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कैबिनेट से पत्ता कटने के बाद दिनेश शर्मा का इंतज़ार होगा खत्म, बन सकते हैं विधान परिषद के सभापति

सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री व एमएलसी डॉ. दिनेश शर्मा भले ही अबकी योगी कैबिनेट से बाहर रहे हो, लेकिन अब इस बात की चर्चा तेज है कि उन्हें पार्टी जल्द ही कोई सम्मानजनक पद दे सकती है. इतना ही नहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो उन्हें अप्रैल माह में विधानसभा परिषद का सभापति भी बनाया जा सकता है.

Dr dinesh sharma  Lucknow latest news  etv bharat up news  विधान परिषद का सभापति  डॉ. दिनेश शर्मा  Dr. Dinesh Sharma  UP Legislative Council  एमएलसी डॉ. दिनेश शर्मा  योगी कैबिनेट  विधानसभा परिषद का सभापति  सिद्धार्थनाथ सिंह  श्रीकांत शर्मा
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Published : Mar 29, 2022, 2:12 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 2:56 PM IST

लखनऊ: सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री व एमएलसी डॉ. दिनेश शर्मा भले ही अबकी योगी कैबिनेट से बाहर रहे हो, लेकिन अब इस बात की चर्चा तेज है कि उन्हें पार्टी जल्द ही कोई सम्मानजनक पद दे सकती है. इतना ही नहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो उन्हें अप्रैल माह में विधानसभा परिषद का सभापति भी बनाया जा सकता है. वहीं कहा जा रहा है कि अप्रैल तक भाजपा का विधान परिषद में बहुमत होगा. जबकि सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा जैसे कुछ वरिष्ठ विधायकों को दो साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है.

बताया गया कि पार्टी ने संगठनात्मक ढांचे को बेहतर बनाने और प्रदेश में मंत्री परिषद के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए ये फैसले लिए हैं. ताकि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अभी से ही तैयारियां की जा सके. हालांकि, जिन वरिष्ठ विधायकों को फिलहाल योगी कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी, उन्हें आगे लोकसभा भेजने के बाबत फैसले लिए जा सकते हैं और उन्हें पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ाने को लेकर प्लानिंग कर रही है.

डॉ. दिनेश शर्मा
डॉ. दिनेश शर्मा

इसे भी पढ़ें - ओपी राजभर, अब्दुल्ला आजम समेत कई विपक्षी विधायकों ने ली शपथ

वहीं, आंकड़ों की ओर देखे तो पाएंगे कि विधान परिषद के सौ सदस्य हैं. जिनमें निकाय क्षेत्र के 36 एमएलसी का कार्यकाल पूरा हो चुका है. माना जा रहा है कि 15 अप्रैल तक जब निकाय क्षेत्र के एमएलसी चुनाव समाप्त हो जाएंगे, तब भाजपा का विधानसभा सहित विधान परिषद में भी पूर्ण बहुमत हो जाएगा. बहुमत होने के बाद भाजपा आसानी से अपना सभापति बना सकेगी. जिसके लिए अभी डॉ. दिनेश शर्मा का नाम सामने आ रहा है.

डॉ. दिनेश शर्मा साल 2027 तक विधान परिषद के सदस्य हैं. ऐसे में उनको सभापति बनाकर भाजपा उन्हें एक सम्मानजनक जिम्मेदारी दे सकती है, जिसकी तैयारी की जा रही है. भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो यहां कई पूर्व मंत्री जो कि इस बार कोई भी विभाग नहीं पा सके हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही संगठन चाहता है कि जो पहले से भाजपा के केंद्रीय संगठन में रहे हैं, उनको केंद्र की किसी भूमिका में सेट कर दिया जाए.

सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा इसमें पूरी तरह से फिट नजर आ रहे हैं. इनके अलावा कुछ और भी नाम हैं, जो विधानसभा से लोकसभा का सफर करते हुए केंद्र सरकार का सफर तय कर सकते हैं. फिलहाल कम से कम चार विधायक ऐसे होंगे, जिनको केंद्र की राजनीति में जगह दी जा सकती है.

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लखनऊ: सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री व एमएलसी डॉ. दिनेश शर्मा भले ही अबकी योगी कैबिनेट से बाहर रहे हो, लेकिन अब इस बात की चर्चा तेज है कि उन्हें पार्टी जल्द ही कोई सम्मानजनक पद दे सकती है. इतना ही नहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो उन्हें अप्रैल माह में विधानसभा परिषद का सभापति भी बनाया जा सकता है. वहीं कहा जा रहा है कि अप्रैल तक भाजपा का विधान परिषद में बहुमत होगा. जबकि सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा जैसे कुछ वरिष्ठ विधायकों को दो साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है.

बताया गया कि पार्टी ने संगठनात्मक ढांचे को बेहतर बनाने और प्रदेश में मंत्री परिषद के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए ये फैसले लिए हैं. ताकि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अभी से ही तैयारियां की जा सके. हालांकि, जिन वरिष्ठ विधायकों को फिलहाल योगी कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी, उन्हें आगे लोकसभा भेजने के बाबत फैसले लिए जा सकते हैं और उन्हें पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ाने को लेकर प्लानिंग कर रही है.

डॉ. दिनेश शर्मा
डॉ. दिनेश शर्मा

इसे भी पढ़ें - ओपी राजभर, अब्दुल्ला आजम समेत कई विपक्षी विधायकों ने ली शपथ

वहीं, आंकड़ों की ओर देखे तो पाएंगे कि विधान परिषद के सौ सदस्य हैं. जिनमें निकाय क्षेत्र के 36 एमएलसी का कार्यकाल पूरा हो चुका है. माना जा रहा है कि 15 अप्रैल तक जब निकाय क्षेत्र के एमएलसी चुनाव समाप्त हो जाएंगे, तब भाजपा का विधानसभा सहित विधान परिषद में भी पूर्ण बहुमत हो जाएगा. बहुमत होने के बाद भाजपा आसानी से अपना सभापति बना सकेगी. जिसके लिए अभी डॉ. दिनेश शर्मा का नाम सामने आ रहा है.

डॉ. दिनेश शर्मा साल 2027 तक विधान परिषद के सदस्य हैं. ऐसे में उनको सभापति बनाकर भाजपा उन्हें एक सम्मानजनक जिम्मेदारी दे सकती है, जिसकी तैयारी की जा रही है. भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो यहां कई पूर्व मंत्री जो कि इस बार कोई भी विभाग नहीं पा सके हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही संगठन चाहता है कि जो पहले से भाजपा के केंद्रीय संगठन में रहे हैं, उनको केंद्र की किसी भूमिका में सेट कर दिया जाए.

सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा इसमें पूरी तरह से फिट नजर आ रहे हैं. इनके अलावा कुछ और भी नाम हैं, जो विधानसभा से लोकसभा का सफर करते हुए केंद्र सरकार का सफर तय कर सकते हैं. फिलहाल कम से कम चार विधायक ऐसे होंगे, जिनको केंद्र की राजनीति में जगह दी जा सकती है.

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Last Updated : Mar 29, 2022, 2:56 PM IST
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