लखनऊ : परिवहन विभाग की तरफ से लगातार वाहन चालकों से अपील की जाती है कि वह यातायात नियमों को न तोड़ें. सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें, लेकिन वाहन चालक हैं कि मानते ही नहीं. अब ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ परिवहन विभाग सख्त रुख अख्तियार कर रहा है. यूपी में अब कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो उसका न सिर्फ चालान काटा जाएगा बल्कि तीन बार चालान कटने पर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
अपराध करने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन भी होगा रद्द : उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक दो दिसंबर को हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि लगातार तीन बार से अधिक चालान करने वाले अभियोग में चालक के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए. इसके बाद भी ऐसे चालकों की तरफ से अपराध को अंजाम दिया जाए तो वाहनों के पंजीयन निलंबन और निरस्तीकरण की भी कार्रवाई हो. इसी क्रम में प्रदेश भर के आरटीओ और एआरटीओ को निर्देशित किया गया है कि लगातार तीन बार से अधिक चालान वाले अपराधों में चालक के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन और निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए. ऐसे चालकों को चिन्हित किया जाए जो लगातार इस तरह के अपराध कर रहे हैं. इसके बाद उनका जो भी वाहन हो उसका रजिस्ट्रेशन ही सस्पेंड कर दिया जाए. अब इसका प्रदेश भर में सभी अधिकारियों को पालन करना होगा.'
यूपी में नियम तोड़ने वाले 7070 डीएल धारकों के लाइसेंस निरस्त : हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा पर सड़क हादसों को लेकर चिंता जताई थी और नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की तरफ से आदेश जारी किए गए कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एक्शन लिया जाए. लाइसेंस निलंबन और निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए. उत्तर प्रदेश में जनवरी से अक्टूबर तक के आंकड़ों का विश्लेषण परिवहन विभाग ने किया तो साल 2022 की तुलना में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 6.6 प्रतिशत, मृत्यु की संख्या में 4.5% और घायलों की संख्या में 8.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो बहुत ज्यादा है. सुप्रीम कोर्ट कमिटी ऑन रोड सेफ्टी की तरफ से दिए गए निर्देशों के क्रम में रेड लाइट जंपिंग, ओवर स्पीडिंग, ओवरलोडिंग, माल वाहक गाड़ियों में व्यक्तियों को ले जाना, वाहन चलते समय मोबाइल फोन का प्रयोग, ड्रंकन ड्राइविंग जैसे विभिन्न अपराधों में ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए गए. इसी क्रम में जनवरी से सितंबर तक कुल 11,693 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन के सापेक्ष 7070 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किए गए.
अभियान में लाई जाए तेजी : विभाग का तर्क है कि सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ने की एक बड़ी वजह वाहन चालकों का यातायात नियमों का पालन न करना है. ऐसे में लगातार नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को लाइसेंस रखने का भी अधिकार नहीं है. लिहाजा, परिवहन विभाग ने प्रदेश भर में जनवरी से सितंबर माह तक 7070 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं. हालांकि परिवहन आयुक्त परिवहन विभाग के अधिकारियों की इतनी कार्रवाई से भी संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि अभियान में तेजी लाई जाए. नियम तोड़ने वालों पर और सख्त कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्त किए जाएं.