लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान शव वाहन चलाने वाले चालक रोजी रोटी कमाने के लिए परेशान हैं और ये लोग घर भी नहीं जा सकते हैं. इन लोगों का कहना है की इस लॉकडाउन से पहले 700 से 800 रुपये तक एक दिन में कमा लिया करते थे, लेकिन अब 300 से 400 रुपये कमाना मुश्किल पड़ रहा है. रहने खाने-पीने जैसी तमाम समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
शव वाहन चालक परेशान
जहां एक तरफ लॉकडाउन के दौरान हर वर्ग समुदाय के लोगों पर इसकी मार देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर राजधानी लखनऊ में शव वाहन चलाने वाले और डेड बॉडी को ढोने वाले वाहन चालक भी इस लॉकडाउन के असर का शिकार हुए हैं. जहां अन्य जनपदों से लखनऊ में आकर ये शव यात्रा वाहन चलाते हैं, लेकिन आज इनकी स्थिति यह है कि अब न तो अपने घर जा पा रहे हैं और न ही ठीक से पैसे कमा पा रहे हैं.
लॉकडाउन से पहले हम करीब 700 से 800 कमा लिया करते थे, लेकिन आज 400 रुपये कमाना भी बहुत मुश्किल है. हम सीतपुर जिले के रहने वाले हैं. न ही घर जा पा रहे हैं और न ही यहां पर पैसे कमा पा रहे हैं. इस दौरान हम तमाम समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
राजू,शव यात्रा वाहन चलाक
इस बीच परेशानियों का सामना करना हमारी मजबूरी है, क्योंकि हम किराए पर रहते हैं और परिवार का खर्चा निकालने के लिए हम यह गाड़ी चलाते हैं. लॉकडाउन के चलते तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं रोजी रोटी भी बहुत मुश्किल से चल पा रही है. जहां अब 300 रुपये भी कमाना बहुत मुश्किल पड़ रहा है. हम लोगों को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.
मोहम्मद कमाल, शव यात्रा वाहन चलाक