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खीरी का तिकुनिया कांडः अंकित दास की जमानत याचिका पर HC में सुनवाई, राज्य सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय - न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव

खीरी के तिकुनिया कांड में जेल में निरुद्ध अंकित दास की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब के लिए समय दिए जाने की मांग की गई.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Feb 25, 2022, 8:32 PM IST

लखनऊः खीरी के तिकुनिया कांड में जेल निरुद्ध अंकित दास की जमानत याचिका पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब के लिए समय दिये जाने की मांग की गई. जिसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 5 मार्च की तारीख तय की है.

ये आदेश न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की एकल पीठ ने अंकित दास की जमानत याचिका पर पारित किया. वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, अरुण सिन्हा और प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि एसआईटी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में एक भी ठोस साक्ष्य अंकित दास के खिलाफ नहीं है. इसके साथ ही किसी भी गवाह ने अंकित दास के घटना में शामिल होने की पुष्टि नहीं की.

यह भी दलील दी है कि मामले के नामजद अभियुक्त आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर हो चुकी है, जबकि अंकित दास के नाम से विवेचना लाया गया है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. हालांकि राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि जांच एजेंसी द्वारा अब तक कोई निर्देश नहीं दिया गया है. लिहाजा पक्ष रखने के लिए उन्हें समय दिया जाए. न्यायालय ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि तिकुनिया कांड में एक मात्र नामजद अभियुक्त गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें- जब 'बजरंगबली' ने उतारा सपा का झंडा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ली चुटकी, देखें वीडियो

अंकित दास और अन्य अभियुक्तों का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया था. विवेचना में नाम आने के बाद अंकित दास ने आत्मसमर्पण कर दिया था. अभियोजन का आरोप है कि घटना के वक्त थार गाड़ी के पीछे आ रही फार्च्यूनर गाड़ी अंकित दास की ही थी. आरोप है कि उक्त फार्च्यूनर में अंकित दास भी मौजूद था. अंकित दास के अलावा लतीफ उर्फ काले नाम का उसका गनर भी उसके साथ था. इन सभी पर कुछ प्रदर्शनकारियों पर गाड़ी चढ़ा कर मारने में शामिल होने का आरोप है.

लखनऊः खीरी के तिकुनिया कांड में जेल निरुद्ध अंकित दास की जमानत याचिका पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब के लिए समय दिये जाने की मांग की गई. जिसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 5 मार्च की तारीख तय की है.

ये आदेश न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की एकल पीठ ने अंकित दास की जमानत याचिका पर पारित किया. वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, अरुण सिन्हा और प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि एसआईटी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में एक भी ठोस साक्ष्य अंकित दास के खिलाफ नहीं है. इसके साथ ही किसी भी गवाह ने अंकित दास के घटना में शामिल होने की पुष्टि नहीं की.

यह भी दलील दी है कि मामले के नामजद अभियुक्त आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर हो चुकी है, जबकि अंकित दास के नाम से विवेचना लाया गया है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. हालांकि राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि जांच एजेंसी द्वारा अब तक कोई निर्देश नहीं दिया गया है. लिहाजा पक्ष रखने के लिए उन्हें समय दिया जाए. न्यायालय ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि तिकुनिया कांड में एक मात्र नामजद अभियुक्त गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हो चुकी है.

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अंकित दास और अन्य अभियुक्तों का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया था. विवेचना में नाम आने के बाद अंकित दास ने आत्मसमर्पण कर दिया था. अभियोजन का आरोप है कि घटना के वक्त थार गाड़ी के पीछे आ रही फार्च्यूनर गाड़ी अंकित दास की ही थी. आरोप है कि उक्त फार्च्यूनर में अंकित दास भी मौजूद था. अंकित दास के अलावा लतीफ उर्फ काले नाम का उसका गनर भी उसके साथ था. इन सभी पर कुछ प्रदर्शनकारियों पर गाड़ी चढ़ा कर मारने में शामिल होने का आरोप है.

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