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अब अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी जूते और वर्दी में आएंगे नजर

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी जूते और वर्दी में नजर आएंगे. 15 सितंबर से उनके लिए जूते और वर्दी को बस संचालन करना पहले अनिवार्य कर दिया गया है.

जूते और वर्दी में नजर आएंगे अनुबंधित बसों के ड्राइवर.
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Published : Sep 4, 2019, 10:46 AM IST

लखनऊः अब उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस ड्राइवरों की तरह ही अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी जूते और वर्दी में नजर आएंगे. यह निर्णय परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने लिया है. उन्होनें यह भी अनिवार्य कर दिया गया है कि 15 सितंबर तक अनुबंधित बसों के ड्राइवर हर हाल में जूते और वर्दी की व्यवस्था कर लें. अगर निजी वाहन के स्वामी ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

जूते और वर्दी में नजर आएंगे अनुबंधित बसों के ड्राइवर.

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रोडवेज बसों के ड्राइवरों के लिए जूते और वर्दी में बस संचालन करना पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अनुबंधित बसों के लिए अब तक ऐसा नहीं किया गया था. अब उन पर भी यह नियम लागू होगा. रोडवेज के बसों के साथ लगभग ढाई हजार अनुबंधित बसें भी संचालित होती हैं. इन बसों का समय से संचालन और सुरक्षा के उपाय भी रोडवेज की बसों की तरह अपनाए जाएंगे.

इसे भी पढ़े- संभल: रहस्यमयी बीमारी से 4 की मौत, पूरे गांव में फैली 'महामारी'

रोडवेज और अनुबंधित बस मालिकों के बीच हुए समझौते के मुताबिक ड्राइवर की तैनाती, वर्दी, बस फिटनेस, अग्निशमन यंत्र और अन्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप बसों को रखना निजी बसों के मालिकों की जिम्मेदारी है. अनुबंधित बसें मानकों के अनुरूप हैं या नहीं यह देखना रोडवेज अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी. रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक अगर बस मानकों पर खरी नहीं उतरेंगी तो अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा.

एमडी डॉ. राजशेखर ने साफ तौर पर कहा है कि अक्टूबर से बसों में किसी तरह की खामी पाई जाने पर अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा. ड्राइवर के जूते और वर्दी में नजर आने के साथ ही अनुबंधित बसों में भी 15 सितंबर तक स्पीड लिमिट डिवाइस लगाई जाएगी. 30 सितंबर तक सभी बसें आरटीओ ऑफिस से जांच कराकर फिटनेस सर्टिफिकेट ले लेंगी. सभी बसों की डेंटिंग पेंटिंग का काम भी 30 सितंबर तक पूरे किए जाने के निर्देश एमडी ने दिए हैं.

लखनऊः अब उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस ड्राइवरों की तरह ही अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी जूते और वर्दी में नजर आएंगे. यह निर्णय परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने लिया है. उन्होनें यह भी अनिवार्य कर दिया गया है कि 15 सितंबर तक अनुबंधित बसों के ड्राइवर हर हाल में जूते और वर्दी की व्यवस्था कर लें. अगर निजी वाहन के स्वामी ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

जूते और वर्दी में नजर आएंगे अनुबंधित बसों के ड्राइवर.

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रोडवेज बसों के ड्राइवरों के लिए जूते और वर्दी में बस संचालन करना पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अनुबंधित बसों के लिए अब तक ऐसा नहीं किया गया था. अब उन पर भी यह नियम लागू होगा. रोडवेज के बसों के साथ लगभग ढाई हजार अनुबंधित बसें भी संचालित होती हैं. इन बसों का समय से संचालन और सुरक्षा के उपाय भी रोडवेज की बसों की तरह अपनाए जाएंगे.

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रोडवेज और अनुबंधित बस मालिकों के बीच हुए समझौते के मुताबिक ड्राइवर की तैनाती, वर्दी, बस फिटनेस, अग्निशमन यंत्र और अन्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप बसों को रखना निजी बसों के मालिकों की जिम्मेदारी है. अनुबंधित बसें मानकों के अनुरूप हैं या नहीं यह देखना रोडवेज अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी. रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक अगर बस मानकों पर खरी नहीं उतरेंगी तो अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा.

एमडी डॉ. राजशेखर ने साफ तौर पर कहा है कि अक्टूबर से बसों में किसी तरह की खामी पाई जाने पर अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा. ड्राइवर के जूते और वर्दी में नजर आने के साथ ही अनुबंधित बसों में भी 15 सितंबर तक स्पीड लिमिट डिवाइस लगाई जाएगी. 30 सितंबर तक सभी बसें आरटीओ ऑफिस से जांच कराकर फिटनेस सर्टिफिकेट ले लेंगी. सभी बसों की डेंटिंग पेंटिंग का काम भी 30 सितंबर तक पूरे किए जाने के निर्देश एमडी ने दिए हैं.

Intro:अब रोडवेज की तरह अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी 15 सितंबर तक जूते और वर्दी में आएंगे नजर

लखनऊ। अब उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस ड्राइवरों की तरह ही अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी जूते और वर्दी में नजर आएंगे। उनके लिए भी यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे 15 सितंबर तक हर हाल में जूते और वर्दी की व्यवस्था कर लें। अगर निजी वाहन स्वामी ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। यह निर्णय परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ राजशेखर ने लिया है।


Body:रोडवेज के ड्राइवरों के लिए 15 सितंबर से जूते और वर्दी में ही बस संचालन करना पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन अनुबंधित बसों के लिए अब तक ऐसा नहीं किया गया था। अब उन पर भी यह नियम लागू होगा। रोडवेज के बस बेड़े के साथ ही लगभग ढाई हजार अनुबंधित बसें भी संचालित होती हैं। इन बसों का समय से संचालन और सुरक्षा के उपाय भी रोडवेज की बसों की तरह अपनाए जाएंगे। रोडवेज और अनुबंधित बस मालिकों के बीच हुए समझौते के मुताबिक ड्राइवर की तैनाती, वर्दी, बस फिटनेस, अग्निशमन यंत्र और अन्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप बसों को रखना निजी बसों के मालिकों की जिम्मेदारी है। अनुबंधित बसें मानकों के अनुरूप हैं या नहीं यह देखना रोडवेज अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक अगर बस मानकों पर खरी नहीं उतरेंगी तो अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा।


Conclusion:ड्राइवर के जूते और वर्दी में नजर आने के साथ ही अनुबंधित बसों में भी 15 सितंबर तक स्पीड लिमिट डिवाइस लगाई जाएगी। 30 सितंबर तक सभी बसें आरटीओ ऑफिस से जांच कराकर फिटनेस सर्टिफिकेट ले लेंगी। सभी बसों की डेंटिंग पेंटिंग का काम भी 30 सितंबर तक पूरे किए जाने के निर्देश एमडी ने दिए हैं। एमडी डॉ राजशेखर ने साफ तौर पर कहा है कि अक्टूबर से बसों का अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा, अगर उनमें किसी तरह की खामी पाई जाएगी।

अखिल पांडेय, लखनऊ 9336864096
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