लखनऊ: राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए प्रशासन की तरफ से तमाम उपाय किए जाने सुनिश्चित किए गए हैं. इसमें सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाना भी सुनिश्चित किया गया है. दूसरी ओर नवनिर्माण बिल्डिंगों को ग्रीन नेट के द्वारा ढककर निर्माण कार्य करने के लिए अनुमति दी गई है. वहीं सड़क निर्माण कार्य में पानी का छिड़काव भी बहुत जरूरी है, जिससे वातावरण में धूल के कण उड़कर वायु में मिश्रित न हों.
लखनऊ के फैजुल्लागंज में इन सभी मानकों को दरकिनार किया जा रहा है. यहां तमाम सड़कें टूटी हैं. इस वजह से दूसरी ओर सड़कों पर पड़ी हुई मिट्टी की वजह से धूल के गुबार उड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसकी वजह से एक तरफ राहगीरों के चेहरे धूल से गंदे हो रहे हैं और सांस लेने में उन्हें दिक्कत हो रही हैं. उड़ती धूल से आसपास बने घरों में धूल के गुबार घरों की सुंदरता को बदसूरत बना रहे हैं.
स्थानीय लोगों से इसके बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि यह सड़क पहले से टूटी हुई है. बमुश्किल इसपर 2 महीने पहले काम शुरू हुआ था. आधा अधूरा काम करके नगर निगम के लोग छोड़कर चले गए हैं. यहां एक फीट ऊंची मिट्टी पड़ी हुई है. इस वजह से एक्सीडेंट होता है और लोगों को चोट लगती हैं, लेकिन फिर भी इस काम को पूरा नहीं किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वह नगर निगम से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन वहां भी उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.
जानकारी के मुताबिक 21% प्रदूषण निर्माण स्थलों, कूड़े के ढेर और सड़कों पर दौड़ती गाड़ियों के कारण उड़ने वाली धूल से होता है.
नगर आयुक्त से फोन पर मिली जानकारी में बताया कि यह मामला फैजुल्लागंज जोन 3 का है. उन्होंने बताया कि वह जोन 3 के जोनल ऑफिसर से इस समस्या के बारे में बता दे रहे हैं और जल्द ही वहां पर पानी का छिड़काव किया जाएगा.