लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने सत्र 2023 24 में बीटेक, बी-फार्मा सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया 15 जुलाई के बाद शुरू करेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार बीटेक सहित विभिन्न विषयों में प्रवेश की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई व्यापक कदम उठाने की तैयारी कर रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन इस बार की काउंसिलिंग प्रक्रिया को पाठ्यक्रम वार तीन चरणों में कराने की तैयारी कर रहा है.
एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय बीटेक व बीफार्मा पाठ्यक्रम के दूसरे वर्ष की कक्षाएं 14 अगस्त से शुरू हो रही हैं. ऐसे में बीटेक द्वितीय वर्ष में लैटरल एंट्री के माध्यम से जो प्रवेश होता है वह क्लासेस शुरू होने से पहले पूरा करने की तैयारी है. जैसे ही सीयूईटी का परिणाम जारी होगा विश्वविद्यालय में भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. इसमें भी सबसे पहले लैटरल एंट्री के छात्रों को बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा. जिसे 14 अगस्त से पहले इन छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो सके और वह अपनी क्लासेज समय पर शुरू कर सकें. अगर इस प्रक्रिया को विलंब करते हैं तो बीटेक द्वितीय वर्ष के पढ़ाई तो समय पर शुरू हो जाएगी. पर इन छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया देर से पूरा होने के कारण उन्हें बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी को देखते हुए इस बार यह निर्णय लिया गया है.
कुलपति प्रोफेसर पांडे ने बताया कि एकेटीयू से संबद्ध करीब 650 से अधिक इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में संचालित बीटेक की करीब एक लाख 35 हजार से अधिक सीटों पर प्रवेश लैटरल एंट्री के प्रवेश के तुरंत बाद शुरू होगा. जब बीटेक विषय में प्रवेश हो रहे हैं उस समय केवल बीटेक विषयों में ही प्रवेश की प्रक्रिया चलेगी. जिससे प्रवेश के दौरान विश्वविद्यालय को यह पता हो कि उसके बीटेक की कुल सीटों में से कितनी सीटें भरी गई है और कितनी सीटें भरी जानी हैं. ताकि समय पर इन सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन काउंसिलिंग प्रक्रिया में तेजी लाकर जल्द से जल्द सीटों को भर सके.
कुलपति ने बताया कि अभी तक काउंसिलिंग की प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन अपने सभी विषयों के प्रवेश प्रक्रिया एक साथ संचालित करता आ रहा है. ऐसे में बीटेक की सरकारी सीटें भर जाने के बाद बीटेक की बाकी सीटों पर प्रवेश को लेकर छात्रों का क्रेज कम दिखता है. दूसरी तरफ फार्मेसी का प्रवेश सबसे अधिक होता है. ऐसे में काउंसिलिंग के समय फार्मेसी में हो रहे प्रवेश की अधिकता के कारण बीते की खाली सीटों पर फोकस नहीं हो पाता है. जिससे वह सीट आखिरी समय तक खाली रह जाती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए बीटेक के सीटों को भरने के लिए पहले चरण की काउंसिलिंग प्रक्रिया में इस पर विशेष फोकस रखा जाएगा. विश्वविद्यालय प्रशासन सबसे अंतिम चरण में फार्मेसी की सीटों को काउंसिलिंग के माध्यम से भरेगा.
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