लखनऊ: यूपी में सर्दी का कहर जारी है, इसका असर लोगों पर खासा दिखाई पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सर्दी के मौसम में बागवानी करने वाले किसानों पर इसका असर पड़ रहा है. सर्दी के मौसम में फसलों में होने वाले रोगों से बचाने के लिए कृषि कीट वैज्ञानिक डॉ. सत्येंद्र कुमार ने किसानों को सलाह दी है. डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शरद ऋतु में प्रमुख रूप से आम, अमरूद, नींबू और केला की देख-रेख अधिक करनी पड़ती है. इस समय इन फसलों की वृद्धि रुक जाती है. इस मौसम में यदि इन फसलों की देख-रेख नहीं की गई, तो छोटे पौधे पाला और कोहरे के कारण नष्ट हो जाते हैं.
फसलों की देख-रेख के लिए दिए सुझाव
कृषि कीट वैज्ञानिक डॉ. सत्येंद्र कुमार ने किसानों को फसलों की देख-रेख के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उन्होंने बताया कि शरद ऋतु में आम और अमरूद के पौधों को अच्छी तरह से पुआल से ढक देना चाहिए. इसके अलावा 2 वर्ष तक के पौधों में 8 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद, 30 ग्राम नाइट्रोजन, 30 ग्राम फास्फोरस और 60 ग्राम पोटाश को अच्छी तरीके से मिला देना चाहिए. इस मौसम में आम के पुराने पौधों पर आम का 'तना बेधक कीट' छाल के अंदर घुस जाता है. यह कीट नीचे वाली लकड़ी में सुरंग बनाकर उसको अंदर ही अंदर खाता रहता है. यह कीट के बड़े वृक्षों को अधिक नुकसान पहुंचाता है.
इस कीट को प्रबंधित करने का जनवरी माह बहुत अच्छा होता है. इसके प्रबंधन के लिए शाखाओं में बनाए गए छिद्रों में जिंक फॉस्फाइड की गोलियां भरकर उन्हें मिट्टी से ढक देना चाहिए. इससे इनके कैटरपिलर उसी के अंदर मर जाएंगे. जनवरी-फरवरी माह में आम की फसल पर आम की बड माइट नुकसान पहुंचाती है. यह माइक वयस्क कलिकाओं से रस चूस लेती हैं, जिससे कलिकाएं सूख जाती हैं. इस माइट को प्रबंधित करने के लिए कांफिडोर सुपर 30.5 W/W (इमिडाक्लोप्रिड) की 2ml मात्रा को 1 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. डॉ. सत्येंद्र कुमार ने किसानों को आम, अमरूद, कटहल और नीबू के छोटे पौधों को ठंड और कीट-पतंगों से बचाने के लिए तमाम उपाए बताए.