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कोरोना ने तोड़ी कमर, यूपी के पर्यटन स्थलों पर पसरा सन्नाटा

उत्तर प्रदेश का पर्यटन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा था और इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग लगातार धार्मिक ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं भी बढ़ा रहा था. पूरे देश में एक बार फिर से संक्रमण तेजी के साथ बढ़ रहा है. ऐसे में यूपी में पर्यटन की रफ्तार थम गई हैं.

पर्यटन स्थलों पर पसरा सन्नाटा
पर्यटन स्थलों पर पसरा सन्नाटा
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Published : Apr 20, 2021, 9:09 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 6:41 AM IST

लखनऊ: पूरे देश में विगत वर्ष से पहले कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण यूपी पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. यही कारण है कि जनवरी 2021 से जब प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम हुआ तो उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग यूपी में पर्यटन के केंद्र लगातार विकसित कर रहा है. जो भी पर्यटन के केंद्र हैं वहां पर पर्यटन विभाग सुविधाएं बढ़ाने में लगा हुआ था, जिससे कि देश और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तर प्रदेश सकें. इसका फायदा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को मिल सके. लेकिन फिर तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. जिससे फिर पर्यटन स्थलों पर भीड़ नहीं दिख रही है.

पर्यटन स्थलों पर पसरा सन्नाटा

पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध
1 विगत वर्ष मार्च माह से पूरे देश में लॉकडाउन लगने के कारण देश और प्रदेश में पर्यटन की रफ्तार रुक गई और यही कारण है कि जब जनवरी माह से उत्तर प्रदेश में संक्रमण की संख्या कम हुई तो यूपी के लोगों ने पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थलों पर निकलना शुरू कर दिया. और यही कारण रहा कि नव वर्ष के अवसर पर अयोध्या और गोरखपुर के रामगढ़ ताल पर पांच लाख से अधिक पर्यटकों की भीड़ इकट्ठा हुई. यूपी में पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं भी तलाशी और इसी क्रम में अयोध्या काशी प्रयाग गोरखपुर विंध्य क्षेत्र के साथ-साथ मथुरा बरसाना बुद्धिस्ट सर्किट कुशीनगर सारनाथ श्रावस्ती के साथ मगहर में तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किए गए और इन पर्यटन और धार्मिक क्षेत्र के स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं जिससे कि आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े.

प्रदेश में 250 स्थल चिन्हित
फोन पर बातचीत करते हुए प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश में 250 स्थल चिन्हित किए गए हैं जो कि धार्मिक ऐतिहासिक और सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं. ऐसे स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जिससे कि इन स्थलों पर आने वाले लोगों को किसी तरह की समस्या न हो. ऐसे अवसरों पर शौचालय सीट के साथ-साथ विश्राम स्थल भी बनाए जा रहे हैं जिससे पर्यटकों को समस्या न हो.

403 विधानसभा क्षेत्रों में बन रहे पर्यटन के केंद्र
प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में पर्यटन के केंद्र विकसित किए जा रहे हैं. इसका मुख्य मकसद यह है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कोई न कोई एक ऐसा स्थान होता है जो धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हो. ऐसे स्थलों को पर्यटन विभाग विकसित कर रहा है और इन स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिससे कि यहां पर आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या न हो.

कोरोना ने रोकी रफ्तार
प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम का कहना है कि जनवरी महीने से उत्तर प्रदेश का पर्यटन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि अयोध्या पर्यटन का एक नया हब बनकर उभरा है. बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों के पर्यटक उत्तर प्रदेश के अयोध्या, काशी, प्रयागराज, गोरखपुर, बिंद क्षेत्र के साथ-साथ मथुरा आ रहे थे. इसी को ध्यान में रखते हुए जहां काशी में गंगा नदी में क्रूज शुरू किया गया वहीं अयोध्या में भी क्रूज चलाने की योजना है, जिससे कि पर्यटकों को आनंद मिल सके. जिस तरह से अप्रैल महीने से एक बार फिर से प्रदेश में संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में ऐतिहासिक धार्मिक और पर्यटन के केंद्रों पर सन्नाटा पसर गया है.

क्या कहते हैं होटल व्यवसाई
ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए होटल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रवि खन्ना का कहना है कि मार्च महीने के बाद होटल व्यवसाय में वृद्धि होती है. जिस तरह से एक बार फिर से लगातार प्रदेश में संक्रमण तेजी के साथ बढ़ रहा है. ऐसे में होटल व्यवसायियों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. रवि खन्ना का कहना है अभी हम लोगों को अपनी जान बचाने के लाले पड़े हैं. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में होटल व्यवसाय से जुड़े हुए लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव हैं, ऐसे में पहले जीवन की रक्षा करें.

लखनऊ: पूरे देश में विगत वर्ष से पहले कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण यूपी पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. यही कारण है कि जनवरी 2021 से जब प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम हुआ तो उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग यूपी में पर्यटन के केंद्र लगातार विकसित कर रहा है. जो भी पर्यटन के केंद्र हैं वहां पर पर्यटन विभाग सुविधाएं बढ़ाने में लगा हुआ था, जिससे कि देश और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तर प्रदेश सकें. इसका फायदा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को मिल सके. लेकिन फिर तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. जिससे फिर पर्यटन स्थलों पर भीड़ नहीं दिख रही है.

पर्यटन स्थलों पर पसरा सन्नाटा

पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध
1 विगत वर्ष मार्च माह से पूरे देश में लॉकडाउन लगने के कारण देश और प्रदेश में पर्यटन की रफ्तार रुक गई और यही कारण है कि जब जनवरी माह से उत्तर प्रदेश में संक्रमण की संख्या कम हुई तो यूपी के लोगों ने पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थलों पर निकलना शुरू कर दिया. और यही कारण रहा कि नव वर्ष के अवसर पर अयोध्या और गोरखपुर के रामगढ़ ताल पर पांच लाख से अधिक पर्यटकों की भीड़ इकट्ठा हुई. यूपी में पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं भी तलाशी और इसी क्रम में अयोध्या काशी प्रयाग गोरखपुर विंध्य क्षेत्र के साथ-साथ मथुरा बरसाना बुद्धिस्ट सर्किट कुशीनगर सारनाथ श्रावस्ती के साथ मगहर में तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किए गए और इन पर्यटन और धार्मिक क्षेत्र के स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं जिससे कि आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े.

प्रदेश में 250 स्थल चिन्हित
फोन पर बातचीत करते हुए प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश में 250 स्थल चिन्हित किए गए हैं जो कि धार्मिक ऐतिहासिक और सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं. ऐसे स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जिससे कि इन स्थलों पर आने वाले लोगों को किसी तरह की समस्या न हो. ऐसे अवसरों पर शौचालय सीट के साथ-साथ विश्राम स्थल भी बनाए जा रहे हैं जिससे पर्यटकों को समस्या न हो.

403 विधानसभा क्षेत्रों में बन रहे पर्यटन के केंद्र
प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में पर्यटन के केंद्र विकसित किए जा रहे हैं. इसका मुख्य मकसद यह है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कोई न कोई एक ऐसा स्थान होता है जो धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हो. ऐसे स्थलों को पर्यटन विभाग विकसित कर रहा है और इन स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिससे कि यहां पर आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या न हो.

कोरोना ने रोकी रफ्तार
प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम का कहना है कि जनवरी महीने से उत्तर प्रदेश का पर्यटन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि अयोध्या पर्यटन का एक नया हब बनकर उभरा है. बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों के पर्यटक उत्तर प्रदेश के अयोध्या, काशी, प्रयागराज, गोरखपुर, बिंद क्षेत्र के साथ-साथ मथुरा आ रहे थे. इसी को ध्यान में रखते हुए जहां काशी में गंगा नदी में क्रूज शुरू किया गया वहीं अयोध्या में भी क्रूज चलाने की योजना है, जिससे कि पर्यटकों को आनंद मिल सके. जिस तरह से अप्रैल महीने से एक बार फिर से प्रदेश में संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में ऐतिहासिक धार्मिक और पर्यटन के केंद्रों पर सन्नाटा पसर गया है.

क्या कहते हैं होटल व्यवसाई
ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए होटल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रवि खन्ना का कहना है कि मार्च महीने के बाद होटल व्यवसाय में वृद्धि होती है. जिस तरह से एक बार फिर से लगातार प्रदेश में संक्रमण तेजी के साथ बढ़ रहा है. ऐसे में होटल व्यवसायियों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. रवि खन्ना का कहना है अभी हम लोगों को अपनी जान बचाने के लाले पड़े हैं. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में होटल व्यवसाय से जुड़े हुए लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव हैं, ऐसे में पहले जीवन की रक्षा करें.

Last Updated : Apr 21, 2021, 6:41 AM IST
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