लखनऊ: कोरोना संकट काल ने चुनाव में बड़ा बदलाव किया है, जिसकी बदली हुई तस्वीर यूपी की 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में नजर आ रही है. पहले के चुनावों में राजनीतिक दलों और अन्य उम्मीदवारों की तरफ से धनबल का भरपूर उपयोग होता था. साथ ही बड़ी-बड़ी जनसभाएं और चुनाव प्रचार के दौरान जनता को लुभाने वाले तमाम कार्य किए जाते थे, लेकिन बदली परिस्थितियों में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते अब यह सब नजर नहीं आएगा.
नहीं दिखेगा शक्ति प्रदर्शन
पहले जिस प्रकार से चुनाव में बड़ी-बड़ी जनसभाएं, रैलियां, रोड शो जैसे शक्ति प्रदर्शन वाले आयोजन होते थे, तो वहीं अब कोविड-19 के प्रोटोकॉल की वजह से उपचुनाव के दौरान यह सब संभव नहीं हो पाएगा. इस बार न तो बड़ी जनसभाएं हो पाएंगी और न ही भारी भरकम तामझाम के साथ चुनाव प्रचार होगा.
बदल गया चुनाव प्रचार का तरीका
बदली हुई परिस्थितियों में जहां लोगों की लाइफ स्टाइल बदल गई है तो वहीं उत्तर प्रदेश की 7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में प्रचार का तरीका भी बदल गया है. राजनीतिक दलों की तरफ से अब वर्चुअल माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं से संवाद का सिलसिला शुरू हो चुका है. कोरोना के कारण बड़े स्तर पर जनसभाएं नहीं हो पाएंगी. इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी नेता छोटे-छोटे कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं.
कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत सेफ्टी के साथ होंगे चुनाव
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी यूपी योगेश्वर राम मिश्रा कहते हैं कि कोरोना का संकट चल रहा है. भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट गाइडलाइंस जारी की है. कोविड-19 के जितने भी प्रोटोकॉल्स हैं, वे चाहे केंद्र सरकार के हों या राज्य सरकार के स्तर पर जारी किए गए हैं, उन प्रोटोकॉल्स के आधार पर पूरी निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से चुनाव के दौरान भीड़ प्रबंधन एक बहुत बड़ा बिंदु होता है. चाहे वह शांति व्यवस्था की बात हो या अन्य किसी भी प्रकार की व्यवस्था, जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसका पालन कराते हुए चुनाव को पूरी सेफ्टी से कराया जाना है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जन सुरक्षा के लिहाज से प्रोटोकॉल्स बनाए गए हैं और निश्चित रूप से बेहतर प्रबंधन के साथ मतदान कराए जाएंगे.
कोरोना की वजह से बदलाव अच्छी बात
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि कोरोना ने पूरे माहौल को बदलकर रख दिया है. इसका प्रभाव हर क्षेत्र में पड़ा है, चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो सामाजिक क्षेत्र हो या कोई अन्य क्षेत्र, हर कोई इससे प्रभावित हुआ है. राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि पहले के चुनावों में उत्साह नजर आता था, बड़ी बड़ी रैलियां होती थी, बड़ी भीड़ होती थी, शक्ति प्रदर्शन होता था. उन्होंने कहा कि इन सब पर अब कोविड-19 की वजह से विराम लग गया है. डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि इस बार वर्चुअल माध्यम से संवाद स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह बदलाव भी अच्छा है जैसे कुछ सामाजिक बदलाव हुए हैं विवाह शादियों में भीड़भाड़ कम हुई है. इससे धन की बचत हो रही है. इसी प्रकार चुनाव में धनबल का उपयोग कम हो जाएगा तो इससे भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि यह स्थिति हमेशा बनी रहेगी तो और भी बेहतर होगा.