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'धरती के भगवान': मिलिए उस डॉक्टर से जो करता है 10 रुपये में इलाज

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक डॉक्टर ऐसे भी हैं, जो महज 10 रुपये में मरीजों का इलाज करते हैं. डॉ. ज्ञान प्रकाश गुप्ता की उम्र 91 साल है. इस उम्र में भी वह जिस सेवाभाव से मरीजों का इलाज करते हैं, वह बेहद सराहनीय है.

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डॉक्टर से जो करता है 10 रुपये में इलाज.
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Published : Dec 1, 2019, 11:53 PM IST

लखनऊ: डॉक्टर को 'धरती का भगवान' कहा जाता है. चिकित्सक मरीजों का इलाज कर जीवनदान देता है, लेकिन बदलते समय के साथ डॉक्टरों की छवि धूमिल होती जा रही है. आधुनिक युग में डॉक्टरी का पेशा भी पैसे कमाने तक सीमित होकर रह गया है. हाल-फिलहाल में पैसों के लिए मरीजों की लाश तक को जब्त करने की घटनाएं इसका उदाहरण हैं. आज लोग ईश्वर से मन्नत मांगते हैं कि उनके परिवार को बीमारी से बचाए रखें, क्योंकि बीमारी अपने साथ आर्थिक तबाही लेकर आती है.

मध्यमवर्गीय परिवार की हालत अगर ऐसी है तो कल्पना की जा सकती है कि जिनके पास रहने को छत नहीं है, खाने को दो वक्त की रोटी मुश्किल से नसीब होती है, उनके लिए अपना इलाज कराना कितना मुश्किल होता होगा. अच्छी बात ये है कि हमारे समाज में अच्छे इंसान के रूप में कुछ डॉक्टर मौजूद हैं, जो सिर्फ पैसे कमाने के पीछे नहीं भागते बल्कि गरीबों और बेसहारों का मुफ्त में इलाज करके इंसानियत को बचाने का काम भी करते हैं.

डॉक्टर जो करता है 10 रुपये में इलाज.
डॉ. ज्ञानू करते हैं 10 रुपये में इलाज

राजधानी लखनऊ में एक 'धरती के भगवान' ऐसे हैं, जिनको लोग पूजते हैं. मरीज भी भगवान से इनकी लंबी उम्र की दुआएं मांगते हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं एक ऐसे चिकित्सक की, जिनकी उम्र करीब 91 साल है. इनका नाम डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता है. मरीजों में वह डॉ. ज्ञानू के नाम से जाने जाते हैं. डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी से रिटायर्ड हैं. चिकित्सक ज्ञान प्रकाश गुप्ता के बेटा और बेटी दोनों ही डॉक्टर हैं. डॉक्टर गुप्ता रोजाना 2 घंटे सुबह-शाम दोनों टाइम मरीजों की सेवा करते हैं. इनकी क्लीनिक पर काम करने वाले कर्मचारी भी किसी प्रकार का वेतन नहीं लेते हैं. डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता 91 साल की उम्र में भी मात्र 10 रुपये में मरीजों की सेवा करते हैं.

मरीज मांगते हैं डॉक्टर की लम्बी उम्र की दुआ
यहां आने वाली मरीज महिला का कहना है कि डॉक्टर साहब बहुत अच्छे हैं. डॉक्टर साहब बिल्कुल भगवान की तरह हैं. डॉक्टर साहब को मेरी उम्र लग जाए. इन्होंने ही हमको जिंदा कर रखा है. मैं करीब 40 साल से इनसे इलाज करवा रही हूं.

सेवाभाव से चल रहा है काम
डॉ. ज्ञानू के पास काम करने वाले अनंत दीक्षित बताते हैं कि मैं लगभग 37 साल से डॉक्टर साहब के साथ काम कर रहा हूं. यहां 10 रुपये में दवा दी जाती है. सारा काम सेवा भाव से चल रहा है. डॉक्टर साहब का कहना है कि जितने दिन की जिंदगी है, उतने ही दिन सेवा करना है और उतने दिन ही साथ रहना है. हम लोगों की कोई तनख्वाह नहीं है. मैं यहां के बाद पुरोहित का भी काम करता हूं और उसी से अपना खर्चा चलता है.

संवेदना और सेवाभाव से करें मरीजों का इलाज
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब डॉ. ज्ञान प्रकाश गुप्ता से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मैं रोजाना एक से डेढ़ घंटे सुबह-शाम मरीजों को देखता हूं. यह नहीं देखता हूं कि कितने मरीज आए हैं. मेरे बेटा और बेटी दोनों डॉक्टर हैं. मैं लखनऊ मेडिकल कॉलेज में 37 साल रहा हूं. 1992 में मैं रिटायर हुआ. मुझे ठीक-ठाक पेंशन मिलती है, जो कि मेरे लिए वही बहुत है. रिटायरमेंट के बाद बस मरीजों की सेवा करता हूं. उनका कहना है कि आज के दौर में बीमारी बहुत फैली हुई है. डॉक्टरों को चाहिए कि संवेदना और सेवाभाव से मरीजों का इलाज करें.

लखनऊ: डॉक्टर को 'धरती का भगवान' कहा जाता है. चिकित्सक मरीजों का इलाज कर जीवनदान देता है, लेकिन बदलते समय के साथ डॉक्टरों की छवि धूमिल होती जा रही है. आधुनिक युग में डॉक्टरी का पेशा भी पैसे कमाने तक सीमित होकर रह गया है. हाल-फिलहाल में पैसों के लिए मरीजों की लाश तक को जब्त करने की घटनाएं इसका उदाहरण हैं. आज लोग ईश्वर से मन्नत मांगते हैं कि उनके परिवार को बीमारी से बचाए रखें, क्योंकि बीमारी अपने साथ आर्थिक तबाही लेकर आती है.

मध्यमवर्गीय परिवार की हालत अगर ऐसी है तो कल्पना की जा सकती है कि जिनके पास रहने को छत नहीं है, खाने को दो वक्त की रोटी मुश्किल से नसीब होती है, उनके लिए अपना इलाज कराना कितना मुश्किल होता होगा. अच्छी बात ये है कि हमारे समाज में अच्छे इंसान के रूप में कुछ डॉक्टर मौजूद हैं, जो सिर्फ पैसे कमाने के पीछे नहीं भागते बल्कि गरीबों और बेसहारों का मुफ्त में इलाज करके इंसानियत को बचाने का काम भी करते हैं.

डॉक्टर जो करता है 10 रुपये में इलाज.
डॉ. ज्ञानू करते हैं 10 रुपये में इलाज

राजधानी लखनऊ में एक 'धरती के भगवान' ऐसे हैं, जिनको लोग पूजते हैं. मरीज भी भगवान से इनकी लंबी उम्र की दुआएं मांगते हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं एक ऐसे चिकित्सक की, जिनकी उम्र करीब 91 साल है. इनका नाम डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता है. मरीजों में वह डॉ. ज्ञानू के नाम से जाने जाते हैं. डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी से रिटायर्ड हैं. चिकित्सक ज्ञान प्रकाश गुप्ता के बेटा और बेटी दोनों ही डॉक्टर हैं. डॉक्टर गुप्ता रोजाना 2 घंटे सुबह-शाम दोनों टाइम मरीजों की सेवा करते हैं. इनकी क्लीनिक पर काम करने वाले कर्मचारी भी किसी प्रकार का वेतन नहीं लेते हैं. डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता 91 साल की उम्र में भी मात्र 10 रुपये में मरीजों की सेवा करते हैं.

मरीज मांगते हैं डॉक्टर की लम्बी उम्र की दुआ
यहां आने वाली मरीज महिला का कहना है कि डॉक्टर साहब बहुत अच्छे हैं. डॉक्टर साहब बिल्कुल भगवान की तरह हैं. डॉक्टर साहब को मेरी उम्र लग जाए. इन्होंने ही हमको जिंदा कर रखा है. मैं करीब 40 साल से इनसे इलाज करवा रही हूं.

सेवाभाव से चल रहा है काम
डॉ. ज्ञानू के पास काम करने वाले अनंत दीक्षित बताते हैं कि मैं लगभग 37 साल से डॉक्टर साहब के साथ काम कर रहा हूं. यहां 10 रुपये में दवा दी जाती है. सारा काम सेवा भाव से चल रहा है. डॉक्टर साहब का कहना है कि जितने दिन की जिंदगी है, उतने ही दिन सेवा करना है और उतने दिन ही साथ रहना है. हम लोगों की कोई तनख्वाह नहीं है. मैं यहां के बाद पुरोहित का भी काम करता हूं और उसी से अपना खर्चा चलता है.

संवेदना और सेवाभाव से करें मरीजों का इलाज
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब डॉ. ज्ञान प्रकाश गुप्ता से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मैं रोजाना एक से डेढ़ घंटे सुबह-शाम मरीजों को देखता हूं. यह नहीं देखता हूं कि कितने मरीज आए हैं. मेरे बेटा और बेटी दोनों डॉक्टर हैं. मैं लखनऊ मेडिकल कॉलेज में 37 साल रहा हूं. 1992 में मैं रिटायर हुआ. मुझे ठीक-ठाक पेंशन मिलती है, जो कि मेरे लिए वही बहुत है. रिटायरमेंट के बाद बस मरीजों की सेवा करता हूं. उनका कहना है कि आज के दौर में बीमारी बहुत फैली हुई है. डॉक्टरों को चाहिए कि संवेदना और सेवाभाव से मरीजों का इलाज करें.

Intro:यह हैं 'धरती के भगवान', मरीज भी भगवान से करते हैं इनकी लंबी उम्र की कामना

91 साल की उम्र में मात्र ₹10 में मरीजों का इलाज करते हैं डॉ. ज्ञान प्रकाश गुप्ता, मेडिकल कॉलेज लखनऊ से रिटायर होने के बाद शुरू की सेवा

लखनऊ। डॉक्टर को 'धरती का भगवान' कहा जाता है। चिकित्सक मरीजों का इलाज करके जीवन दान देता है, लेकिन बदलते युग में आजकल डॉक्टर की छवि धूमिल होती जा रही है। कहीं इलाज के बाद जबरन वसूली का आरोप लगता है तो कहीं मरीज व उसके परिजनों से मारपीट होती है। महंगे इलाज वह दवाओं के चलते लोगों के घर भी बर्बाद हो जाते हैं। जहां इस दौर में डॉक्टरों को कोसा जाता है, वहीं राजधानी में एक 'धरती के भगवान' ऐसे हैं जिनको लोग पूजते हैं। साथ ही भगवान से इनकी लंबी उम्र की दुआएं भी मांगते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं एक ऐसे चिकित्सक की जिनकी उम्र करीब 91 साल है। इस उम्र में भी डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता मरीजों का ₹10 में इलाज करते हैं। छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी से रिटायर्ड डॉक्टर ज्ञानू रोजाना करीब 2 घंटे मरीजों की सेवा करते हैं। क्लीनिक पर काम करने वाले कर्मचारी भी किसी प्रकार का वेतन नहीं लेते हैं और डॉक्टर ज्ञानू के साथ सेवा में लगे रहते हैं। चिकित्सक ज्ञान प्रकाश गुप्ता के बेटा व बेटी दोनों डॉक्टर हैं।




Body:बाइट वन- डॉ ज्ञान प्रकाश गुप्ता, चिकित्सक

मैं रोजाना एक से डेढ़ घंटे सुबह व शाम मरीजों को देखता हूं। यह नहीं देखता हूं कि कितने मरीज आए हैं। मेरे बेटा और बेटी दोनों डॉक्टर हैं। मैं लखनऊ मेडिकल कॉलेज में 37 साल रहा हूं। 1992 में मैं रिटायर हूं। मुझे ठीक-ठाक पेंशन मिलती है। मेरे लिए वही बहुत है। रिटायरमेंट के बाद बस मरीजों की सेवा करता हूं। आज के दौर में बीमारी बहुत फैली हुई है। डॉक्टरों को चाहिए कि सेवाभाव से मरीजों का इलाज करें।

बाइट दो- नानी, मरीज

डॉक्टर साहब बहुत अच्छे हैं। डॉक्टर साहब बिल्कुल भगवान की तरह हैं। इनके बच्चों की उम्र बहुत लंबी हो। डॉक्टर साहब को मेरी उम्र लग जाए। इन्होंने ही हम को जिंदा कर रखा है। मैं करीब 40 साल से इन से इलाज करवा रही हूं।

बाइट तीन- अनंत दीक्षित, कर्मचारी

मैं करीब 37 साल से डॉक्टर साहब के साथ काम कर रहा हूं। ₹10 में दवा दी जाती है। सब सेवा भाव चल रहा है। डॉक्टर साहब का कहना है जितने दिन की जिंदगी है उतने दिन सेवा करना है और उतने दिन साथ रहना है। हम लोगों की कोई तनख्वाह नहीं है। मैं यहां से सेवा के बाद पुरोहित का भी काम करता हूं उसी से अपना खर्चा चलता है।



Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
8318787082
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