लखनऊ : कानपुर रोड स्थित लोकबंधु राजनारायण संयुक्त अस्पताल में चालकों ने सोमवार को विरोध जताते हुए अपनी गाड़ियां खड़ी कर दीं. आला अफसरों को गाड़ी की चाभी वापस करते हुए कहा कि वह अब वाहन नहीं चलाएंगे. चालकों ने आरोप लगाया कि उनसे दिन-रात ड्यूटी कराकर शोषण किया जा रहा है. वहीं, इस मामले में अफसरों का कहना है कि चालक कोविड ड्यूटी करने में लापरवाही कर रहे थे. उनसे कहा गया तो वह आरोप लगाने लगे. इस मामले में निजी कंपनी अविनि परिधि से संपर्क कर मामले से अवगत करा दिया गया है.
'चालकों का यह है आरोप'
लोकबंधु कोविड अस्पताल में आउटसोर्सिंग से कई चालक तैनात हैं. इनमें चालकों की अलग-अलग ड्यूटी है. कोई निदेशक का वाहन चलाता है तो कोई शव वाहन. इन चालकों का आरोप है कि अस्पताल के अफसर उनका शोषण कर रहे हैं. उन लोगों से अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. इस मामले में आउटसोर्स चालक सुरेंद्र विश्वकर्मा, नरेंद्र, प्रदीप व नसीर ने सोमवार को कोई गाड़ी नहीं चलाई. गाड़ी की चाभी अपने प्रभारी को वापस कर दी है. सोमवार को कुछ चालकों ने विरोध करते हुए गाड़ी नहीं चलाई. इससे कोरोना के मरीजों को लाने-ले जाने की दिक्कत हुई. साथ ही अफसर भी दूसरे निजी चालकों व खुद ही गाड़ी चलाकर घर गए और काम निपटाए.
'नहीं निकाला गया किसी को नौकरी से'
इस मामले में लोकबंधु के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी का कहना है कि चालकों ने कोविड ड्यूटी करने से मना कर दिया. अफसरों से अभद्रता की. किसी चालक को नौकरी से नहीं निकाला गया है. इस मामले में निजी कंपनी अविनि परिधि के जिम्मेदारों को अवगत करा दिया गया है. कंपनी के प्रतिनिधि मंगलवार सुबह से दूसरी व्यवस्था तत्काल मुहैया कराने की बात कह रहे हैं.
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