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Earthquake : लखनऊ में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके, सतर्क रहने की जरूरत

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Published : Jan 24, 2023, 2:50 PM IST

Updated : Jan 24, 2023, 3:46 PM IST

14:48 January 24

लखनऊ : राजधानी समेत पूरे उत्तर भारत में मंगलवार दोपहर 2:30 बजे के करीब भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. जानकारों का कहना है कि 'भूकंप का पिक सेंटर नेपाल के कालका में स्थित था, जो जमीन से 12 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया, वहां पर भूकंप की तीव्रता 5.4 दर्ज की गई.' जानकारों का कहना है कि 'भूकंप की तीव्रता से उत्पन्न शॉक वेव को एब्जॉर्ब कर लिया, जिस कारण लखनऊ आस-पास के क्षेत्र में झटके हल्के महसूस किए गए.

विशेषज्ञों ने इस भूकंप के झटके को बहुत ही गंभीर माना : लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगोल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अजय आर्य ने बताया कि 'नेपाल में यह भूकंप सेंट्रल ट्रस्ट के ऊपर आया है. यह जमीन से 12 किलोमीटर नीचे स्थित है. इस भूकंप को शैलो डेप्थ फोकस या उथली गहराई का भूकंप कहते हैं, जो काफी खतरनाक होता है. इस भूकंप से उत्पन्न तरंगों को यश वेब भी कहते हैं जो सॉलिड से सॉलिड सतह पर ट्रैवल करती हैं, जिससे उनकी गति कई गुना बढ़ जाती है और धरती के ऊपर होरिजेंटल और वर्टिकल दोनों तरह के कंपन महसूस किए जाते हैं. जिससे मकान दोनों दिशाओं में ऊपर नीचे हीलते हैं.


सतर्क रहने की बहुत है जरूरत : डॉ. आर्या ने बताया कि 'अभी यह देखना होगा कि यह भूकंप किस तरह का है. वैज्ञानिकों को अभी देखना होगा कि धरती से पूरी तरह से एनर्जी रिलीज हुई है या नहीं, अगर नहीं हुई है तो अभी रिलीज होगी. ऐसे में अगले 48 से 72 घंटों के अंदर दोबारा से बड़े स्तर का भूकंप आ सकता है. ऐसे में जानमाल के नुकसान होने की संभावना अधिक है.' डॉ. आर्य ने बताया कि 'बीते 1 साल के अंदर पूरे विश्व में 900 से अधिक भूकंप के झटके आ चुके हैं, जबकि उत्तर भारत में बीते 6 महीनों में 5 से अधिक बड़े भूकंप के झटके लग चुके हैं. छोटे-बड़े भूकंप की संख्या भी लगभग एक दर्जन के आसपास है.

यह भी पढ़ें : Kanpur Crime : दबंगों ने पुलिस पर किया पथराव, बाल-बाल बचे पुलिसकर्मी

14:48 January 24

लखनऊ : राजधानी समेत पूरे उत्तर भारत में मंगलवार दोपहर 2:30 बजे के करीब भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. जानकारों का कहना है कि 'भूकंप का पिक सेंटर नेपाल के कालका में स्थित था, जो जमीन से 12 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया, वहां पर भूकंप की तीव्रता 5.4 दर्ज की गई.' जानकारों का कहना है कि 'भूकंप की तीव्रता से उत्पन्न शॉक वेव को एब्जॉर्ब कर लिया, जिस कारण लखनऊ आस-पास के क्षेत्र में झटके हल्के महसूस किए गए.

विशेषज्ञों ने इस भूकंप के झटके को बहुत ही गंभीर माना : लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगोल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अजय आर्य ने बताया कि 'नेपाल में यह भूकंप सेंट्रल ट्रस्ट के ऊपर आया है. यह जमीन से 12 किलोमीटर नीचे स्थित है. इस भूकंप को शैलो डेप्थ फोकस या उथली गहराई का भूकंप कहते हैं, जो काफी खतरनाक होता है. इस भूकंप से उत्पन्न तरंगों को यश वेब भी कहते हैं जो सॉलिड से सॉलिड सतह पर ट्रैवल करती हैं, जिससे उनकी गति कई गुना बढ़ जाती है और धरती के ऊपर होरिजेंटल और वर्टिकल दोनों तरह के कंपन महसूस किए जाते हैं. जिससे मकान दोनों दिशाओं में ऊपर नीचे हीलते हैं.


सतर्क रहने की बहुत है जरूरत : डॉ. आर्या ने बताया कि 'अभी यह देखना होगा कि यह भूकंप किस तरह का है. वैज्ञानिकों को अभी देखना होगा कि धरती से पूरी तरह से एनर्जी रिलीज हुई है या नहीं, अगर नहीं हुई है तो अभी रिलीज होगी. ऐसे में अगले 48 से 72 घंटों के अंदर दोबारा से बड़े स्तर का भूकंप आ सकता है. ऐसे में जानमाल के नुकसान होने की संभावना अधिक है.' डॉ. आर्य ने बताया कि 'बीते 1 साल के अंदर पूरे विश्व में 900 से अधिक भूकंप के झटके आ चुके हैं, जबकि उत्तर भारत में बीते 6 महीनों में 5 से अधिक बड़े भूकंप के झटके लग चुके हैं. छोटे-बड़े भूकंप की संख्या भी लगभग एक दर्जन के आसपास है.

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Last Updated : Jan 24, 2023, 3:46 PM IST
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