सहायता मिलेगी. साथ ही कम समय में मंडी को साफ-सुथरा बनाया जा सकेगा.
कैसे काम करेगी मशीन
मंडी में फैले फलों और सब्जियों के वेस्ट को एक जगह एकत्रित कर इकोवोट मशीन के अंदर डाला जाएगा. इसके बाद खाद बनाने वाले रसायनों का प्रयोग कर खाद बनाया जाएगा. इससे सड़े हुए वेस्ट मटेरियल से हो रहे प्रदूषण की रोकथाम करने में सहायता मिलेगी.
इसके अलावा वेस्ट मटेरियल से बनी खाद से मंडी प्रशासन को राजस्व का अच्छा मुनाफा भी होगा. वहीं, इससे किसानों को अच्छी उर्वरक शक्ति वाला खाद भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मंडी सचिव संजय सिंह ने बताया कि मंडी प्रशासन की तरफ से इकोवोट मशीन लगाई जा रही है. इससे मंडी में फल और सब्जियों के वेस्ट मटेरियल से खाद बनाई जाएगी. मंडी में फैली गंदगी से निजात पाने में इकोवोट मशीन सहायक सिद्ध होगी.
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