लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को एक और एक्सटेंशन मिलने के बाद उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के कई आला अफसर को जोर का झटका धीरे से लगा है. अगले 6 महीने तक दुर्गा शंकर मिश्र एक बार फिर उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी बने रहेंगे और अपर मुख्य सचिव स्तर के कई अफसर रिटायर हो जाएंगे. उनको मुख्य सचिव का पद नहीं मिल सकेगा.
प्रदेश में ऐसे कम से कम छह अधिकारी हैं जो मुख्य सचिव बनने की रेस में थे. उनको उम्मीद थी कि इस बार मौका अवश्य लगेगा. मगर 6 महीने का यह विस्तार उनके लिए झटका साबित हो रहा है. अगले 6 महीने में यह सीनियर अफसर रिटायर हो जाएंगे और वे कभी भी मुख्य सचिव की कुर्सी पर नहीं बैठ पाएंगे.
दुर्गा शंकर मिश्र जब उत्तर प्रदेश आए थे तो वह केंद्र सरकार की यूपी में मुख्य सचिव के तौर पर पहली पसंद थे. उनका मुख्य सचिव बनाए जाने के 6 माह बाद ही रिटायरमेंट का समय आ गया तो उन्हें एक्सटेंशन दिया गया. अब 6 महीने बाद एक और एक्सटेंशन मिल गया. शनिवार की रात केंद्र सरकार की ओर से यह आदेश जारी कर दिया गया है.
इन अधिकारियों का होना है रिटायरमेंट
- IAS रजनीश गुप्ता 1990 सदस्य रेवेन्यू बोर्ड
- IAS अनिल कुमार मिश्रा 2011 रजिस्ट्रार डॉ. राम मनोहर लोहिया ला विश्वविद्यालय
- PCS नंदलाल सिंह 2005 संयुक्त आयुक्त ग्राम विकास
- PCS अमृतलाल बिंद 2009 CRO देवरिया
- PCS श्याम अवध चौहान 2014 ADM/LA गाजियाबाद
ऐसे में उत्तर प्रदेश में बतौर मुख्य सचिव उनकी वर्किंग लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भी जारी रहेगी. जून माह में उनका रिटायरमेंट होगा. सियासी तौर पर 2024 बहुत महत्वपूर्ण साल होने जा रहा है. क्योंकि इसमें लोकसभा चुनाव होना है. उसमें नए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश में तैनात किए जाएंगे. ब्यूरोक्रेसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव केंद्र सरकार की पहली पसंद हैं.